Republic Day Celebration 20023: आज भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्त्वय पथ पर झंडा पहराएंगी। इसके बाद भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में हुई देश की प्रगति की झलक मिलेगी। देश में निर्मित रक्षा सामग्री को विशेष तौर पर प्रदर्शित किया जा रहा है। मिस्र के राष्ट्रपति महामहिम अब्देल फतह अल-सिसी परेड के मुख्य अतिथि होंगे। परेड के मार्चिंग दस्ते में अग्निवीर भी शामिल होंगे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10.30 बजे शुरू होगी। इसमें देश के सैन्य कौशल और सांस्कृतिक विविधता का एक अनूठा मिश्रण दिखेगा। यह परेड देश की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘नए भारत’ के उद्भव को दर्शाएगी।
परेड समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय समर स्मारक का दौरा करने के साथ होगी। वह पुष्पांजलि अर्पित करके वीरगति को प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे। इसके बाद, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर आंएगे।
परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान होगा। 21 तोपों की सलामी 105 एमएम की भारतीय फील्ड गन के साथ दी जाएगी। यह विंटेज 25 पाउंडर गन की जगह लेगी, जो रक्षा में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को दर्शाती है। 105 हेलिकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी/वी5 हेलिकॉप्टर कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर पुष्प वर्षा करेंगे।
परेड की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा सलामी लेने के साथ होगी। परेड की कमान परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, अति विशिष्ट सेवा मेडल, दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी के हाथों में होगी। दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनिश कुमार परेड उप कमांडर होंगे।
सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवशाली विजेता भी इस गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगे। इनमें परमवीर चक्र और अशोक चक्र के विजेता शामिल हैं। परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (ऑनरेरी कैप्टन) बाना सिंह, 8 जम्मू एवं कश्मीर लाइट इंफैंट्री (सेवानिवृत्त); सूबेदार मेजर (ऑनरेरी कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार, 13 जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल सीए पिठावाला (सेवानिवृत्त); कर्नल डी श्रीराम कुमार और लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) जीप पर उप परेड कमांडर का अनुसरण करेंगे।
मिस्र का सैन्य दस्ता
पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करने वाले कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फतह अल खरासवी के नेतृत्व में मिस्र के सशस्त्र बलों का संयुक्त बैंड और सैन्य दस्ता भारत की गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होगा। इस दस्ते में मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 144 सैनिक शामिल होंगे।
भारतीय सेना के दस्ते
61 कैवलरी के दस्ते का नेतृत्व कैप्टन रायजादा शौर्य बाली करेंगे। 61 कैवलरी को विश्व में अपनी तरह की अकेली सक्रिय घुड़सवार रेजिमेंट होने का गौरव हासिल है, इसमें सभी प्रांतीय अश्वरोही दलों का विलय है। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवलरी की माउंटेड कॉलम, नौ मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग दस्ते और सेना विमानन कोर के उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर (एएलएच) द्वारा फ्लाई पास्ट द्वारा किया जाएगा। मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (नामिस), बीएमपी-2 /2के सारथ, क्विक रियेक्शन फाइटिंग व्हीकल, के -9 वज्र-टी ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड एंड मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) मैकेनाइज्ड कॉलम में मुख्य आकर्षण होंगे। मैकेनाइज्ड इंफैंट्री रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इंफैंट्री रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड सहित सेना की कुल छह मार्चिंग टुकड़ियां सलामी मंच के सामने से मार्च करेंगी।
पूर्व सैनिकों की झांकी
इस वर्ष परेड का एक अन्य आकर्षण पूर्व सैनिकों की झांकी होगी, जिसका विषय ‘संकल्प के साथ भारत के अमृत काल की दिशा में पूर्व सैनिकों की प्रतिबद्धता’ होगा। यह पिछले 75 वर्षों में पूर्व सैनिकों के योगदान और ‘अमृत काल’ के दौरान भारत के भविष्य को आकार देने में उनकी पहल की एक झलक प्रदान करेगा।
भारतीय नौसेना का मार्चिंग दस्ता
भारतीय नौसेना के मार्चिंग दस्ते में 144 युवा नौसैनिक शामिल होंगे, जिनका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृथ करेंगे। पहली बार मार्चिंग दल में तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हैं। इसके बाद नौसेना की झांकी होगी, जिसे ‘भारतीय नौसेना- ‘युद्ध तत्पर, विश्वसनीय, सामंजस्यपूर्ण और सुरक्षित भविष्य’ की विषय-वस्तु पर केंद्रित है। यह भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत प्रमुख स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित परिसंपत्तियों का प्रदर्शन करेगा।
झांकी के आगे के हिस्से में डोर्नियर विमान की महिला कर्मीदल को चित्रित किया जाएगा, जिसमें पिछले साल संपन्न महिला कर्मीदल की निगरानी उड़ानों पर प्रकाश डाला जाएगा। झांकी के मुख्य भाग में नौसेना की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को प्रदर्शित किया जाएगा। समुद्री कमांडो तैनात करने वाले ध्रुव हेलिकॉप्टर के साथ नए स्वदेशी नीलगिरि श्रेणी के पोत का एक मॉडल होगा। दोनों तरफ स्वदेशी कलवरी क्लास पनडुब्बियों के मॉडल दर्शाए जाएंगे। झांकी के पिछले हिस्से में आईडेक्स-स्प्रिंट चैलेंज के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किए जा रहे स्वायत्त मानव रहित प्रणालियों के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे।
भारतीय वायु सेना का मार्चिंग दस्ता
भारतीय वायु सेना के मार्चिंग दस्ते में वायु सेना के 144 जवान और चार अधिकारी शामिल होंगे, जिसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी करेंगे। ‘सीमाओं से आगे भारतीय वायु सेना की शक्ति’ विषय-वस्तु पर केंद्रित वायु सेना की झांकी में भारतीय वायु सेना की विस्तारित पहुंच को प्रदर्शित करते हुए एक घूमते हुए ग्लोब, जिससे यह सीमाओं के पार मानवीय सहायता साथ ही मित्र देशों के साथ अभ्यास प्रदान करने में सक्षम है को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें हल्का युद्धक विमान तेजस मार्क-2, हल्का युद्धक हेलिकॉप्टर ‘प्रचंड’, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट नेत्र और सी-295 परिवहन विमानों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। झांकी में लेजर डेजिग्नेशन उपकरणों एवं विशेषज्ञ हथियारों के साथ युद्ध ड्रेस में गरुड़ का दल भी प्रदर्शित किया जाएगा।