अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य की सरकार में एक शीर्ष अधिकारी पर चीन के लिए जासूसी करने का अभियोग चलाया जा रहा है.
लिंडा सन पर आरोप है कि उन्होंने कोविड के दौरान न्यूयॉर्क राज्य की एक आधिकारिक ऑनलाइन मीटिंग का एक्सेस चीनी सरकार को दे दिया था.
अभियोग के मुताबिक़, उस वक़्त लिंडा सन बतौर चीनी जासूस, अमेरिका में अंडरकवर एजेंट थीं. वे क़रीब 14 सालों से अमेरिका में काम कर रही थीं. इस दौरान वे न्यूयॉर्क राज्य के गवर्नर की डिप्टी चीफ़ ऑफ स्टाफ़ के पद तक पहुँच गई थीं.
सरकारी वकील के मुताबिक़ 41 साल की लिंडा सन ने अपने पद का इस्तेमाल चीनी अधिकारियों की मदद के लिए किया.
लिंडा सन पर आरोप हैं कि उन्होंने ताइवान के राजनयिकों को न्यूयॉर्क राज्य की सरकार से संपर्क करने से रोका और बीजिंग के साथ आंतरिक दस्तावेज़ साझा किया.
इसके बदले कथित तौर पर चीन ने लिंडा सन और उनके पति क्रिस्टोफ़र हू को लाखों डॉलर के तोहफ़े दिए.
‘पूरा ख़याल रखा गया है’
सरकारी वकील का कहना है कि चीन से मिले पैसों की मदद से उन्होंने न्यूयॉर्क में 41 लाख अमेरिकी डॉलर का आलीशान घर ख़रीदा.
अदालती दस्तावेज़ के मुताबिक़ इन दोनों ने अमेरिका के हवाई राज्य के होनोलुलु में भी 21 लाख अमेरिकी डॉलर का शानदार घर ख़रीदा.
इसके अलावा इस जोड़ी ने फेरारी रोमा स्पोर्ट्स कार के नए मॉडल समेत कई लग्ज़री गाड़ियां ख़रीदीं.
मंगलवार को ब्रूकलिन फेडरल कोर्ट में दोनों ने विदेशी एजेंट के रूप में पंजीकरण न कराने, वीज़ा धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग समेत सभी आरोपों को नकार दिया.
अमेरिकी क़ानून के अनुसार अन्य देशों, राजनीतिक दलों या उनके हितों के लिए काम करने वाले लोगों को विदेशी एजेंट के रूप में पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है.
सरकारी वकील ने बताया कि लिंडा ने जानबूझकर चीनी अधिकारियों और प्रतिनिधियों के कहने पर उनके लिए काम करने की बात छिपाई.
लिंडा पर मुख्य आरोप ये है कि उन्होंने साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, चीनी कांसुलेट के अधिकारियों को न्यूयॉर्क राज्य के नेताओं से मिलवाया.
सरकारी वकील के मुताबिक़ उन्होंने कोविड के बारे में हो रही एक बैठक की कॉल में, चुपके से एक चीनी अधिकारी को शामिल कर लिया.
न्यूयॉर्क के पूर्व सरकारी वकील होवार्ड मास्टर ने बीबीसी को बताया, “न्यू जर्सी के पूर्व सीनेटर बॉब मेनेंडेज़ समेत वरिष्ठ अधिकारियों पर विदेशी सरकारों से गिफ़्ट लेने के आरोप लगे हैं. ये आरोप चिंताजनक हैं.”
लिंडा के ख़िलाफ़ जो सरकारी दस्तावेज़ पेश किए गए हैं उनमें बताया गया है कि उन्होंने ताइवान के प्रतिनिधियों की अमेरिकी सरकार से बातचीत करने की कोशिशों में भी बाधा डाली.
ताइवान के एक कार्यक्रम में न्यूयॉर्क के एक शीर्ष राजनेता को हटाने के बाद लिंडा ने 2016 में एक चीनी अधिकारी को एक संदेश में कहा था, “यह सब सही तरीके़ से किया गया है.”
साल 2019 में ताइवान के राष्ट्रपति की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान लिंडा को बीजिंग समर्थक विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हुए भी देखा गया था.
वीगर मुसलमानों का ज़िक्र हटाया
जनवरी 2021 तक उन्होंने चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले वीगर मुस्लिमों के चीन में हिरासत में लिए जाने के उल्लेख को भी हटा दिया.
चीनी नववर्ष के लिए चीनी अधिकारियों ने लिंडा से न्यूयॉर्क गवर्नर से एक मैसेज रिकॉर्ड करने का अनुरोध किया था. लिंडा ने पूछा था कि उन्हें इस मैसेज में क्या कहलवाना है?
चीनी अधिकारियों ने लिखा, “छुट्टियों की शुभकामनाएं, दोस्ती और सहयोग की उम्मीद. कुछ भी ज़्यादा राजनीतिक नहीं.”
लिंडा सन ने बाद में एक अन्य चीनी अधिकारी को बताया कि गवर्नर के भाषण से ‘वीगर मुसलमानों के ज़िक्र’ को हटाने पर उनकी भाषण लिखने वाले से बहस हुई.
साल 2023 में न्यूयॉर्क लेबर डिपार्टमेंट के लिए काम करते हुए लिंडा ने गवर्नर कैथी होचुल से चीनी नववर्ष पर लिखी उनकी स्पीच को पहले ही चीनी अधिकारी को दे दिया था.
ये भाषण गवर्नर होचुल की अनुमति के बग़ैर लिखा गया था.
चीन ने दिए ये बेशक़ीमती तोहफ़े
सरकारी वकील के मुताबिक़ जासूसी के बदले लिंडा और उनके पति को चीनी अधिकारियों ने काफ़ी पैसे दिए. दोनों को मिले उपहारों में चीन की यात्रा के सारे ख़र्च शामिल थे. उन्हें बड़े शोज़ , संगीत कार्यक्रम और खेल आयोजनों के टिकट भी दिए जाते थे.
इसके अलावा लिंडा के चचेरे भाई के लिए चीन में रोज़गार और चीनी सरकारी अधिकारी के निजी बावर्ची की पकाई नॉनजिंग सॉल्टेड डक डिश (बतख़ों के मांस से बना पकवान) की होम डिलीवरी भी की गई.
अदालती दस्तावेज़ों के अनुसार बतख़ की ये डिश 16 अलग-अलग मौकों पर उनके माता-पिता के घर भेजी गई.
मंगलवार सुबह फ़ेडरल एजेंट लिंडा और उनके पति के लॉन्ग आइलैंड स्थित घर पहुंचे और उन्हें 10 आपराधिक मामलों में गिरफ़्तार किया.
एपी न्यूज़ एजेंसी ने लिंडा के वकील जारोफ़ सोरफ़ के हवाले से कहा, “हम अदालत में इन आरोपों का सामना करने के लिए तैयार हैं. हमारे मुव्वकिल इन आरोपों के लगने से चिंतित हैं.”
इसके बाद अदालत ने दोनों को ज़मानत पर रिहा कर दिया है. लेकिन अब ये लोग सिर्फ़ तीन अमेरिकी राज्यों में ही यात्राएं कर पाएंगे.
साथ ही अदालत ने लिंडा को आदेश दिया है कि वो न्यूयॉर्क में चीनी कांसुलेट के प्रतिनिधियों से संपर्क ना करें.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित