दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने एमसीडी के 12 वार्डों के उपचुनाव की मतगणना के लिए व्यापक और सख्त इंतजाम किए हैं। गत 30 नवंबर को सम्पन्न हुए 12 वार्डों के चुनाव के बाद 10 जगह बुधवार सुबह आठ से मतगणना शुरू होगी। सभी सीटों पर 12 बजे तक तस्वीर साफ होने और एक बजे तक परिणाम आने की उम्मीद है। आयोग ने मतगणना प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करके विस्तृत प्रबंध सुनिश्चित किए हैं। सबसे पहला चुनाव परिणाम ग्रेटर कैलाश का आने की संभावना है।
आयोग के अनुसार, सभी काउंटिंग सेंटरों को आवश्यक तकनीकी और भौतिक सुविधाओं से लैस किया गया है। इन जगहों पर संबंधित वार्डों के मतों की गिनती होगी। प्रत्येक जगह मजबूत कक्ष (स्ट्रांग रूम) सुरक्षित रखे गए हैं, जहां ईवीएम मशीनें कड़ी सुरक्षा के बीच सीसीटीवी निगरानी में रखी गई हैं। इसके लिए 1800 दिल्ली पुलिस कर्मियों और 10 कंपनियों की सीएपीएफ की तैनाती की गई है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को लाइव सीसीटीवी निगरानी देखने की सुविधा भी दी गई है।
मतगणना हॉलों में पर्याप्त संख्या में टेबल, काउंटिंग सुपरवाइजर, सहायक, बिजली बैकअप और मीडिया व अधिकृत राजनीतिक दलाें के एजेंटों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। आयोग ने बताया कि करीब 700 कर्मचारियों को मतगणना कार्य में लगाया गया है। राजनीतिक दलों के अधिकृत प्रतिनिधियों को पहचान सत्यापन के बाद ही मतगणना स्थल में प्रवेश मिलेगा। राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार सबसे देर से परिणाम आने की संभावना दिचाऊं कला और नारायणा वार्ड से है, जहां बूथों व उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है।
उपचुनाव नतीजे खोलेंगे दिल्ली की सियासत के पत्ते
एमसीडी के 12 वार्डों के उपचुनाव की तस्वीर आज दोपहर 12 बजे तक साफ हो जाएगी और नतीजे अनुमान के मुताबिक एक बजे तक आ जाएंगे। ऐसे में बीती रात प्रत्याशियों के लिए जहां जीत-हार के गुणा-गणित में बीती, वहीं आज मतगणना शुरू होने के साथ ही उनकी धड़कने तेज और धीमी होंगी। वैसे तो इन परिणामों से एमसीडी की सत्ता पर पूर्ण बहुमत से काबिज भाजपा को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन जनता की नजर में जीत-हार डबल इंजन की सरकार के लिए मूल्यांकन साबित होगी।
परिणाम तय करेंगे क्या मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा का जलवा जनता के बीच बरकरार है? या आम आदमी पार्टी दोबारा जनता के बीच पैठ बनाना शुरू कर चुकी है? या कांग्रेस का वनवास खत्म होने की ओर है ? इन सब सवालों पर बुधवार की मतगणना की दिशा और दशा मुहर लगाएगी। भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता इस उपचुनाव के परिणामों को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। उम्मीदवार चयन से लेकर वार्डवार रणनीति, बूथ मैनेजमेंट से सोशल मीडिया कैंपेन तक, सभी ने अपनी-अपनी ताकत झोंकी थी। भाजपा जहां अपने कामकाज और विकास एजेंडे पर वोट मांगती रही, वहीं आम आदमी पार्टी ने प्रदूषण, वादे पूरे नहीं करने आदि को मुद्दा बनाया था। कांग्रेस ने परंपरागत वोट बैंक को सक्रिय करने के लिए लगातार क्षेत्रीय सभाएं और जनसंपर्क अभियान चलाए थे।
उधर, राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अगर भाजपा अधिकांश सीटें जीत लेती है, तो इसका सीधा संदेश होगा कि जनता अभी उसके साथ है। कांग्रेस के लिए एक-दो सीट पर जीत भी उसका मनोबल बढ़ाने वाली होंगी। वहीं नतीजों से पहले राजनीतिक दलों के दफ्तरों पर हलचल तेज है। बताते चले कि भाजपा ने इसे वर्ष 2027 में होने वाले एमसीडी आम चुनावों का सेमीफाइनल बताया है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे जनता के बीच अपनी साख को दोबारा मजबूत करने का अवसर मान रही है। कांग्रेस के लिए परिणाम यह संकेत देगा कि उसकी जमीन वापस लौट रही है या अभी लंबा इंतजार बाकी है।