सरकार ने गुरुवार को लोकसभा को बताया कि एयरलाइन कंपनियों ने इस वर्ष 21 जुलाई तक विमानों में तकनीकी दिक्कतों की 190 मामलों सूचना दी है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा कि विमानों में तकनीकी समस्याएं विमान के सिस्टम सहायक उपकरणों के ठीक से कार्य न करने या खराबी के कारण हो सकती हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को लोकसभा को बताया कि एयरलाइन कंपनियों ने इस वर्ष 21 जुलाई तक विमानों में तकनीकी दिक्कतों की 190 मामलों सूचना दी है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने लोकसभा को दी जानकारी
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा कि विमानों में तकनीकी समस्याएं विमान के सिस्टम, सहायक उपकरणों के ठीक से कार्य न करने या खराबी के कारण हो सकती हैं।
विमान के उड़ान भरने से पहले सभी समस्याओं को ठीक करने की जिम्मेदारी एयरलाइनों की होती है। मंत्री द्वारा साझा किए गए डाटा के अनुसार, इस वर्ष 21 जुलाई तक एयरलाइन कंपनियों ने 190 तकनीकी दिक्कतों की सूचना दी है, जबकि 2024 में यह संख्या 421 थी।
अन्य प्रश्न उत्तर में मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान देश के विभिन्न हवाईअड्डों के विकास, उन्नयन, आधुनिकीकरण पर 96,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया है।
662 उड़ानें रद्द या पुनर्निर्धारित कीं
अन्य प्रश्न के उत्तर में मोहोल ने कहा कि इस वर्ष नियामक और भू-राजनीतिक मुद्दों के कारण एयरलाइन कंपनियों ने 2,458 उड़ानें रद या पुनर्निर्धारित की हैं। इंडिगो और एअर इंडिया ने क्रमश: 1,017 और 662 उड़ानें रद्द या पुनर्निर्धारित कीं। स्पाइसजेट ने 334, एअर इंडिया एक्सप्रेस ने 427 और अकासा एयर ने 18 उड़ानें रद्द या पुनर्निर्धारित कीं।
द्दीकरण या देरी के लिए यात्रियों को रिफंड या मुआवजा देना जरूरी
देरी और रद्दीकरण के कारण एयरलाइनों को अतिरिक्त ईंधन, चालक दल का ओवरटाइम, रखरखाव, हवाईअड्डा शुल्क और पुन: बुकिंग व्यय सहित लागत उठानी पड़ती है। रद्दीकरण या देरी के लिए यात्रियों को रिफंड या मुआवजा देना जरूरी है।
मंत्री ने कहा, जनवरी-जून 2025 के दौरान घरेलू एयरलाइनों द्वारा यात्रियों की संख्या में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।