इस्लामी उपदेशक डॉक्टर ज़ाकिर नाइक एक लंबे दौरे के लिए सोमवार को पाकिस्तान पहुँच हैं. ज़ाकिर नाइक के पाकिस्तान पहुँचने की चर्चा सोशल मीडिया पर ख़ूब है.
ज़ाकिर नाइक ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट डालकर जानकारी दी थी कि पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण पर वो और उनके बेटे शेख़ फ़ारिक़ नाइक पाकिस्तान के दौर पर जाएंगे.
इसके अलावा पाकिस्तानी मीडिया के कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वो शुक्रवार को जुमे की नमाज़ भी पढ़ाएंगे और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाक़ात भी करेंगे.
सोमवार को ज़ाकिर नाइक जब पाकिस्तान पहुँचे तो उनकी अगवानी के लिए पाकिस्तानी पीएम के यूथ प्रोग्राम चेयरमैन राणा मशहूद, धार्मिक और अंतरधार्मिक सद्भाव मामले के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉक्टर सैयद अताउर रहमान और बाक़ी अधिकारी मौजूद थे.
इसके बाद सोमवार को ही डॉक्टर ज़ाकिर नाइक ने एक तस्वीर एक्स पर पोस्ट की, जिसमें वो पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक़ डार से मुलाक़ात कर रहे हैं.
ज़ाकिर नाइक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली भी गए जहां पर उनका स्वागत स्पीकर सरदार आयाज़ सादिक़ ने किया.
नेशनल असेंबली ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके जानकारी दी कि उन्होंने इस दौरान मुसलमानों के सामने आने वाली चुनौतियों, अंतर-धार्मिक सद्भाव और दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
ज़ाकिर नाइक की बातचीत में हमास-इसराइल जंग की चर्चा
पाकिस्तान पहुंचने के बाद ज़ाकिर नाइक ने अलग-अलग कार्यक्रमों और टीवी चैनलों से इस्लाम से लेकर हमास-इसराइल जंग और भारत न जाने को लेकर बात की है.
धार्मिक और अंतरधार्मिक सद्भाव मामले के मंत्रालय के एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में हमास और इसराइल के बीच जारी जंग पर बोलते हुए ज़ाकिर नाइक ने कहा, “अल्लाह का प्लान बेस्ट ऑफ़ प्लान है, जिसका इंसान को बाद में पता चलता है. मिसाल के तौर पर अल्लाह तआला फ़लस्तीन को अगर एक दिन में जिताना चाहता तो जिता सकता था लेकिन नहीं जिताया क्योंकि अल्लाह बेहतर प्लानर है.”
“अगर अल्लाह एक दिन में फ़लस्तीन को जिता देता तो एक साल तक चली जंग में हज़ारों लोग आज फ़लस्तीन के पक्ष में नहीं होते. सात अक्तूबर को हुई घटना के बाद 99 फ़ीसदी ग़ैर मुस्लिम इसराइल के पक्ष में थे लेकिन आज 99 फ़ीसदी लोग ग़ज़ा को सही कह रहे हैं.”
इस दौरान एक पत्रकार ने उसने सवाल पूछा कि 16 हज़ार मासूम बच्चों की मौत के नुक़सान का क्या हुआ? इस पर ज़ाकिर ने कहा कि ‘वो जन्नत में गए. यही तो इनाम है, जिसे आप नुक़सान कह रहे हैं. इसको मैं शहादत कह रहा हूँ.’
“हिजरत करने से पहले (मुंबई छोड़ने से पहले) मैं रोज़ दुआ करता था कि या अल्लाह तआला मेरी जान और मेरा माल आप पर क़ुर्बान. 2016 में हिजरत की तो आधी दुआ पूरी हुई क्योंकि मेरा सारा माल वहीं रह गया. दूसरी क़ुर्बानी की मैं अभी भी दुआ करता हूं. मैं हर रोज़ शहादत की दुआ करता हूं.”
गोमांस पर क्या बोले
रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि क्या भारत के मुसलमानों को गोमांस पर प्रतिबंध का पालन करना चाहिए? इस सवाल पर ज़ाकिर नाइक ने कहा, “एक निजी राय और एक इस्लामी राय होती है. इस्लामी शरीयत ये कहता है कि जिस भी मुल्क में आप रह रहे हैं, उस मुल्क के क़ानून का आप पालन करें जब तक कि वो मुल्क अल्लाह और रसूल के क़ानून के ख़िलाफ़ न जाए. मिसाल के तौर पर कोई मुल्क नमाज़ पर पाबंदी लगाता है तो ये क़ानून नहीं माना जाएगा क्योंकि नमाज़ इस्लाम में फ़र्ज़ (अनिवार्य) है.”
“गोमांस खाना इस्लाम में फ़र्ज़ नहीं है. अगर कोई पाबंदी लगाता है तो हमें इसका पालन करना चाहिए. निजी राय मुझसे पूछेंगे तो बीफ़ बैन एक राजनीतिक मुद्दा है क्योंकि करोड़ों की तादाद में हिंदू भी गोमांस खाते हैं. नई सरकार के आने के बाद कई राज्यों में गोमांस पर पाबंदी लगाई गई है.”
