इमेज कैप्शन, इमरान ख़ान की बहनों का कहना है कि पहले उन्हें कोर्ट के आदेश के मुताबिक़ हर मंगलवार को अपने भाई से मिलने की इजाज़त थी, लेकिन इमरान ख़ान से उनकी आख़िरी मुलाक़ात 4 नवंबर को हुई थी….में
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान लगभग तीन साल से जेल में होने के बावजूद ख़बरों में हैं क्योंकि उनसे मिलने वाले परिवार के सदस्य और पार्टी नेता मीडिया के ज़रिए उनके समर्थकों तक उनके संदेश पहुंचाते रहते हैं.
उनके परिवार का दावा है कि उन्हें लगभग एक महीने से पूर्व प्रधानमंत्री से मिलने नहीं दिया जा रहा है क्योंकि उनके मुताबिक़, “सरकारी अधिकारी नहीं चाहते कि इमरान ख़ान के संदेश जेल से बाहर आएं.”
बीबीसी के साथ एक ख़ास इंटरव्यू के दौरान, इमरान ख़ान की बहन नौरीन ख़ान ने आरोप लगाया कि “उन्हें (सरकारी अधिकारियों को) बस इस बात की चिंता है कि इमरान ख़ान की बातें बाहर बताई जा रही हैं, इसीलिए उन्होंने मिलना-जुलना पूरी तरह से बंद कर दिया है.”
इमरान ख़ान की बहनों का कहना है कि पहले वे कोर्ट के आदेश के अनुसार हर मंगलवार को अपने भाई से मिलती थीं, लेकिन इमरान ख़ान से उनकी आख़िरी मुलाक़ात 4 नवंबर को हुई थी.
यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) से जुड़े सभी सांसदों ने मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट और अडियाला जेल के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, हालांकि, इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लगा दी गई है.
इमरान ख़ान की दूसरी बहन अलीमा ख़ान ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि 4 नवंबर को जेल अधिकारियों ने नौरीन ख़ान की इमरान ख़ान से मुलाक़ात का इंतज़ाम किया था और “उसके बाद, उन्होंने किसी से मिलने नहीं दिया.”
इमरान ख़ान की पूर्व पत्नी जेमाइमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री के बेटों समेत “किसी से भी फ़ोन पर बात तक नहीं करवाई जा रही है.”
उनके मुताबिक़, इमरान ख़ान के बेटे “चिट्ठी तक नहीं भेज सकते.”
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इमेज कैप्शन, इमरान ख़ान की पूर्व पत्नी जेमाइमा ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया है
पूर्व प्रधानमंत्री की बहन नौरीन ख़ान ने यह भी आरोप लगाया कि “पाकिस्तानी सरकार और एस्टैब्लिशमेंट इमरान ख़ान से 9 मई की ज़िम्मेदारी कबूल करवाना चाहते हैं.”
“वे चाहते हैं कि इमरान ख़ान उनसे इस बात के लिए माफ़ी मांगें कि 9 मई मैंने करवाया, मैंने तोड़-फोड़ की, मैंने अपने ही लोगों को गोली मारी, शायद वे यही चाहते हैं.”
नौरीन ख़ान के मुताबिक़, “इमरान ख़ान ने उनको एक ही जवाब दिया था कि आप सीसीटीवी फ़ुटेज निकाल लें, कैंटोनमेंट के अंदर चेकपॉइंट हैं, आर्मी की नज़र में आए बिना या कैमरों में कैद हुए बिना कोई भी यहां अंदर नहीं आ सकता.”
ध्यान दें कि पिछले साल 9 मई की घटना से पहले, जब आर्मी के प्रवक्ता मेजर जनरल अहमद शरीफ़ चौधरी से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीटीआई के साथ संभावित बातचीत के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने जवाब दिया था कि “कोई भी ऐसे अराजक ग्रुप से बात नहीं करेगा जिसने अपनी ही आर्मी पर हमला किया हो. ऐसे अराजक ग्रुप के पास देश से माफ़ी मांगने और नफ़रत की पॉलिटिक्स छोड़कर कंस्ट्रक्टिव पॉलिटिक्स में हिस्सा लेने का ही रास्ता है.”
इमेज कैप्शन, इमरान ख़ान की बहन अलीमा ख़ान ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि 4 नवंबर को जेल अधिकारियों ने नौरीन ख़ान की इमरान ख़ान से मुलाक़ात का इंतज़ाम किया था और “उसके बाद किसी से मिलने नहीं दिया”
सरकार क्या कहती है?
इमरान ख़ान को परिवार से न मिलने देना सिर्फ़ एक आरोप नहीं है, बल्कि सरकारी आंकड़े भी इस अघोषित रोक की पुष्टि करते दिख रहे हैं.
समा टीवी के एक प्रोग्राम में, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राना सनाउल्लाह ने कहा कि “ऐसा कोई क़ानून नहीं है जो किसी सज़ायाफ़्ता क़ैदी को जेल में बैठकर सरकार या राज्य के ख़िलाफ़ आंदोलन करने की इजाज़त दे.”
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को उनके परिवार से नहीं मिलने देने का विरोध सिर्फ़ पीटीआई ही नहीं कर रही है, बल्कि मानवाधिकार संगठनों ने भी इस पर चिंता जताई है.
सोमवार को पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने एक बयान में कहा कि “इमरान ख़ान को उनके क़रीबी रिश्तेदारों, सहयोगियों या लीगल टीम से नहीं मिलने देने की रिपोर्ट को साफ़ किया जाना चाहिए क्योंकि परिवार और क़ानूनी मदद तक पहुँच एक बुनियादी सुरक्षा है.”
पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर इमरान ख़ान की ख़राब सेहत और जेल में मौत की अफ़वाहें फैल रही हैं, जिनका सरकारी अधिकारियों ने खंडन किया है.
इमरान ख़ान की सेहत कैसी है?
इमरान ख़ान के बारे में फैल रही अफ़वाहों पर उनकी बहन नौरीन ख़ान कहती हैं, “मुझे नहीं पता कि यह ख़बर कैसे फैली.”
उनका आरोप है कि “इमरान ख़ान को जेल में टॉर्चर किया जा रहा है, उन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है और यह सब जेल के नियमों का उल्लंघन है.”
इमरान ख़ान की दूसरी बहन भी यह नहीं बता पा रही हैं कि ये अफ़वाहें कहां से फैलनी शुरू हुईं.
अलीमा ख़ान ने बीबीसी उर्दू को बताया, “ये अफ़वाहें कहां से आईं, जेल के अंदर से कैसे आईं? अफ़वाहें फैलाने वाले जेल स्टाफ़ या एस्टैब्लिशमेंट वाले ही होंगे.”
उन्होंने दावा किया कि “किसी ने हमें बताया कि वे यह देखने के लिए टेस्ट कर रहे हैं कि लोग कैसे रिएक्ट करते हैं. हमें कोई जानकारी नहीं है.”
हालांकि, इमरान ख़ान की बहन नौरीन ख़ान, जो 4 नवंबर को उनसे मिली थीं, उनका कहना है कि उनके भाई की “सेहत बिल्कुल ठीक थी, ख़ुराक भी अपने हिसाब से खाते हैं, एक्सरसाइज़ करते हैं और ख़ुद को मज़बूत दिखाते हैं.’
“वहां (जेल में) खाना वैसा ही पकता है जो इमरान ख़ान कहते हैं और यह उनके पैसों से पकता है.”
इमेज कैप्शन, पूर्व प्रधानमंत्री की बहन नौरीन ख़ान ने यह भी आरोप लगाया कि “पाकिस्तानी सरकार और एस्टैब्लिशमेंट इमरान ख़ान से 9 मई की ज़िम्मेदारी कबूल करवाना चाहती है”
इमरान ख़ान को परिवार से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है?
परिवार से मिलने की इजाज़त न मिलने की ख़बरों पर जेल अधिकारियों की तरफ़ से कोई साफ़ बयान जारी नहीं दिया गया है, लेकिन प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राना सनाउल्लाह ने आरोप लगाया है कि इमरान ख़ान जेल में बैठकर “अराजकता और अव्यवस्था फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.”
उन्होंने समा टीवी के एक प्रोग्राम में माना कि “क़ानून एक क़ैदी को उसके परिवार और वकीलों से मिलने की इजाज़त देता है. लेकिन ऐसा कोई क़ानून नहीं है जो किसी सज़ायाफ़्ता क़ैदी को जेल में बैठकर सरकार या राष्ट्र के ख़िलाफ़ आंदोलन करने की इजाज़त दे.”
