सोमवार का दिन है, शाम का समय हो चुका है और कोलकाता पुलिस के मुख्यालय से कुछ ही दूर पर बीबी गांगुली स्ट्रीट पर जमा जूनियर डॉक्टरों का समूह अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठा हुआ है.
ये सभी जूनियर डॉक्टर कोलकाता के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों से यहाँ जमा हुए हैं. वो कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं.
पुलिस अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच रह रहकर संवाद हो रहा है. चूँकि उनके जुलूस को रोक दिया गया है इसलिए आन्दोलन कर रहे डॉक्टर धरने पर बैठे हुए हैं.
अचानक ख़बर आती है कि सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ़्तार कर लिया है.
इस सूचना के आते ही मौजूद प्रदर्शनकारी अचानक ज़ोर से ख़ुशी के मारे चीख उठे और पूरा इलाक़ा तालियों से गूँज गया.
सीबीआई कर रही थी लगातार पूछताछ
संदीप घोष से सीबीआई लगातार अपने स्पेशल क्राइम ब्रांच के दफ़्तर में पूछताछ कर रही थी. फिर देर रात उन्हें सीबीआई के अधिकारी अपने साथ ‘एंटी करप्शन ब्रांच’ ले गए. इसी बीच सीबीआई के एक अधिकारी ने घोष की गिरफ़्तारी की पुष्टि की.
कुछ ही घंटों में तीन और लोगों की गिरफ़्तारी कर ली गयी. सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक़, ये गिरफ़्तारियां आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई ‘वित्तीय गड़बड़ियों’ को देखते हुए की गई हैं.
गिरफ़्तार होने वालों में संदीप घोष के अलावा अस्पताल में आपूर्ति करने वाले दो ठेकेदारों– बिप्लब सिंघा, सुमन हाज़रा के साथ-साथ संदीप घोष के बॉडीगार्ड अफ़सर अली ख़ान शामिल हैं.
पिछले 15 दिनों से सीबीआई इन लोगों से पूछताछ कर रही थी.
किन और मामलों की जांच कर रही है सीबीआई
इसमें दो अलग-अलग मामले सीबीआई ने दर्ज किए हैं. पहला आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या का मामला है वहीं दूसरा मामला- अस्पताल में कथित वित्तीय प्रशासनिक गड़बड़ियों का है.
इस महीने की पांच तारीख़ को सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के मामले में सीबीआई को ‘स्टेटस रिपोर्ट’ दायर करनी है.
इससे पहले अस्पताल के ही एक पूर्व उप अधीक्षक अख़्तर अली ने कथित वित्तीय और दूसरी तरह की प्रशासनिक गड़बड़ियों को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
अख़्तर अली का दावा है कि वो बीते एक साल से अस्पताल में फैले कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार और राज्य के सतर्कता विभाग को शिकायत कर रहे थे. सीबीआई ने अख़्तर अली से भी पूछताछ की है.
संदीप घोष पर क्या हैं आरोप
आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर ‘कमीशन’ लेने के आरोप हैं. उन पर आरोप है कि वो बिना राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सहमति के अपने परिचितों को अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ठेके देते थे.
अख़्तर अली का कहना है कि उनकी शिकायत पर राज्य के सतर्कता विभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक ने 20 जुलाई 2023 को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को एक रिपोर्ट भेजकर आरजी कर अस्पताल में चल रहीं कथित गड़बड़ियों की विस्तृत जांच की सिफ़ारिश की थी.
बीबीसी से बातचीत के दौरान अख़्तर अली ने कहा था, “एक बार विस्तृत जांच भी हुई थी और जांच में उन्हें (संदीप घोष को) दोषी भी पाया गया था. ये जांच कई डाक्टरों की टीम ने की थी जिसे राज्य सरकार ने ही नियुक्त किया था. लेकिन जिस दिन जांच की रिपोर्ट पेश की गई थी उसी दिन उनका (संदीप घोष) नहीं बल्कि मेरा ही तबादला कर दिया गया.”
हाई कोर्ट में दाख़िल किए गए अपने जवाब में अख़्तर अली ने ये भी आरोप लगाया था कि ‘बांग्लादेश के दो नागरिकों’ को अस्पताल के ‘बायो मेडिकल वेस्ट’ (मेडिकल कचरा) को ‘बेचा’ जा रहा था और ये मेडिकल कचरा ‘बांग्लादेश तक तस्करी के ज़रिए’ पहुँच रहा था. इस पहलू की जांच भी अब सीबीआई कर रही है.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने उनका ट्रांसफ़र कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बतौर प्रिंसिपल कर दिया था.
मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने इसका संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए संदीप घोष को छुट्टी पर जाने का आदेश पारित किया था.
सीबीआई ने गिरफ़्तार किए गए सभी चारों लोगों के ठिकानों सहित कई अन्य लोगों के यहाँ भी छापेमारी की है.
राजनीतिक बयानबाज़ियां जारी
भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के संगठन के सह प्रभारी अमित मालवीय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके दावा किया है कि गिरफ़्तार लोगों का संबंध टीएमसी से है.
उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है और लिखा है कि इनमें बिप्लब सिंघा और सुमन हाज़रा “तृणमूल कांग्रेस के विधायक कल्याण घोष के साथ देखे जा सकते हैं.”
वो कहते हैं कि संदीप घोष से लेकर गिरफ़्तार किए गए सभी लोगों का तृणमूल कांग्रेस के साथ सम्बन्ध “सिर्फ़ एक संयोग नहीं हो सकता.”
वहीँ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता तौसीफ़ रहमान का कहना है, “सीबीआई ने संदीप घोष को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ़्तार किया है.. न कि बलात्कार और हत्या के मामले में.”
उनका कहना है कि सीबीआई से पहले ही पश्चिम बंगाल की सरकार ने संदीप घोष के ख़िलाफ़ टाला थाने में एफ़आईआर दर्ज कराई थी और साथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल भी गठित किया था.
पार्टी के राज्यसभा के सांसद साकेत गोखले कहते हैं कि ‘सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में ही अपना सारा समय लगा दिया है.’
वो कहते हैं, “आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई जघन्य हत्या की जांच सीबीआई पिछले 20 दिनों से कर रही है और उसमें अभी तक उसने कुछ नहीं किया है. जबकि कोलकाता पुलिस ने 12 घंटों में ही एक अभियुक्त को गिरफ़्तार कर लिया था.”
वहीँ भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा सांसद और राज्य में संगठन के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्या ने बीबीसी से कहा कि ‘अस्पताल में फैला भ्रष्टाचार और ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर मामला एक-दूसरे से जुड़ा हुआ मामला है. अब सीबीआई जांच कर रही है तो एक कड़ी से दूसरी कड़ी को जोड़ते हुए वो मामले की तह तक ज़रूर पहुंचेगी.”
भट्टाचार्य कहते हैं कि 9 अगस्त की घटना के बाद संदीप घोष, मेडिकल कॉलेज और प्रशासन से जुड़े दूसरे लोगों के साथ-साथ पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया जा रहा है क्योंकि ये सामान्य बात नहीं थी.
कोलकाता पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए वो कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी इनकी भूमिका को लेकर राज्य सरकार पर टिप्पणी की है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित