राजस्थान के बीकानेर में एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी और उनकी पत्नी की उनके घर में हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें एक दंपति शामिल है जो कभी उस घर में किराएदार थे। आरोपियों ने लूटपाट के इरादे से बुजुर्ग दंपति की गला घोंटकर हत्या की।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के बीकानेर में सेना से रिटायर्ड अधिकारी और उनकी पत्नी की हत्या कर दी गई। दोनों के शव उनके बंद घर से बरामद हुए। मामले में पुलिस ने शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें एक दंपति भी शामिल है जो कभी उस घर में किराएदार थे।
पुलिस ने बताया कि हत्या 6 लोगों ने मिलकर की, जिनमें एक दंपति, महिला के पिता, भाई और दो अन्य लोग शामिल हैं। दो लोगों को महिला के पिता ने 13 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से हायर किया था। आरोपियों ने सेना से रिटायर्ड अफसर और उनकी पत्नी ने गला घोंटकर हत्या की और गहने व नकदी लेकर फरार हो गए।
पुलिस ने और क्या बताया?
बीकानेर के आईजी ओम प्रकाश ने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान 28 साल के अरुण कुमार, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले 24 साल के रोहित बंसल और 23 साल की प्रिया सिसोदिया के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि प्रिया अरुण के साथ मृतकों के घर में किराए पर रहती थी और दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहते थे। उसके पिता कर्मवीर सिसोदिया और भाई प्रियांशु अक्सर मिलने आया करते थे और घर पर रुकते भी थे।
बुजुर्ग दंपति की क्यों की गई हत्या?
पुलिस ने हत्या के मोटिव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रिया, उसके प्रेमी अरुण, उसके पिता कर्मवीर और भाई प्रियांशु ने धीरे-धीरे बुजुर्ग दंपति से दोस्ती की और उनका विश्वास जीत लिया। बीकानेर के एडिशनल एसपी सौरभ तिवारी ने बताया कि इन लोगों को मालूम था कि ये दंपति अकेले रहते हैं और ऐसे में इन लोगों ने इन्हें लूटने की साजिश रची।
पुलिस ने बताया कि 13 जुलाई को कर्मवीर सिसोदिया, गाजियाबाद का साथी सुमित, रोहित बंसल और अन्य लोग घर में घुस गए। इसके बाद इन लोगों ने तोड़फोड़ की और कीमती सामान लेकर भागने से पहले बुजुर्ग दंपति की गला घोंटकर हत्या कर दी।
पुलिस को किराएदारों पर क्यों हुआ शक?
पुलिस ने बताया कि सबसे पहले शक किराएदारों पर ही गया। पूछताछ के दौरान अरुण कुमार पर शक हुआ। उसने प्रिया को एक होटल में ठहराया हुआ था, जबकि पुलिस को गुमराह कर रहा था। उसने अपने कॉल रिकॉर्ड भी डिलीट कर दिए, जिससे शक और गहरा गया। मोबाइल लोकेशन डेटा और होटल रिकॉर्ड से पुलिस को आखिरकार मामले की कड़ियां जोड़ने और उसकी संलिप्तता की पुष्टि करने में मदद मिली।
पुलिस ने बताया कि बुजुर्ग दंपति अकेले रहते थे और इनके दो बेटे मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने की वजह से बाहर रहते थे। इनमें से एक नोएडा में रहता है, जबकि दूसरा कनाडा में। नोएडा में रहने वाले बेटे ने 15 जुलाई को अपने मां-बाप के पास फोन किया और जब बार-बार फोन करने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया तो उसने पास में रहने वाले चाचा को उनका हालचाल जानने के लिए कहा। तभी बुजुर्ग दंपति के शव बरामद हुए।