बीते दो दिनों में प्यूर्टो रिको अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में बहस का केंद्र बन गया है.
कैरेबियाई सागर में क्यूबा के नज़दीक इस छोटे से टापू में इस बार कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई है और ना ही उसकी हिचकोले खाती अर्थव्यवस्था अमेरिकियों का ध्यान खींच रही है.
प्यूर्टो रिको में दिलचस्पी का सबब है एक चुटकुला.
बीते रविवार को टोनी हिंचक्लिफ़ नाम के एक अमेरिकी कॉमेडियन ने न्यूयॉर्क में हुई ट्रंप की रैली में एक ऐसा जोक सुना दिया, जो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर असर डाल सकता है.
टोनी हिंचक्लिफ़ ने रविवार को न्यूयॉर्क में हुई रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की रैली के दौरान प्यूर्टो रिको को ‘समुद्र में तैरता कूड़े का एक टापू’ बताया था.
जबसे उनका ये जोक इंटरनेट पर वायरल हुआ, तबसे सोशल मीडिया पर नाराज़गी देखने को मिल रही है.
डेमोक्रेट ही नहीं बल्कि रिपब्लिकन पार्टी के राजनेता भी इस चुटकुले से पल्ला झाड़ रहे हैं और कॉमडेयिन की आलोचना कर रहे हैं.
प्यूर्टो रिको से आने वाले जेनिफ़र लोपेज़ और रिकी मार्टिन जैसे सुपरस्टार भी इन लोगों में शामिल हैं.
ट्रंप और हैरिस के बीच मुकाबला कांटे का है. ताज़ा सर्वेक्षणों से संकेत मिल रहे हैं कि एक प्रतिशत वोट इधर से उधर होने पर खेल बन या बिगड़ सकता है.
नीचे दिए ग्राफ़ में देखिए ट्रंप और हैरिस के ताज़ा नेशनल सर्वेक्षणों का औसत-
प्यूर्टो रिको क्यों है ख़ास
प्यूर्टो रिको, अमेरिका का एक स्वशासित राज्य है. ये साल 1898 से अमेरिका का हिस्सा रहा है.
इस कैरेबियाई द्वीप पर जन्मा हर व्यक्ति अमेरिकी नागरिक होता है और उसके पास अमेरिकी पासपोर्ट होता है.
हालाँकि वहां के लोग तब तक अमेरिकी चुनावों में वोट नहीं डाल सकते, जब तक वे 50 अमेरिकी राज्यों में से किसी एक में मतदान करने के लिए पंजीकृत न हों.
प्यूर्टो रिको की संस्कृति पर स्पैनिश और अफ़्रीकी प्रभावों का मिश्रण है. इस द्वीप पर अधिकतर लोग स्पैनिश बोलते हैं.
हर साल इस द्वीप पर लाखों टूरिस्ट आते हैं लेकिन हाल के वर्षों में बढ़ते कर्ज़े, ग़रीबी और बेरोज़गारी के कारण बड़ी संख्या में लोग अमेरिका जाते रहते हैं.
टोनी हिंचक्लिफ़ कौन हैं
टोनी हिंचक्लिफ टेक्सास के एक स्टैंड-अप कॉमेडियन हैं, जो अपने पॉडकास्ट ‘किल टोनी’ के लिए मशहूर हैं.
उनके यूट्यूब पर पॉडकास्ट के क़रीब 11 लाख सब्सक्राइबर हैं.
उन्होंने कॉमेडी जगत में अपनी शुरुआत जो रोगन के साथ काम करते हुए की और कॉमेडी सेंट्रल रोस्ट पर मशहूर हस्तियों के लिए चुटकुले लिखे.
वे पहली बार अपनी टिप्पणियाँ और आक्रामक स्वभाव के कारण सुर्ख़ियों में नहीं आए हैं.
साल 2021 में, उन्होंने एक कॉमेडी सेट के दौरान अमेरिकी-चीनी कॉमेडियन पेंग डेंग का जिक्र करते हुए नस्लीय टिप्पणी की थी और बाद में माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया था.
अमेरिकी मैगज़ीन वैरायटी ने जब उस विवाद के बारे में पूछा था तो हिंचक्लिफ ने कहा था, “मैं जानता था कि मैंने जो किया वह ग़लत नहीं था.”
बाइडन के चुनाव से हटने के बाद कमाल हैरिस मैदान में आई थीं तो मुकाबला कांटे का हो गया था. नीचे दिए गए ग्राफ़ में देखिए सर्वे में कैसे हैरिस और ट्रंप के बीच नज़दीकी मुकाबला देखने को मिल रहा है.
ट्रंप का डैमेज कंट्रोल
आलोचनाओं के बाद ट्रंप ने ख़ुद को हिंचक्लिफ़ के बयान से किनारा कर लिया है.
ट्रंप की वरिष्ठ सलाहकार डेनिएल अल्वारेज़ ने कहा, “ये एक जोक था और ये ट्रंप के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता.”
ग़ौरतलब है कि ट्रंप और हैरिस दोनों ही लैटिन अमेरिकी लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते रहे हैं. ये मतदाता 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में निर्णायक साबित हो सकते हैं.
पेनसिल्वेनिया जैसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य में प्यूर्टो रिको से आए लोग बड़ी संख्या में रहते हैं.
बीबीसी संवाददाता एंथनी जर्चर कहते हैं कि संडे की ट्रंप की रैली उनकी ताक़त दिखाने के लिए थी लेकिन अब उन्हें डेमेज कंट्रोल करना पड़ रहा है.
