• Wed. Nov 12th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

New Military Station In Assam To Boost Border Security, Intelligence: Experts, News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live

Byadmin

Nov 12, 2025


असम के धुबरी जिले के बमुनिगांव में भारतीय सेना ‘लाचित बोरफुकन मिलिट्री स्टेशन’ बना रही है। यह जगह बांग्लादेश सीमा से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। यह पश्चिमी असम का पहला ऐसा स्टेशन होगा, जो सीमा की सुरक्षा और खुफिया जानकारी जुटाने में सेना की बड़ी मदद करेगा। पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने हाल ही में अग्रिम चौकियों के दौरे के दौरान इस सैन्य स्टेशन की नींव रखी।

यह भी पढ़ें – Sheikh Hasina: ‘भारत के प्रति मोहम्मद यूनुस की दुश्मनी आत्मघाती’, बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का बयान

क्यों खास है यह स्टेशन?

सेना के पूर्व अधिकारी ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) रंजीत कुमार बोरठाकुर ने कहा, ‘बांग्लादेश में मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए यह निर्णय बहुत स्वागत योग्य है। पहले सबसे नजदीकी सैन्य कैंप कूचबिहार (पश्चिम बंगाल) और तमुलपुर (असम) में थे। अब धुबरी में नया स्टेशन बनने से ह्यूमन और सिग्नल इंटेलिजेंस दोनों को मजबूती मिलेगी।’ वहीं सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेन्द्र रावत ने बताया कि यह स्टेशन क्षेत्र में सेना की संचालन क्षमता और बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, ‘इससे इलाके की निगरानी आसान होगी और स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना भी बढ़ेगी।’

1500 जवानों की तैनाती और पैरा-कमांडो यूनिट भी

मामले में एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि, यह नया स्टेशन तेजपुर में मौजूद 4 कोर के अधीन रहेगा और इसमें करीब 1200 से 1500 जवानों के रहने की व्यवस्था होगी। शुरुआत में काम जल्दी पूरा करने के लिए प्री-फैब्रिकेटेड झोपड़ियों का निर्माण किया जा रहा है। असम सरकार ने इस परियोजना के लिए भूमि भी बहुत तेजी से, सिर्फ एक-दो महीने में, सेना को सौंप दी थी। इस स्टेशन में एक पैरा-कमांडो यूनिट भी तैनात की जाएगी। लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा, ‘लाचित बोरफुकन मिलिट्री स्टेशन सशस्त्र बलों और राज्य प्रशासन के बीच तालमेल का प्रतीक है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास की साझा सोच को दर्शाता है।’

बांग्लादेश की राजनीति और सुरक्षा चुनौतियां

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बोरठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद उसका रुख भारत के प्रति ‘काफी कठोर’ हुआ है। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ते रिश्ते चिंता का विषय हैं। पाकिस्तान के नेताओं और रक्षा अधिकारियों की बार-बार यात्राएं भी संकेत देती हैं कि क्षेत्रीय परिदृश्य बदल रहा है।’ उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के कार्यवाहक सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस की तरफ से भारत और विशेषकर सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) पर दिए गए बयान, और चीन को लालमोनिरहाट एयरफील्ड सक्रिय करने की अनुमति देना, दोनों ही भारत की सुरक्षा दृष्टि से गंभीर विषय हैं। सिलीगुड़ी कॉरिडोर, करीब 22 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। बोरठाकुर ने कहा, ‘यह इलाका हमारे लिए हमेशा रणनीतिक रूप से संवेदनशील रहा है। हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं, पर हमें और सक्रिय रहने की जरूरत है।’

यह भी पढ़ें – Delhi Blast: एनआईए ने जांच के लिए गठित किया विशेष दल, एसपी और इससे ऊपर रैंक के अधिकारी करेंगे नेतृत्व

सीमा पार अपराध और खुफिया तंत्र की भूमिका

उन्होंने बताया कि बांग्लादेश सीमा पर तस्करी, अवैध प्रवासन, पशु तस्करी और कट्टरपंथी गतिविधियां लंबे समय से चुनौती रही हैं। उन्होंने कहा, ‘बीएसएफ और अन्य एजेंसियां सीमा प्रबंधन कर रही हैं, लेकिन सेना को अपनी खुफिया क्षमताएं, खासकर सिग्नल और मानव इंटेलिजेंस, और बढ़ानी होंगी। धुबरी का नया स्टेशन इसमें बहुत मददगार होगा।’ बोरठाकुर ने ये भी कहा, ‘यह नया कैंप सुरक्षा बलों की तैयारी को और पुख्ता करेगा। यह असम ही नहीं, पूरे पूर्वोत्तर की सुरक्षा रणनीति में एक मजबूत कड़ी बनेगा।’ इससे पहले जून में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि राज्य सरकार ईद-उल-जुहा त्योहार के बाद सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए ‘संवेदनशील’ धुबरी जिले में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए सेना का एक स्थायी बेस स्थापित करने के विकल्प पर विचार कर रही है।

 

By admin