ओडिशा में खेले जा रहे हॉकी वर्ल्ड कप में न्यूज़ीलैंड ने पेनाल्टी शूट आउट में भारत को हराकर क्वार्टर फ़ाइनल में जगह बना ली है.
दोनों टीमों के बीच यह मुक़ाबला बेहद रोमांचक रहा. दोनों टीमों ने निर्धारित 60 मिनट के खेल में 3-3 गोल दागे और बराबरी पर रहीं.
इसके बाद पेनाल्टी शूट आउट में भी दोनों टीमें 3-3 की बराबरी पर रहीं.
पांच-पांच मौके दिए जाने के बाद सडेन डेथ शुरू होता है जहां एक भी मौक़ा चूकने वाली टीम हार जाती है.
पहला मौक़ा न्यूज़ीलैंड की टीम को मिला लेकिन वो गोल नहीं कर सकी, फिर भारत ने भी पहला मौक़ा गंवा दिया.
इस दौरान भारतीय गोलकीपर श्रीजेश चोटिल हो गए और उनकी जगह कृष्ण पाठक आए.
न्यूज़ीलैंड और भारत ने अगले दोनों मौक़े को गोल में तब्दील किया वहीं इसके बाद के मौक़े दोनों टीमों ने फिर गंवाए. यहां तक दोनों टीमें 4-4 की बराबरी पर थीं.
आखिरकार मैच के फ़ैसले का क्षण तब आया जब अगले मौक़े को न्यूज़ीलैंड ने गोल में तब्दील कर दिया लेकिन भारत गोल करने से चूक गया. इसके साथ ही मेजबान भारत हॉकी वर्ल्ड कप से बाहर हो गया.
अब क्वार्टर फ़ाइनल मुक़ाबले में न्यूज़ीलैंड का मुक़ाबला चैंपियन बेल्जियम से होगा.
फुल टाइम तक दोनों टीमें 3-3 की बराबरी पर रही
इससे पहले दोनों टीमें वर्ल्ड कप हॉकी के इस क्रॉसओवर मुक़ाबले में निर्धारित समय के दौरान 3-3 की बराबरी पर रहीं.
दोनों टीमों के बीच यह मुक़ाबला भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेला गया.
इस मैच का पहला क्वार्टर गोल रहित रहा.
भारत को पहला पेनाल्टी कॉर्नर, मैच के 12वें मिनट में मिला लेकिन भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह गोल नहीं कर सके.
सातवें मिनट में न्यूज़ीलैंड के कप्तान निक वुड्स को और 9वें मिनट में भारत के मनप्रीत सिंह को ग्रीन कार्ड दिखाया गया. इससे दोनों टीमों को दो-दो मिनट के लिए 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा.
भारत ने बनाई बढ़त
भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में शानदार खेल का प्रदर्शन किया और 17वें मिनट में शमशेर के पास पर ललित उपाध्याय ने गेंद को गोलपोस्ट में डाल दिया. इसके साथ ही भारतीय टीम 1-0 से आगे हो गई.
भारत को 21वें मिनट में दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन भारतीय टीम कोई गोल नहीं कर सकी. इसके बाद भारतीय टीम ने 23वें मिनट में एक और पेनाल्टी कॉर्नर गंवाया.
हालांकि अगले ही मिनट भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पेनाल्टी कॉर्नर पर लगाए शॉट को न्यूज़ीलैंड के खिलाड़ी ने रोक दिया लेकिन गेंद उनसे छिटक कर सुखजीत सिंह के पास पहुंच गई और उन्होंने बग़ैर कोई ग़लती किए गोल कर दिया.
इसके साथ ही भारत ने 2-0 की बढ़त बना ली. लेकिन भारत यह बढ़त केवल चार मिनट तक ही कायम रख सका. न्यूज़ीलैंड के सैम लेन ने अपनी टीम के लिए मैच के 28वें मिनट में पहला गोल दागा.
हाफ टाइम तक भारत 2-1 से आगे रहा.
हाफटाइम के बाद न्यूज़ीलैंड ने की वापसी
इसके बाद जब दोनों टीमें हाफटाइम के बाद लौटीं तो मैच के 40वें मिनट में भारत की ओर से वरुण कुमार ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कर भारत की बढ़त को 3-1 कर दिया.
हालांकि यहां से मैच का रुख न्यूज़ीलैंड के पक्ष में मुड़ गया. किवी टीम की ओर से केन रसेल ने 43वें मिनट और फिर शॉन फिंडले ने 49वें मिनट पर गोल कर मैच को बराबरी पर ला दिया.
दोनों टीमों के बीच यह मुक़ाबला निर्धारित समय तक 3-3 से बराबरी पर छूटा और फिर पेनाल्टी शूटआउट में भी जब दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर रहीं तब यह फ़ैसला सडेन डेथ से हुआ.
इस हार के साथ ही वर्ल्ड कप हॉकी के क्वार्टर फ़ाइनल में पहुंचने का भारत का सपना टूट गया.
अब इस वर्ल्ड कप के क्वार्टर फ़ाइनल में 24 जनवरी को न्यूज़ीलैंड का मुक़ाबला पिछले बार की चैंपियन टीम बेल्जियम से होगा.