- Author, एलेक्स फिलिप्स, संजय ढकाल
- पदनाम, बीबीसी न्यूज़, बीबीसी नेपाली
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नेपाल में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के कारण अब तक कम से कम 170 लोगों की मौत हो चुकी है.
अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग इलाक़ों में 42 लोग अब तक लापता हैं और 111 से ज़्यादा घायल हैं.
नेपाल के गृह मंत्रालय ने बताया कि देश में शुक्रवार और शनिवार को बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने से कई लोगों की मौतें हुईं हैं.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने अंदेशा जताया कि मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है.
नेपाल की राजधानी काठमांडू के आस-पास के इलाक़ों में बाढ़ आई है. वहां के निवासियों ने बताया कि बढ़ते पानी से बचने के लिए लोग एक छत से दूसरी छत पर कूद रहे हैं.
एक युवक ने दो लोगों की जान बचाई
शनिवार सुबह ललितपुर के नक्खू नदी में आई बाढ़ में दो लोगों की जान बचाने वाले चनिकलाल तमांग की लोग काफी तारीफ़ कर रहे हैं.
बीबीसी नेपाली के संवाददाता विष्णु पोखरेल के मुताबिक़- 36 साल के चनिकलाल ने पांच में से दो लोगों को नदी में बहने से बचाया है.
ये सभी पहाड़ी पर एक टीन की छत पर बैठकर बचाव दल का इंतजार कर रहे थे.
अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि तमांग ने दोनों को नदी में करीब 500 मीटर तक बहने के बाद बचाया.
चनिकलाल तमांग इस घटना को लेकर बताते हैं, “नदी में बाढ़ आने की बात सुनकर मैं नदी देखने गया. मैं दूसरे लोगों के साथ किनारे बैठकर नदी देख रहा था.”
“तभी मैंने देखा कि लोग ऊपर से आ रहे हैं, मेरा मन किया कि मैं उन्हें बचा लूं. फिर मैंने नदी में उतरकर एक बच्चे और एक आदमी को बचाया.”
चनिकलाल बताते हैं, “कई लोग मुझसे पूछते हैं, तुमने कैसे बचाया. लेकिन जब मैं नदीं में उतरा तब मैंने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा था.”
बाढ़ के कारण कई घर डूब गए हैं. बचाव दल हेलीकॉप्टरों और नाव के ज़रिए लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं.
साल 1970 के बाद से इस बार नेपाल में सबसे ज़्यादा बारिश हुई, जिसकी वजह से यह बाढ़ आई है.
बीते दो दिनों में मध्य और पूर्वी नेपाल में हो रही तेज़ बारिश के कारण कई लोग प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा, “हम लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं और बचाव कार्य भी जारी है. झ्याप्लेखोलामा में भूस्खलन के मलबे को हटाया जा रहा है.”
हालांकि, मंगलवार तक बारिश के जारी रहने का अनुमान जताया गया था, लेकिन रविवार को बारिश में थोड़ी राहत दिखाई दी.
कुछ लोग रविवार को वापस अपने मकानों पर लौटने में सफल रहे. जबकि कुछ अभी भी अपने घर से दूर हैं. कस्बों और गाँवों के बीच बड़ी सड़कों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है.
नेपाल सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, अब तक 3 हज़ार से ज़्यादा लोगों को बचाया जा चुका है. मगर, बाढ़ के साथ भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
सरकारी मीडिया के मुताबिक़ पूर्वी काठमांडू का एक शहर भक्तापुर में एक मकान के ढह जाने से 5 लोगों की मौत हो गई. इनमें एक गर्भवती महिला और चार साल की बच्ची शामिल थी.
पश्चिमी काठमांडू के धाडिंग में हुए भूस्खलन में दबी बस से दो शव बरामद हुए. जानकारी के मुताबिक बस में ड्राइवर समेत 12 लोग सवार थे.
काठमांडू के दक्षिण-पश्चिम इलाक़े में मकवानपुर में ऑल नेपाल फुटबॉल एसोसिएशन एक ट्रेनिंग सेंटर चलाता है. भूस्खलन होने के कारण यहां 6 फुटबॉल खिलाड़ियों की मौत हो गई जबकि बाकी खिलाड़ी बह गए.
एक नाटकीय घटनाक्रम में 4 लोग दक्षिणी काठमांडू में नक्कू नदी में बह गए. चश्मदीद जितेंद्र भंडारी ने बीबीसी को बताया कि ‘‘घंटों तक वो लोग मदद के लिए पुकारते रहे. मगर, हम कुछ नहीं कर पाए.’’
हरि ओम मल्ला ने पानी के कारण काठमांडू में अपना ट्रक खो दिया. उन्होंने बीबीसी को बताया कि शुक्रवार रात बारिश का पानी ट्रक के केबिन में घुस गया था.
उन्होंने बताया, ‘‘हम पानी में कूदे और तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन मेरा पर्स, मोबाइल, बैग नदी में बह गया. हम पूरी रात ठंड में रुके रहे.’’
बिष्णु माया श्रेठा ने कहा कि इस बार बाढ़ का दायरा बड़ा है.
उन्होंने बताया, ‘‘पिछली बार हम लोग भाग गए थे, मगर कुछ नहीं हुआ था. लेकिन, इस बार सारे घर बाढ़ में डूब गए. जैसे ही पानी का स्तर बढ़ा, हमें छत तोड़कर बाहर निकलना पड़ा. हम एक छत से कूदकर दूसरी छत से होते हुए सीमेंट के मकान में पहुंचे.’’
सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने नेपाल टेलीविजन कॉर्पोरेशन को बताया कि बाढ़ के कारण वाटर पाइप, टेलीफोन और पावर लाइन टूट गई हैं.
सरकारी मीडिया के मुताबिक 10 हज़ार पुलिस अधिकारी, वॉलिंटियर्स और सेना के सदस्यों को बचावकार्य के लिए तैनात किया गया है.
नेपाल की सरकार ने लोगों से अपील की है कि गैर-ज़रूरी यात्रा करने से बचें. काठमांडू घाटी में रात के समय सफर न करें.
शुक्रवार और शनिवार को हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ. कई घरेलू उड़ान रद्द हो गईं.
नेपाल में हर साल मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन की आपदाएं होती हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज के कारण ज़्यादा बारिश होती जा रही है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित