12:24 PM, 26-Jan-2023
शास्त्रों में वसंत पंचमी का महत्व
- महाकवि कालिदास ने ऋतुसंहार नामक काव्य में वसंत पचंमी को ”सर्वप्रिये चारुतर वसंते” कहकर अलंकृत किया है।
- गीता में भगवान श्री कृष्ण ने ”ऋतूनां कुसुमाकराः” अर्थात मैं ऋतुओं में वसंत हूं कहकर वसंत को अपना स्वरूप बताया है ।
- वसंत पंचमी के दिन ही कामदेव और रति ने पहली बार मानव ह्रदय में प्रेम और आकर्षण का संचार किया था।
- इस दिन कामदेव और रति के पूजन का उद्देश्य दांपत्त्य जीवन को सुखमय बनाना है , जबकि सरस्वती पूजन का उद्देश्य जीवन में अज्ञानरुपी अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश उत्त्पन्न करना है ।
11:57 AM, 26-Jan-2023
कैसे हुआ देवी सरस्वती का जन्म
सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने जीवों खासतौर पर मनुष्य योनि की रचना की । अपनी सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे , उन्हें लगा कि कुछ कमी रह गई है जिसके कारण चारों ओर मौन छाया हुआ है । भगवान विष्णु से अनुमति लेकर ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का , पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कम्पंन होने लगा , इसके बाद एक चतुर्भुजी स्त्री के रूप में अदभुत शक्ति का प्राकट्य हुआ जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था । अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थीं । ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया । जैसे ही देवी ने वीणा का मधुर नाद किया , संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई । जलधारा में कोलाहल व्याप्त हो गया व पवन चलने से सरसराहट होने लगी । तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा । सरस्वती को बागीश्वरी , भगवती , शारदा , वीणावादिनी और बाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है । ये विद्या और बुद्धि की प्रदाता हैं ,संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी कहलाती हैं ।
11:26 AM, 26-Jan-2023
बसंत पंचमी पर छात्र करें ये उपाय
पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा ध्यान और शांति की दिशा मानी गई है व सकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव भी इसी दिशा में सबसे अधिक होता है। अतः ध्यान रहे कि अध्ययन कक्ष इन्हीं दिशाओं में हो और पढ़ते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहें।
11:08 AM, 26-Jan-2023
मां सरस्वती करती हैं हंस की सवारी
मां सरस्वती का वाहन हंस जो कि सफेद होता है। दूध और पानी को अलग करने की शक्ति हंस में होती है। यह प्रतीक हमें सही और गलत में फर्क करना सिखाता है और सही मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है।
10:31 AM, 26-Jan-2023
मां सरस्वती के हाथ में पुस्तक क्यों ?

vasant panchami 2023
– फोटो : अमर उजाला
ज्ञान और विद्या की देवी मां शारदा के एक हाथ में पुस्तक है। इनकी पुस्तक लोगों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करती है। शिक्षा और ज्ञान से ही सबका उत्थान संभव है, इसलिए जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए जितना संभव हो, उतना ज्ञान अर्जित करें।
10:12 AM, 26-Jan-2023
मां सरस्वती के हाथ में वीणा सुशोभित

वसंत पंचमी 2023 की शुभकामनाएं
– फोटो : amar ujala
देवी को वीणावादिनी भी कहा जाता है। वीणा का अर्थ खुश रहने और खुशी बांटने से है। जन्म के बाद माता सरस्वती ने वीणा के तार छेड़ा था, तो सारा संसार आनंद से चहक उठा था, ठीक वैसे ही, व्यक्ति को अपने मन को सदैव खुश रखना चाहिए, इतना खुश कि आपसे मिलकर दूसरे व्यक्ति का मन भी आनंद से भर जाए।
09:58 AM, 26-Jan-2023
सरस्वती वंदना

basant panchami 2023
– फोटो : अमर उजाला
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
09:53 AM, 26-Jan-2023
मां सरस्वती को पीला रंग बेहद की प्रिय

Basant Panchami 2023
– फोटो : अमर उजाला
वसंत पंचमी का त्योहार बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। वसंत पंचमी के बाद सर्दी कम होने लगती है। वसंत पचंमी के दिन पीले और सफेद कपड़े पहने का विशेष महत्व होता है। मां सरस्वती को पीला और सफेद रंग बेहद ही प्रिय होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीला रंग सकारात्मकता और पवित्रता का प्रतीक है जबकि सफेद रंग शांति और सुख-समृद्धि का प्रतीक होता है।
09:22 AM, 26-Jan-2023
मां सरस्वती का स्वरूप

वसंत पंचमी 2023 की शुभकामनाएं
– फोटो : amar ujala
आज वसंत पंचमी का पर्व है। वसंत पचमी पर मां सरस्वती की पूजा होती है। मां सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी कहा जाता है। मां सरस्वती के स्वरूप से हमें कई तरह की शिक्षा मिलती है। कमल पर आसीन मां सरस्वती के एक हाथ में पुस्तक, एक में वीणा, एक में माला और एक हाथ आशीर्वाद मुद्रा में है व उनका वाहन हंस है। माँ के स्वरूप में जन-जन के कल्याण लिए प्रेरणा छुपी हुई है। इस प्रेरणा को हम जीवन में उतार कर सुखी और समृद्ध जीवन जी सकते हैं।
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09:13 AM, 26-Jan-2023
वसंत पंचमी पर इन मंत्रों का करें जाप

Basant Panchami
– फोटो : अमर उजाला
“या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।”
“ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि,
तन्नो देवी प्रचोदयात्।”
“पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।”
“विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।”
08:51 AM, 26-Jan-2023
वसंत पंचमी पर आज न करें ये काम

basant panchami 2023
– फोटो : अमर उजाला
- वसंत पंचमी के दिन भूलकर भी काले, लाल या अन्य रंग बिरंगे वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए। दरअसल मान्यता है माता सरस्वती का जब अवतरण हुआ था तब ब्रह्मांड की आभा लाल,पीली और नीली थी लेकिन सबसे पहले पीली आभा के दर्शन हुए थे और माता सरस्वती को पीला रंग प्रिय है। इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
- वसंत पंचमी के दिन मांस-मंदिरा से दूरी बनाकर रखें। इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की आराधना की जाती है इसलिए इस दिन मन में कोई भी गलत विचार न लाएं और न ही किसी व्यक्ति को अपशब्द कहें।
- वसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए किसी भी चीज का सेवन न करें। इस दिन स्नान करके मां सरस्वती की पूजा करें इसके बाद ही कुछ ग्रहण करें।
- वसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधों की कटाई-छटाई भी न करें, क्योंकि इस दिन से बसंत ऋतु का भी आगमन होता है। इसलिए उसका सम्मान करने के लिए वृक्षों को काटने से बचना चाहिए।
08:40 AM, 26-Jan-2023
वसंत पंचमी का धार्मिक महत्व

basant panchami 2023
– फोटो : अमर उजाला
वसंत पंचमी को सभी शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है। मुख्यतयाः विद्यारंभ ,नवीन विद्या प्राप्ति एवं गृह-प्रवेश के लिए वसंत पंचमी को पुराणों में भी अत्यंत श्रेयकर माना गया है । महाकवि कालिदास ने ऋतुसंहार नामक काव्य में इसे ”सर्वप्रिये चारुतर वसंते” कहकर अलंकृत किया है । गीता में भगवान श्री कृष्ण ने ”ऋतूनां कुसुमाकराः” अर्थात मैं ऋतुओं में वसंत हूँ कहकर वसंत को अपना स्वरुप बताया है।वृज क्षेत्र में वसंत पंचमी के दिन से होली का शुभारंभ हो जाता है।चौराहों पर होलिका दहन के लिए लकड़ी एकत्र करने के बाद गुलाल उड़ाया जाता है। जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक उमंग के साथ लगातार चलता रहता है।
08:30 AM, 26-Jan-2023
सरस्वती पूजा का महत्व

Basant Panchami 2023
– फोटो : अमर उजाला
वसंत पंचमी पर विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा सभी शिक्षण संस्थानों और छात्रों के द्वारा किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों में देवी सरस्वती को विद्या, ज्ञान, कला और संगीत की देवी माना जाता है। इस दिन छात्र पीले रंग का वस्त्र पहनकर और माथे पर पीला टीका लगाकर पुस्तक और कलम की पूजा करते हैं। इसके अलावा इस दिन कला के क्षेत्र से जुड़े हुए लोग भी अपने वाद्य यंत्रों की पूजा करते हैं।
08:20 AM, 26-Jan-2023
आज वसंत पंचमी पर ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा

basant panchami 2023
– फोटो : अमर उजाला
– वसंत पंचमी तिथि पर विद्या की देवी मां सरसवती प्रगट हुईं थीं। ऐसे में इस दिन इनकी विशेष पूजा आराधना का महत्व है।
– आज सबसे पहले घर पर देवी सरस्वती की मूर्ति को पूजा स्थल पर रखें। इसके बाद कलश स्थापित करते हुए नवग्रहों की पूजा करते हुए पूजा का संकल्प लें।
– पूजा में पहले गंगाजल से आचमन और स्नान कराएं।
– मां सरस्वती को पीले रंग का फूल, वस्त्र और मिठाईयां अर्पित करें।
– इसके बाद मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें।
– मां सरस्वती की पूजा के बाद अपने इष्टदेवों की आराधना करें।
08:05 AM, 26-Jan-2023
आज कब है सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा करने का विशेष महत्व होता है। छात्रों और कला जगत के लोगों वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा करते है। शास्त्रों में देवी सरस्वती को ज्ञान,विद्या और कला के देवी माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पंचमी तिथि की शुरुआत 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट हुई है । पंचमी तिथि 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। ऐसे में सरस्वती पूजा के लिए सुबह 07 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक की जा सकती है।