अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह सीरिया की नई सरकार के साथ संबंध सामान्य करेंगे और देश को शांति स्थापित करने का मौका देने के लिए प्रतिबंध हटाएंगे। ट्रंप बुधवार को सऊदी अरब में सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शारा से मिलने वाले हैं। उन्होंने पिछले साल बशर असद के शासन को उखाड़ फेंका था।
ट्रंप ने कहा कि सुलह का प्रयास सऊदी अरब के शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के आग्रह पर किया गया है। उन्होंने सीरिया की नई सरकार की सफलता को लेकर उम्मीद जाहिर की और शुभकामनाएं दी। यह घटनाक्रम शारा के लिए बड़ा प्रोत्साहन है। उन्हें 2003 में अमेरिका के नेतृत्व वाले इराक आक्रमण के बाद विद्रोह में भूमिका के लिए जेल में डाला गया था।
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शारा को जनवरी 2025 में सीरिया का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था। उनकी हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर असद परिवार के 54 साल के शासन को समाप्त कर दिया था। अमेरिका पिछले साल दिसंबर से शारा के साथ नए रिश्तों पर विचार कर रहा है। खाड़ी देशों के नेता दमिश्क की नई सरकार का समर्थन कर रहे हैं और वे चाहते हैं कि ट्रंप भी ऐसा करें। वे सीरिया को ईरान के खिलाफ मजबूत दीवार के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। गौरतलब है कि ईरान ने सीरिया में असद सरकार को एक दशक तक चले गृहयुद्ध में समर्थन दिया था।
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ट्रंप ने ईरान को बताया सबसे विनाशकारी ताकत कहा- नहीं हासिल करने देंगे परमाणु हथियार
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ईरान को मध्य पूर्व में ‘सबसे विनाशकारी ताकत’ बताया और पूरे क्षेत्र में अस्थिरता के लिए तेहरान को जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं देगा।
ट्रंप ने इसे अंतिम चेतावनी और कूटनीति के लिए संभावित शुरुआत बताते हुए कहा कि ईरान के पास अपनी ‘अराजकता और आतंक’ जारी रखने या शांति की राह अपनाने के बीच विकल्प है। तेहरान ने मध्य पूर्व में अस्थिरता को बढ़ावा देने के आरोपों से बार-बार इनकार किया है।
ट्रंप ने कहा कि वह इस्लामिक गणराज्य के साथ नया समझौता करने को तैयार हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा जब उसके नेता अपना रुख बदलेंगे। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक निवेश शिखर सम्मेलन में बोलते हुए ट्रंप ने चेतावनी दी कि ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होगा। साथ ही कहा कि ईरान के पास समझौते का प्रस्ताव हमेशा के लिए नहीं रहेगा।