“किसी भी क़ानून में यह नहीं लिखा है कि किसी क़ैदी को सरकार के ख़िलाफ़ अराजकता, देशद्रोह, अव्यवस्था, आंदोलन या आगजनी करने की इजाज़त दी जाए और वह इन सब चीज़ों को विज़िटर्स के ज़रिए मैनेज करे.”
हालांकि, राना सनाउल्लाह को यह भी नहीं पता कि इमरान ख़ान की मुलाक़ात पर रोक किसके आदेश पर लगाई गई है. उन्होंने कहा, “यह रोक ज़रूर जेल अधिकारियों ने लगाई होगी.”
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह बैन पंजाब सरकार ने लगाया है, तो उन्होंने जवाब दिया, “मुझे इसकी जानकारी नहीं है.”
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इमेज कैप्शन, पीटीआई से संबंध रखने वाले सभी सांसदों ने मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट और अडियाला जेल के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन का आह्वान किया था
लेकिन इमरान ख़ान की बहन नौरीन ख़ान का कहना है कि उनके और इमरान के बीच सिर्फ़ ‘आम बातें’ होती हैं कि “क्या हो रहा है, क्या होगा और आख़िर में वह उन्हें बताते हैं कि बाहर जाने पर क्या कहना है.”
“उन्हें बस इस बात की चिंता है कि इमरान ख़ान की बातें बाहर आकर बताई जाती हैं, इसीलिए उन्होंने उनसे मुलाक़ातें बिल्कुल ख़त्म कर दी हैं.’
उन्होंने दावा किया कि इमरान ख़ान का “टीवी बंद है, अख़बार बंद है. जेल के नियमों के मुताबिक़, आप किसी भी क़ैदी को चार दिन से ज़्यादा अकेले क़ैद में नहीं रख सकते.”
उन्होंने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री कोई एक्स्ट्रा सुविधा नहीं मांग रहे हैं, बल्कि “वह सिर्फ़ किताबें मांगते हैं और अपने बच्चों से बात करने के लिए कहते हैं.”
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इमेज कैप्शन, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राना सनाउल्लाह का आरोप है कि इमरान ख़ान जेल में बैठकर ‘अराजकता और अफ़रातफ़री फैलाने की कोशिश कर रहे हैं’
देश के क़ानूनों और जेल मैनुअल में क्या लिखा है?
क़ैदियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान और जेल के क़ानूनों के तहत अधिकारियों को क़ैदियों को उनके परिवारों और लीगल टीम से मिलने देने की अनुमति देना ज़रूरी है.
सोसाइटी फॉर ह्यूमन राइट्स एंड प्रिज़नर्स एड (शार्प) के चीफ़ एग्जीक्यूटिव मुहम्मद मुदस्सर जावेद ने बीबीसी उर्दू को बताया, “जेल मैनुअल के मुताबिक़, चाहे वह पॉलिटिकल क़ैदी हो या आम क़ैदी, उनकी मुलाक़ातें हर हफ़्ते होनी चाहिए और ये नियम लागू हैं.”
“परिवार को क़ैदी से मिलने का अधिकार है और क़ैदी अपने वकीलों या लीगल एडवाइज़र से मिल सकता है.”
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इमेज कैप्शन, चार नवंबर को इमरान ख़ान से मुलाक़ात करने वाली उनकी बहन नौरीन ख़ान कहती हैं कि उनके भाई की “सेहत बिलकुल ठीक थी, ख़ुराक भी अपने हिसाब से खाते हैं, एक्सरसाइज़ भी करते हैं और ख़ुद को मज़बूत भी दिखाते हैं”
मुहम्मद मुदस्सर जावेद का कहना है कि “क़ैदियों से मिलने से रोकने का अधिकार किसी के पास नहीं है.”
हालांकि, उन्होंने साफ़ किया कि “आईजी जेल सिक्योरिटी या सेफ्टी कारणों से ऐसा एक्शन ज़रूर ले सकते हैं, लेकिन फिर भी यह उनकी ज़िम्मेदारी है कि वे क़ैदियों से हर दूसरे दिन मिलने का इंतज़ाम करें और उन्हें सुविधाएं दें.”
इमरान ख़ान की बहनों का कहना है कि परिवार से मिलने की इजाज़त न देकर उनके भाई को ‘परेशान’ किया जा रहा है.
नौरीन ख़ान ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर उन्होंने कभी इमरान ख़ान के साथ कुछ किया तो याद रखें कि वे न पाकिस्तान में रहने के क़ाबिल होंगे और न दुनिया के किसी और कोने में.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.