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पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने इसकी वजह स्थानीय लीडरशिप से मतभेद बताई है.
शकील अहमद ने एएनआई से बातचीत में कहा, “ये मेरी पार्टी के कुछ लोगों से मतभेद की वजह से हुआ है. लेकिन मैं पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों का शुभचिंतक बना रहूंगा. मैंने सदस्यता से त्यागपत्र दिया है, पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों से मेरा कोई विरोध नहीं है.”
जब उनसे पूछा गया कि नाराज़गी हाई कमान से है या राज्य स्तर पर है, तो उन्होंने कहा, “यह लोकल एडजस्टमेंट की बात है. लोकल लोगों से बात हुई है और हाई कमान के ही नियुक्त किए लोग लोकल लेवल पर होते हैं. तो स्वाभाविक है कि पार्टी में एक एडजस्टमेंट नहीं बन पाया, जिसकी वजह से यह हुआ.”
वहीं, पीटीआई से बातचीत में शकील अहमद ने कहा कि उन्होंने इस्तीफ़ा देने का मन पहले ही बना लिया था, लेकिन चुनाव के बीच में इस्तीफ़ा देकर पार्टी को नुक़सान नहीं पहुंचाना चाहता था.
उन्होंने कहा, “पार्टी से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला मैंने 15-20 दिन पहले ही कर लिया था. मगर मैंने घोषणा इसलिए नहीं की थी कि मेरी वजह से पांच-छह लोग क्यों नाराज़ हों. इसलिए दूसरे फेज़ के मतदान के बाद मैंने एलान किया है.”
शकील अहमद ने यह भी कहा कि वह किसी अन्य पार्टी का हिस्सा नहीं बनेंगे और न ही उनके बच्चे राजनीति में आएंगे और चुनाव लड़ेंगे.
बिहार में दूसरे चरण मतदान मंगलवार, 11 नवंबर को समाप्त हुआ. दो चरणों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे.