एलजी की शक्ति में इजाफा
इससे पहले यह अधिकार दिल्ली सरकार के पास थे। हालांकि, अब केंद्र सरकार ने यह अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं। ऐसे में ये तय माना जा रहा कि इस मुद्दे पर सियासी पारा चढ़ेगा। इस बीच गृह मंत्रालय ने अधिसूचित किया है कि राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल को संसद की ओर से दिल्ली के लिए बनाए गए कानूनों के तहत अहम फैसला लिया है।
नियुक्तियों से जुड़ा है मामला
गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, दिल्ली में किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय के सदस्यों को बनाने और नियुक्त करने की शक्ति एलजी को सौंपी गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को और अधिकार दे दिए हैं। यह फैसला मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिया। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर बताया कि राष्ट्रपति ने सक्सेना को यह अधिकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 के तहत दिए हैं।
जानिए अधिसूचना में क्या है
इसमें कहा गया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए और अगले आदेशों तक उक्त अधिनियम की धारा 45 डी के खंड (क) के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं। इसके तहत वह किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन कर सकेंगे। चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए। इसके अलावा वह ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति कर सकेंगे।