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1 महीने की बेटी की हत्यारन मां को उम्रकैद, लड़की पैदा हुई तो कर दी थी हत्या, कोर्ट का इमोशनल स्टेटमेंट – the court sentenced the mother who killed her one month old daughter in bhopal to life imprisonment

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Feb 27, 2025


भोपाल: ‘वर्तमान में पुत्रियां सभ्यता, संस्कृति व राष्ट्र निर्माण का सशक्त हस्ताक्षर हैं। शास्त्रों में पुत्रियों को हृदयों का बंधन, भावों का स्‍पंदन, सृजन का आधार, भक्ति का आकार और संस्‍कृति का संस्कार माना गया है। वर्तमान में भारत जैसे विकसित राष्ट्र में पुत्रियों को साहस, सृजन, सेवा, सभ्‍यता, सौंदर्य एवं शक्ति के पुंज के रूप में देखा जा रहा है… यह बातें भोपाल के 23वें अपर सत्र न्यायाधीश अतुल सक्सेना ने गुरुवार की शाम एक हत्यारी मां को सजा सुनाते हुए कही।
न्‍यायालय ने अपने फैसले में रविन्द्र नाथ टैगोर की पंक्तियों का जिक्र करते हुए कहा, “जब एक पुत्री का जन्म होता है तो यह इस बात का निश्चायक सबूत है, कि ईश्वर मानव जाति से अप्रसन्‍न नहीं है, क्योंकि ईश्वर पुत्रियों के माध्यम से स्वयं को साकार रूप देता है।” न्यायालय ने एक माह की मासूम बच्ची की निर्मम हत्या करने वाली मां को 104 पेज का निर्णय पारित करते आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

क्या था पूरा मामला?

दरअसल, बात 16 सितंबर 2020 की है। 1 साल की मासूम किंजल मेवाड़ा के पिता जब शाम को करीब 4 बजे घर पहुंचे तो उसने अपनी पत्नी सरिता से अपनी बेटी के बारे में पूछा। उसकी पत्नी ने कहा कि दोपहर करीब 11:00 बजे किंजल को चारपाई पर लेटा दिया था जो अब चारपाई पर नहीं है। बच्ची को प्रेत आत्माएं ले गई हैं। उस समय वहां पर सरिता के अलावा अन्य कोई व्यक्ति नहीं था। बाद में परिजनों ने तलाशना शुरू किया तो करीब 04:00 बजे, घर के अंदर रखी पानी से भरी टंकी में बच्ची मृत अवस्था में पाई गयी। घटनास्थल पर कमरे के अंदर जाने के दो दरवाजे थे, जिसमें से एक बंद था और दूसरे दरवाजे पर स्वयं मृतिका की मां सरिता थी।

मां ने कबूल किया जुर्म

घटना के आधार पर पुलिस थाना खजूरी सड़क मे मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया। पुलिस को पहले ही शक बच्ची की मां सरिता पर शक था। पुलिस ने मां को गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू की। तब सरिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और उसने बताया कि उसने अपनी लड़की किंजल को पानी की टंकी में डालकर ढक्कन बंद कर दिया था। उसने सोचा था कि उसे लड़का होगा, किंतु लड़की हुई, तो उसे लड़की से कोई प्रेम नहीं था। वह जब-जब उसे देखती थी तो अपने आप को कोसने लगती थी। इसलिए उस समय जब घर में कोई नहीं था, तो मौका पाकर उसने किंजल को पानी की टंकी में डालकर ढक्कन बंद कर दिया और डर के कारण किसी को यह बात नहीं बताई।

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सुधा विजय भदौरिया ने की थी पैरवी

पुलिस ने कोर्ट में मामला पेश किया और सुधा विजय सिंह भदौरिया ने मामले की पैरवी की। भदौरिया ने बताया कि एक माह की मासूम बच्ची की निर्मम हत्या करने वाली आरोपिया माता सरिता मेवाड़ा को धारा 302, भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए आरोपिया सरिता मेवाड़ा को धारा 302 भादवि मे आजीवन कारावास एवं 1,000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया गया है।

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