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भारत-चीन की सीमा पर बसे गांवों में नहीं होगा पलायन! ITBP ने किया ये समझौता

Byadmin

Nov 29, 2024


भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ अहम समझौता किया है जिसके तहत सीमावर्ती गांवों से स्थानीय उत्पाद खरीदने का फैसला किया गया है। आईटीबीपी ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत यह नई पहल शुरू की है जिससे गांवों में पलायन रोकने में भी मदद मिलेगी। अन्य राज्यों के साथ भी ऐसा ही समझौता हो सकता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमावर्ती गांवों में रोजगार उपलब्ध कराकर पलायन रोकने के लिए आईटीबीपी ने स्थानीय उत्पाद खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए अरुणाचल प्रदेश के साथ आईटीबीपी ने समझौता किया है।

आईटीबीपी की कोशिश जल्द ही उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के साथ इसी तरह से समझौता कर सकती है। आईटीबीपी ने कदम वाइब्रेंट विलेज योजना को मजबूती प्रदान करेगा, जिसमें सीमावर्ती गांवों में सड़क, संचार, शिक्षा, बिजली, अस्पताल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ वहां के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाता है।

स्थानीय स्तर के खरीदे जाएंगे सामान

वाइब्रेंट विलेज स्कीम के तहत किए गए इस समझौते के तहत फल, सब्जियां, मांस, मछली, डेयरी समेत स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य उत्पाद गांवों से अरुणाचल प्रदेश में तैनात आईटीबीपी की यूनिट को आपूर्ति किए जाएंगे। इसके लिए वाइब्रेंट विलेज योजना तहत आने वाले गांवों मं सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा, जो इन उत्पादों की सप्लाई सुनिश्चित करेगा।

इसे लेकर आयोजित हस्ताक्षर समारोह में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री चौना मीन, कृषि मंत्री गेब्रियल डेनवांग वांगसू और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। ज्ञापन में भाग लेने वाले गांवों से अरुणाचल प्रदेश में स्थित इकाइयों को फल, सब्जियां, मांस, मछली, डेयरी और बाजरा जैसे स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया है।

सीएम की मौजूदगी में हुआ समझौता

समझौते पर आईटीबीपी के महानिरीक्षक अकुन सभरवाल और अरुणाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड (एपीएएमबी) के सीईओ ओकित पल्लिंग ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर बोलते हुए, खांडू ने सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की और स्थानीय आजीविका में सुधार के महत्व पर जोर दिया।

वांगसू ने इस आपूर्ति श्रृंखला को सुविधाजनक बनाने में सहकारी क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। इस समझौते के हिस्से के रूप में, आईटीबीपी स्थानीय सहकारी समितियों के माध्यम से वीवीएस में शामिल गांवों से स्थानीय रूप से उत्पादित सामान का स्रोत बनाएगी।

पलायन रोकने में मिलेगी मदद

इस पहल का उद्देश्य स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने के साथ अरुणाचल प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा को बढ़ाना है। माना जा रहा है कि इस योजना से सीमावर्ती गांवों में नया पलायन रोकने के साथ ही पलायन कर चुके लोगों की वापसी में भी मदद मिलेगी।साथ ही इससे स्थानीय समुदायों और आईटीबीपी कर्मियों के बीच संवाद और भरोसा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी, जिससे इन दूरदराज के इलाकों की सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा। ध्यान देने की बात है सीमावर्ती इलाकों में पलायन के खाली हो रहे गांवों सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है।

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