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यूक्रेन, गाजा और बांग्लादेश… रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के अधिकारियों से किन बातों का किया जिक्र – ukraine gaza bangladesh defence minister rajnath singh what mention to armed forces officers

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Sep 6, 2024


नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों से यूक्रेन और गाजा में संघर्षों के साथ-साथ बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करने का आह्वान किया। ऐसा इसलिए जिससे भविष्य की किसी भी समस्या का अनुमान लगाया जा सके और अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहा जा सके। राजनाथ सिंह लखनऊ में संयुक्त कमांडरों के पहले सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के वास्ते सशस्त्र बलों को जंग के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उकसावे की घटनाओं पर समन्वित, त्वरित और उचित कार्रवाई करने पर जोर दिया।

चीन से सीमा विवाद बीच राजनाथ की खरी खरी

रक्षा मंत्री का यह बयान पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच आया है। रक्षा मंत्री ने चीन के साथ लगती भारत की सीमा पर स्थिति और पड़ोसी देशों के घटनाक्रम का गहन विश्लेषण करने पर जोर दिया, जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए चुनौती बन रहे हैं। ‘सशक्त और सुरक्षित भारत : सशस्त्र बलों में बदलाव’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में ‘एकीकृत थिएटर कमान’ शुरू करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा पर व्यापक चर्चा हुई।

‘हमारे पास मजबूत और सुदृढ़ राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचा होना चाहिए’

राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और सुदृढ़ राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचा होना चाहिए। उन्होंने कमांडरों से सशस्त्र बलों के शस्त्रागार में पारंपरिक और आधुनिक युद्ध उपकरणों के सही मिश्रण की पहचान करने और उसे शामिल करने का भी आह्वान किया। उन्होंने अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में क्षमता विकास पर जोर दिया और इन्हें आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए अभिन्न अंग बताया।

हमें अलर्ट रहने की जरुरत- राजनाथ

रक्षा मंत्रालय के अनुसार क्षेत्र में उभरते सुरक्षा हालात पर राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है। शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है। राजनाथ सिंह ने उत्तरी सीमा पर स्थिति और पड़ोसी देशों में हो रही घटनाओं के मद्देनजर शीर्ष सैन्य नेतृत्व की ओर से व्यापक और गहन विश्लेषण की आवश्यकता पर बल दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, भारत अपेक्षाकृत शांत माहौल में शांतिपूर्ण तरीके से विकास कर रहा है। हालांकि, चुनौतियों की बढ़ती संख्या के कारण हमें सतर्क रहने की जरूरत है।

भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी- रक्षामंत्री

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हमें भविष्य पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और सुदृढ़ राष्ट्रीय सुरक्षा का घटक होना चाहिए। हमारे पास अचूक प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए। दो दिवसीय सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ था। सम्मेलन में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने भी शामिल हुए।

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में सशस्त्र बलों के अमूल्य योगदान की सराहना की। रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षेत्र में क्षमता विकास पर जोर दिया और इन्हें आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए अभिन्न अंग बताया। उन्होंने सैन्य नेतृत्व से डाटा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी प्रगति के उपयोग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया।

इस सम्मेलन में देश के शीर्ष-स्तरीय सैन्य नेतृत्व ने हिस्सा लिया, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में राष्ट्र के समक्ष वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। मंत्रालय ने कहा कि सम्मेलन में कमांडरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम की समीक्षा करने का मौका मिला और साथ ही देश की रक्षा क्षमताओं को और बेहतर बनाने के उपायों पर भी चर्चा की गई।

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