देश की राजनीति में शनिवार को दिनभर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के नतीजों के चर्चा होती रही, लेकिन यूपी में सियासी हल्कों में चर्चा रहा एक सीट का जिस पर बीजेपी ने उपचुनाव में जीत हासिल की है.
बात हो रही है उत्तर प्रदेश में उस विधानसभा की सीट की जिसे 2024 के उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने आख़िरी बार साल 1993 में जीता था. ये है मुरादाबाद ज़िले की कुंदरकी विधानसभा सीट.
31 साल पहले बीजेपी ने कुंदरकी सीट को जीता था. तब बीजेपी के चंद्र विजय सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की थी.
अब 2024 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के रामवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी के मोहम्मद रिज़वान को करीब डेढ़ लाख के मतों के अंतर से हराया.
रामवीर सिंह 2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और तब उन्हें मोहम्मद रिज़वान ने लगभग दो हज़ार वोटों के अंतर से हराया था.
11 मुस्लिम और एक हिन्दू उम्मीदवार
कुंदरकी सीट पर बीजेपी के रामवीर सिंह इक़लौते हिंदू उम्मीदवार थे जबकि निर्दलीय और अलग-अलग दलों को मिलाकर कुल 11 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे.
समाजवादी पार्टी के अलावा आज़ाद समाज पार्टी (कांशी राम), ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और बहुजन समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा था.
रामवीर सिंह को 1,70,371 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे मोहम्मद रिज़वान को सिर्फ़ 25,580 वोट मिले.
रामवीर सिंह और मोहम्मद रिज़वान के बीच जीत-हार का अंतर 1,44,791 वोट रहे और इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे आज़ाद समाज पार्टी (कांशी राम) के प्रत्याशी को 14,201 वोट मिले.
इसके अलावा एआईएमआईएम के मोहम्मद वारिश को 8,111 और बीएसपी के रफ़तुल्ला को 1,099 वोट मिले.
मुस्लिम बहुल सीट पर कैसे जीती बीजेपी?
साल 2022 में जब कुंदरकी सीट पर चुनाव हुआ था तब सपा के ज़िया उर्रहमान बर्क ने बीजेपी प्रत्याशी कमल कुमार को हराकर जीत दर्ज की थी. ज़िया उर्रहमान बर्क सपा के नेता और पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान के पोते हैं.
2024 में लोकसभा चुनाव में ज़िया उर्रहमान ने संभल से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इस तरह से कुंदरकी सीट खाली हुई और इस पर उपचुनाव हुआ.
बीजेपी की उपचुनाव में जीत इसलिए भी बड़ी मानी जा रही है कि इस सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है और उनकी हिस्सेदारी लगभग 60 फ़ीसद है. जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुए उनमें से कुंदरकी सीट को साख़ की लड़ाई से जोड़कर देखा जा रहा था. यही वजह है कि इस सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे.
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जीत के लिए रामवीर की रणनीति भी सामान्य तौर पर किसी बीजेपी उम्मीदवार से अलग दिखाई दी. रामवीर मुस्लिमों इलाक़ों में गए और बीजेपी के लिए वोट मांगे. कुछ मौक़े पर रामवीर जालीदार टोपी पहने हुए भी दिखे थे. मुस्लिमों के बीच जब रामवीर बोलते थे तो उर्दू या अरबी शब्दों का इस्तेमाल भी कर रहे थे.
हालांकि मतदान वाले दिन सपा प्रत्याशी मोहम्मद रिज़वान ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था. मोहम्मद रिज़वान ने कहा था, “बीजेपी नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन कुंदरकी में चुनाव लड़ रहा है. सपा के मतदाताओं को रोका जा रहा है और कई बूथों पर हमारे एजेंट नहीं बनने दिए गए.”
वोटिंग वाले दिन मोहम्मद रिज़वान का पुलिस प्रशासन से बहस का वीडियो भी वायरल हुआ था. तब प्रशासन की तरफ़ से कहा गया था कि प्राप्त शिकायतों के आधार पर कार्रवाइयां की जा रही हैं. हालांकि रामवीर सिंह का कहना था कि सपा प्रत्याशी हार के डर से झूठे आरोप लगा रहे हैं.
यूपी में बाक़ी सीटों पर उपचुनाव के नतीजे
उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर 20 नवंबर को मतदान हुआ था. ये नौ सीटें हैं- मीरापुर, कुंदरकी, ग़ाज़ियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां.
जब उपचुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी को नौ में से छह सीटों पर जीत हासिल हुई और दो सीटों (करहल और सीसामऊ) पर सपा और एक सीट (मीरापुर) पर आरएलडी प्रत्याशी की जीत हुई.
उपचुनाव में मिली जीत के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे को दोहराया.
उन्होंने कहा, “प्रदेश और देश की जनता बांटने वाली राजनीति को पूरी तरह ख़ारिज कर चुकी है इसलिए हम कह रहे हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे. इसलिए एक रहेंगे, सेफ रहेंगे पर देश की जनता जनार्दन ने अपना जनादेश दिया है.”
अखिलेश यादव ने इन नतीजों को वोट की लूट बताया है.
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “सामऊ विधानसभा सीट से श्रीमती नसीम सोलंकी व करहल विधानसभा सीट से तेज प्रताप यादव को जीत की हार्दिक बधाई. इंडिया गठबंधन-सपा के अन्य सभी प्रत्याशियों को भी बधाई, जिनकी नैतिक जीत हुई है क्योंकि दुनिया ने सरेआम वोट की लूट को देखा है.”
यूपी उपचुनाव से इतर बीजेपी वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र में और झारखंड मुक्ति मोर्चा वाले ‘इंडिया’ गठबंधन ने झारखंड में बहुमत हासिल किया है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित