नई दिल्ली, पीटीआई। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू होने के साथ ही अब उचित समय आ गया है जब संसदीय कामकाज में व्यवधान को हथियार बनाने की रणनीति समाप्त की जाए क्योंकि ये लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है।
संविधान मसौदा तैयार करने की यात्रा चुनौतीपूर्ण
भारतीय संसद की समृद्ध विरासत के उपलक्ष्य में पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि इसी कक्ष में संविधान सभा के सदस्यों ने संविधान का मसौदा तैयार करने के चुनौतीपूर्ण कार्य की यात्रा शुरू की थी। उन्होंने कहा कि अतीत के उदाहरणों का हवाला देकर लोकतंत्र के मंदिरों में नियमों की अपमानजनक अवहेलना एवं अनुचित व्यवहार को उचित ठहराने पर सदा के लिए रोक लगाने का समय आ गया है।
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सहयोग और सहमतिपूर्ण रवैया अपनाना चाहिए
धनखड़ ने कहा कि हम नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं, हमें सहयोग और सहमतिपूर्ण रवैया अपनाना चाहिए। इस दौरान टकराव भरे रुख को अलविदा कहने और राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखने का संकल्प लेने का समय आ गया है। वहीं, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सोमवार को हम सभी ने इस भवन में सार्थक चर्चा की। मंगलवार को नए संसद भवन में प्रवेश करना ऐतिहासिक पल है।
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इस अवसर में सभी को बधाई देना चाहता हूं। नए संसद भवन में स्थापित प्राचीन सेंगोल से प्रेरणा लेकर हम सब देश सेवा के लिए प्रेरित रहेंगे. भारत एक विश्व शक्ति बन रहा है। नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनेगा। इस देश को नई ऊंचाइयों तक पीएम मोदी के नेतृत्व में हम सब लेकर जाएंगे। लक्ष्य बड़ा है और राह भी कठिन है। लेकिन हम अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।