“अगर आप लड़की का उत्पीड़न करते हैं तो तीन साल की सज़ा है और गोमांस खाने पर पांच साल की सज़ा है, ये कौन सा तर्क हुआ.”
सोशल मीडिया पर चर्चा
ज़ाकिर नाइक के पाकिस्तान दौरे की सोशल मीडिया पर ख़ासी चर्चा है. कोई उनका स्वागत कर रहा है तो कोई उनके कार्यक्रम में जाने वाले लोगों से अपील कर रहा है कि वो पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर उनसे सवाल पूछें.
ज़ारा नामक एक एक्स यूज़र ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें एक शख़्स कह रहा है कि ज़ाकिर नाइक पहले पाकिस्तान इसलिए नहीं आते थे क्योंकि तब वो भारत में रहते थे, अब वो भारत जा नहीं सकते तो पाकिस्तान आ रहे हैं.
यही शख़्स सवाल पूछ रहा है कि ज़ाकिर नाइक से पूछा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में महिलाओं के साथ और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से हो रहा सुलूक सही है या नहीं.
अक़ील सैयद नाम के एक यूज़र एक्स पर ज़ाकिर नाइक की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखते हैं, “पाकिस्तान में हमारे मौजूदा मुल्लाओं को संभालना नामुमकिन है, अब एक ही चीज़ वो ये बचे थे.”
वहीं डॉक्टर मुनीब उर रहमान के यूज़र ने पोस्ट किया है कि ‘मुझे क्यों ऐसा लग रहा है कि ज़ाकिर नाइक को एस्टैबलिश्मेंट (सेना) लॉन्च कर रही है.’
मलेशिया के पीएम से पहले दौरा
ज़ाकिर नाइक भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के मामले में अभियुक्त हैं. वह फ़िलहाल मलेशिया में रहते हैं और भारत सरकार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी है.
ज़ाकिर नाइक के पाकिस्तान दौरे के दौरान ही मलेशिया के प्रधानमंत्री तीन दिन के दौरे पर बुधवार को पाकिस्तान पहुंच रहे हैं.
इस दौरे पर मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ समेत कई नेताओं से मुलाक़ात करेंगे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज़ ज़हरा बलोच ने बताया है कि दोनों नेता क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि व्यापार, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, कृषि, हलाल इंडस्ट्री, पर्यटन, कल्चरल एक्सचेंज समेत कई क्षेत्रों में रिश्तों को मज़बूत करने की दिशा में दोनों देश चर्चा करेंगे.
ज़ाकिर नाइक और भारत
ज़ाकिर नाइक के भाषण जिस पीस टीवी पर प्रसारित किए जाते हैं, उस पर भारत, ब्रिटेन और बांग्लादेश समेत कुछ देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है.
पीस टीवी के मालिक भी ज़ाकिर नाइक ही हैं.
अपने भाषणों में ज़ाकिर नाइक इस्लाम के बारे में बातें करते सुनाई देते रहे हैं.
2015 में ज़ाकिर नाइक को ”इस्लाम की सेवा करने के लिए” सऊदी अरब ने अपने प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित भी किया था. नाइक को ये सम्मान किंग सलमान ने दिया था.
इस सम्मान से क़रीब 15 साल पहले साल 2000 के आस-पास ज़ाकिर नाइक के भाषणों ने बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान खींचना शुरू किया था.
बाद में ज़ाकिर पर इस्लाम को दूसरे धर्मों से श्रेष्ठ बताने और दूसरे धर्मों को नीचा दिखाने के आरोप लगे.
ज़ाकिर के भाषणों को कट्टरता फैलाने वाला बताया गया.
मगर ज़ाकिर की ज़िंदगी में बड़ी मुसीबत का दौर तब शुरू हुआ, जब 2016 में बांग्लादेश में चरमपंथियों के एक हमले में कई लोगों की मौत हो गई थी.
जाँचकर्ताओं के मुताबिक़- गिरफ्तार चरमपंथियों में से एक ने बताया था कि वो ज़ाकिर के भाषणों से प्रभावित था.
ज़ाकिर ने सितंबर 2024 को दिए एक इंटरव्यू में इस बारे में कहा, ”हमला करने वालों में से कोई एक मुझे फेसबुक पर फॉलो करता था, इस आधार पर मुझ पर आरोप लगे.”
इस मामले में बाद में मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने जांच की. शुरुआती जांच के बाद ज़ाकिर नाइक के संगठन आईआरएफ पर बैन लगा दिया गया.
इसके बाद ज़ाकिर भारत छोड़ मलेशिया चले गए थे. भारत सरकार ने ज़ाकिर नाइक को भगोड़ा घोषित कर दिया है.
2019 में श्रीलंका में ईस्टर संडे विस्फोट में 250 लोगों की मौत के बाद भी ज़ाकिर पर आरोप लगे.
2021 में गृह मंत्रालय ने ज़ाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फॉउंडेशन यानी आईआरएफ़ पर लगे बैन को पाँच साल के लिए बढ़ा दिया था.
केंद्र सरकार ने आईआरएफ़ को यूएपीए के तहत 2016 में बैन कर दिया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित