विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सैन्य नेतृत्व से आग्रह किया कि तेजी से बदलते भूराजनीतिक खतरों और अवसरों के लिए तैयार रहें। साथ ही प्रभावशाली तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा को अत्याधुनिक बनाने के लिए पूरी तरह से सरकारी रुख पर जोर देने की आवश्यकता है। यह सम्मेलन ऐसे समय में हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग में चीनी सेनाएं पीछे हट रही हैं।
नई दिल्ली, पीटीआई: विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सैन्य नेतृत्व से आग्रह किया कि तेजी से बदलते भूराजनीतिक खतरों और अवसरों के लिए तैयार रहें। साथ ही प्रभावशाली तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा को अत्याधुनिक बनाने के लिए पूरी तरह से सरकारी रुख पर जोर देने की आवश्यकता है। जयशंकर ने सैन्य कमांडर सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार को कहा कि भारतीय सेना के वरिष्ठ अफसर गवाह हैं कि एक ही समय में सीमा की सुरक्षा और देश के अंदर की सुरक्षा के लिए रणनीतियां तैयार करनी होती हैं।
यह सम्मेलन ऐसे समय में हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग में चीनी सेनाएं पीछे हट रही हैं। केंद्रीय मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी मंच साझा किया। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि दिल्ली में सैन्य कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करके आल्हादित हूं।
‘भविष्य के लिए एकरूपता लाने की जरूरत’
उन्होंने दूर दृष्टि अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से मौजूदा तैयारियों और उभरती चुनौतियों से निपटने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। भारत के रणनीतिक हितों को साधने के लिए सेना को प्रगतिशील बनाने और भविष्य के लिए एकरूपता लाने की जरूरत है।