कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार अपने ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव को हराने में कामयाब रही है.
कनाडा की संसद में बहस के बाद लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 211 के मुकाबले 120 मतों से गिर गया.
लेकिन आने वाले दिनोंं में ट्रूडो की मुश्किलें कम नहीं होने वाली है क्योंकि विपक्षी कंजर्वेटिव सांसदों ने मंगलवार को एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान किया है.
कंजर्वेटिव सांसदों ने ट्रूडो की सरकार पर बढ़ती महंगाई, हाउसिंग संकट और बेकाबू अपराध को काबू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.
ट्रूडो की लिबरल सरकार की पिछले नौ साल में लोकप्रियता कम हुई है.
ओपिनियन पोल में टोरी नेता पियरे पोयलिवर में काफ़ी आगे दिख रहे हैं और चाहते हैं कि देश में तुरंत चुनाव हो. वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस महीने की शुरुआत में लिबरल्स से अपना गठबंधन तोड़ दिया था. इससे ट्रूडो सरकार कमज़ोर हो गई है.
पोयलिवर ने कहा कि ट्रूडो की सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है. देश में महंगाई बढ़ रही है और हाउसिंग संकट गहराता जा रहा है जबकि देश का क़र्ज़ दोगुना हो चुका है.
इस महीने की शुरुआत में कनाडा की लेफ्ट विंग न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी यानी एनडीपी ने ट्रूडो सरकार को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया था.
एनडीपी ने बीते ढाई साल से ट्रूडो सरकार को समर्थन दिया हुआ था. इस कारण ट्रूडो सत्ता में बने हुए थे.
एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने चार सितंबर को सोशल मीडिया पर साझा किए वीडियो में कहा था, ”हमने प्रधानमंत्री को अपने फ़ैसले के बारे में बता दिया है. लिबरल पार्टी के लोग इतने कमज़ोर और स्वार्थी हो गए थे कि वो कनाडा के लोगों के लिए लड़ नहीं सकते.”