कुछ जानकार कह रहे हैं कि हिंचक्लिफ़ का जोक ट्रंप के दोबारा व्हाइट हाउस जाने के सपने को धूमिल कर सकता है.
कितने असरदार हैं प्यूर्टो रिको के मतदाता
बीते एक दशक में प्यूर्टो रिको से हज़ारों लोग अमेरिका पहुँचे हैं. अपने यहाँ भयानक समुद्री तूफ़ानों के बाद आए आर्थिक संकट से भागे लोग कई राज्यों में बसे हैं.
प्यूर्टो रिको से जो भी अमेरिका पहुँचा है, उसे चुनाव में मतदान देने का अधिकार है, बशर्ते वो किसी अमेरिका राज्य में बतौर वोटर पंजीकृत हो.
एक अनुमान के अनुसार ऐसे 58 लाख मतदाता हैं. इससे भी अहम ये है कि इनमें कई नॉर्थ कैरोलिना, जॉर्जिया, फ्लोरिडा और पेनसिल्वेनिया जैसे अहम राज्यों में केंद्रित हैं.
फ़्लोरिडा में 11 लाख ऐसे मतदाता हैं. ये ज़रूर ट्रंप का गढ़ है लेकिन प्यूरटो रिको के लोगों की नाराज़गी यहाँ महंगी पड़ सकती है.
फ्लोरिडा के पूर्व गवर्नर रिक स्कॉट ने चुटकुले के बारे में कहा, “ये बिल्कुल फ़नी नहीं था और सच तो कतई नहीं. प्यूर्टो रिको के लोग ज़बरदस्त हैं और वे बढ़िया अमेरिकन भी हैं.”
रिपब्लिकन पार्टी की मारिया एलविरा सालाज़ार ने एक्स पर ‘नस्लभेदी’ चुटकुले को भद्दा बताते हुए कहा कि ये उनकी पार्टी के मूल्यों को प्रतिबिंबित नहीं करता.
न्यूयॉर्क में प्यूर्टो रिको से आने वाले क़रीब 10 लाख लोग रहते हैं. इन लोगों को भी हिंचक्लिफ़ का जोक बिल्कुल फ़नी नहीं लगा होगा.
दांव पर व्हाइट हाउस की गद्दी
लेकिन सबसे अहम हैं पेनसिल्वेनिया में रहने वाले 4,50,000 प्यूर्टो रिको के मतदाता. ये लोग रिपब्लिकन पार्टी के सपनों को नुक़सान पहुँचा सकते हैं.
सर्वे के मुताबिक़ डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस में से कौन जीतेगा इसका फ़ैसला शायद पेनसिल्वेनिया करने वाला है.
इसकी वजह है.
पिछले चुनावों में यहाँ जो बाइडन को जीत मिली थी. वे महज़ 82,000 मतों से जीते थे. साल 2016 में यहाँ ट्रंप जीते थे पर सिर्फ़ 44,000 वोटों से.
टोनी हिंचक्लिफ़ के चुटकुले से पहले कमला हैरिस पेनसिल्वेनिया के एक प्यूर्टो रिकोन रेस्तरां में थी.
वे द्वीप की अर्थव्यवस्था और सात साल पहले आए तूफ़ान मारिया के बाद पुनर्निमाण की बारे में बात कर रही थीं.
इसके बाद उन्होंने एक वीडियो भी रिलीज़ किया जिसमें यही संदेश दोहराया और कहा कि तूफ़ान मारिया के वक़्त ट्रंप ने प्यूर्टो रिको की पर्याप्त मदद नहीं की थी. इस तूफ़ान के कारण वहां 4,000 लोग मरे थे.
फ़ायदा उठाने की फ़िराक में डेमोक्रेट्स
ट्रंप की न्यूयॉर्क रैली में जो कुछ हुआ डेमोक्रेटिक पार्टी उस भरपूर फ़ायदा उठाने की फ़िराक में है.
कमला हैरिस ने सोशल मीडिया पर प्यूर्टो रिको के बारे में अपने वीडिया हिंचक्लिफ़ के चुटकुले के साथ शेयर किया है ताकि लोगों को दोनों पार्टियों के विचारों का पता चल सके.
इसके अलावा डेमोक्रेटिक पार्टी के उप राष्ट्रपति उम्मीदवार टिम वाल्ज़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विच पर कॉमेडियन की कड़ी आलोचना की है.
नॉटिंघम यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर टॉड लैंडमेन ने द कनवर्सेसन में छपे एक लेख में कहा है कि ‘इस बार के चुनाव काफ़ी छोटे मार्जिन से जीते या हारे जाएंगे. यही वजह है कि प्यूर्टो रिको के लोगों का रुख़ किसी भी उम्मीदवार का खेल बिगाड़ सकता है.’
लैंडमेन कहते हैं कि यही वजह है कि दोनों ही पक्ष अब उनके वोट लेने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने लिखा, “अगर हिंचक्लिफ़ की टिप्पणियों से लोग क्रोधित हुए तो इसका चुनाव के परिणामों पर अहम असर पड़ेगा.”
यूनिवर्सिटी ऑफ़ पिट्सबर्ग के समाजशास्त्री फ़र्नेंडो टोरमोस-अपोंटे ने टाइम मैग़ज़ीन को बताया, “चुनाव बहुत नज़दीक हैं और इतनी जल्दी उस जोक को नहीं भुलाया जाएगा.”
उनका मानना है कि अन्य अल्पसंख्यक समूह भी प्यूर्टो रिको के लोगों का समर्थन कर सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो पांच नवंबर को डेमोक्रेट्स का पलड़ा भारी पड़ सकता है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित