कनाडा ने ट्रैवल एडवाइजरी में क्या लिखा
कनाडा ने ट्रैवल एडवाइजरी में लिखा कि अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति के कारण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की सभी यात्रा से बचें। आतंकवाद, उग्रवाद, नागरिक अशांति और अपहरण का खतरा है। इस सलाह में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की यात्रा या उसके भीतर यात्रा शामिल नहीं है। इसे ”भारत के लिए सलाह, उच्च स्तर की सावधानी बरतें” के रूप में प्रकाशित किया गया है। एडवाइजरी में कहा गया है, “आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें नियमित रूप से होती रहती हैं। सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकवादी हमलों के कारण नागरिक हताहत हुए हैं। आगे के हमले किसी भी समय हो सकते हैं। आप खुद को गलत समय पर गलत जगह पर पा सकते हैं।”
पूर्वोत्तर की यात्रा को लेकर भी चेतावनी दी
कनाडा ने मणिपुर की यात्रा को लेकर भी अपने नागरिकों को चेताया है। ट्रेवल एडवाइजरी में लिखा है कि “पूर्वोत्तर राज्यों असम और मणिपुर में कई चरमपंथी और विद्रोही समूह सक्रिय हैं। वे नियमित रूप से स्थानीय सरकार और सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं और अपनी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए विभिन्न आपराधिक गतिविधियों का उपयोग कर सकते हैं। राज्य में जातीय तनाव भी हो सकता है जो संघर्ष और नागरिक अशांति का कारण बनता है।
कनाडा में कितने अलगाववादी संगठन सक्रिय
इस बीच भारतीय अधिकारियों ने बताया है कि आतंकवादी समूहों का समर्थन करने वाले कम से कम नौ अलगाववादी संगठनों के ठिकाने कनाडा में हैं और कई निर्वासन अनुरोधों के बावजूद कनाडा ने लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या समेत जघन्य अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। अधिकारियों ने कहा कि कनाडा में वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएसओ), खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ), सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) जैसे खालिस्तान समर्थक संगठन पाकिस्तान के इशारे पर कथित तौर पर स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं।