दक्षिण चीन सागर के एक विवादित हिस्से में चीन और फ़िलीपीन्स के कोस्टगार्ड के जहाज़ आपस में टकरा गए जिसके बाद दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है.
फ़िलीपीन्स का दावा है कि चीनी के जहाज़ “सीधे और जानबूझकर” उसके जहाज़ को टक्कर मारी थी. वहीं चीन का आरोप है कि फ़िलीपीन्स का जहाज़ “जानबूझकर” उसके जहाज़ से आकर टकराया.
चीन और फ़िलीपीन्स के जहाज़ों के बीच ये टक्कर शनिवार को दक्षिण चीन सागर में सबीना शोल (समुद्र की भीतर रेत की पट्टी) के पास हुई, जिसके बाद पहले से ही तनावपूर्ण रिश्ते वाले इन दो मुल्कों के बीच तल्खियां और बढ़ गईं.
चीन और फ़िलीपीन्स के बीच लंबे वक्त से दक्षिण चीन सागर के कुछ हिस्सों और द्वीपों को लेकर विवाद है. इसके कुछ हिस्सों पर दोनों अपना-अपना दावा करते हैं.
बीते दो सप्ताह में इस इलाक़े में इस तरह की कम से कम तीन घटनाएं हुई हैं जिसमें दोनों मुल्कों के जहाज़ शामिल हैं.
सबीना शोल पर चीन अपना दावा करता है, वो इसे शानबिन जियाओ कहता है वहीं फ़िलीपीन्स इस जगह को अपना मानता है, वो इसे एस्कोडा शोल कहता है.
ये शोल फ़िलीपीन्स के पश्चिमी तट से 75 नॉटिकल मील दूर है, वहीं ये चीन के दक्षिण में है और उसके तट से 630 नॉटिकल मील दूर है.
चीन का दावा- पूरे दक्षिण चीन सागर पर उसका हक़
दुनिया में होने वाले व्यापार का 80 फीसदी समुद्री मार्ग से होता है और इस व्यापार का क़रीब एक तिहाई साउथ चाइना सी से हो कर गुज़रता है. इस रास्ते से सालाना क़रीब 3.37 ट्रिलियन डॉलर का बिज़नेस होता है.
ऐसे में इस इलाक़े में कई मुल्कों की दिलचस्पी होना स्वाभाविक है. चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. इसके कुछ हिस्सों पर फ़िलीपीन्स, ब्रुनेई, मलेशिया, ताइवान और वियतनाम दावा करते हैं, इन हिस्सों पर भी चीन का दावा है.
ताज़ा विवाद के बाद चीन के कोस्टगार्ड ने फ़िलीपीन्स को चेतावनी दी है कि वो सबीना द्वीप के पास से दूर हटे और कहा है, “उकसाने, तनाव पैदा करने और हमारे इलाक़े में आने के किसी भी कदम को नाकाम कर दिया जाएगा.”
जबकि फ़िलीपीन्स कोस्ट गार्ड ने कहा कि वो अपने जहाज़ टेरेसा मैगबनुआ को वहां से नहीं हटाएगा. उसने कहा है, “प्रताड़ित किए जाने और दबंगई की हरकतों और तनाव बढ़ाने वाली चीन की कार्रवाई के बावजूद उसका जहाज़ वहां डटा रहेगा.”
इस टकराव पर फ़िलीपीन्स में अमेरिकी राजदूत ने क्या कहा
इस टकराव में कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन फ़िलीपीन्स कोस्ट गार्ड के कमोडोर जे तेरियाला ने कहा कि 97 मीटर लंबाई वाले उसके जहाज़ टेरेसा मैगबनुआ को चीनी ज़हाज ने कई बार टक्कर मारी थी. इस वजह से उसे “कुछ नुक़सान पहुंचा” है.
इस बीच, फ़िलीपीन्स में तैनात अमेरिका के राजदूत मेरीके एल कार्लसन ने इस क्षेत्र में चीन की इस कार्रवाई को ख़तरनाक करार दिया है.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “चीन अंतरराष्ट्रीय क़ानून का बार-बार उल्लंघन कर रहा है. ये ख़तरनाक है. आज भी उसने फ़िलीपीन्स के बीआरपी टेरेसा मैगबनुआ को टक्कर मारी, जबकि ये जहाज़ अपने एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन (ईईजेड) में था.”
उन्होंने् लिखा, “अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन में हम फ़िलीपींस के साथ हैं.”
दूसरी ओर चीन ने कई बार कहा है कि फ़िलीपीन्स और उसका सहयोगी अमेरिका इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है.
पिछले सप्ताह चीन के रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका फ़िलीपीन्स को शह दे रहा ताकि वो इस तरह की भड़काने वाली कार्रवाई करे.
पर्यवेक्षकों का मानना है कि चीन और फ़िलीपीन्स के बीच विवाद बढ़ने से इस इलाके़ में बड़ा टकराव पैदा हो सकता है.
संयुक्त राष्ट्र के फै़सले का कोई असर नहीं
इस मामले फ़िलीपीन्स ने संयुक्त राष्ट्र से मध्यस्थता कराने की कोशिश भी की थी.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि चीन का कथित नाइन डैश लाइन पर कोई क़ानूनी दावा नहीं बनता है. नाइन डैश लाइन वो बाउंड्री है जिस पर अपने अधिकार का दावा कर चीन दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से को अपना बताता है.
लेकिन चीन ने संयुक्त राष्ट्र के इस फै़सले को मानने से इनकार कर दिया
हालांकि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान ये देखा गया है कि चीन और फ़िलीपीन्स ने यहां तुरंत तनाव पैदा करने वाली किसी कार्रवाई से दूर ही रहने की कोशिश की है.
पिछले महीने दोनों इस बात पर राज़ी हो गए थे फ़िलीपींस थॉमस शोल में अपने दूसरी आउटपोस्ट तक भोजन, सप्लाई और कर्मियों से लैस कर सकता है. तब से ये काम बगै़र किसी विवाद के पूरा हो गया है.