आतंकवाद को लेकर अमेरिका का एक बार फिर दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। दरअसल अमेरिका ने भारत में हुए विस्फोट के बाद जो सोशल मीडिया पोस्ट किया और पाकिस्तान में विस्फोट के बाद जो पोस्ट किया, दोनों की भाषा में जमीन आसमान का अंतर है। भारत में हुए विस्फोट को जहां अमेरिका ने सिर्फ विस्फोट कहकर औपचारिकता निभा दी, वहीं पाकिस्तान हुए विस्फोट को सीधे आतंकवादी घटना बता दिया और कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान के साथ खड़ा है। अमेरिका के इस दोहरे रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं और भारतीय लोग इसे लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान के लिए अमेरिका के शब्दों में दिखा साफ अंतर
दरअसल सोमवार शाम भारत की राजधानी दिल्ली में एक खतरनाक विस्फोट हुआ। जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस विस्फोट पर भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया और लिखा कि ‘हमारी प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने बीती रात नई दिल्ली में हुए विस्फोट में अपनों को खो दिया। हम घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं। राजदूत सर्जियो गोर।’ वहीं मंगलवार शाम पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक अदालत परिसर में बम विस्फोट हुआ, जिसमें कई लोग मारे गए।
पाकिस्तान में हुए विस्फोट पर पाकिस्तान स्थित दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर लिखा कि ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संयुक्त राज्य अमेरिका पाकिस्तान के साथ एकजुटता से खड़ा है। आज के इस हमले में अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। हम इस हमले और सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं और पाकिस्तान सरकार द्वारा उनके देश में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
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भारतीय यूजर्स ने जताई नाराजगी
भारत में हुए हमले को सिर्फ विस्फोट बताने और इस्लामाबाद के धमाके को साफ तौर पर आतंकवाद से जोड़ने पर भारतीयों ने अमेरिकी मंशा पर सवाल उठाए हैं। एक यूजर शिवा मुद्गिल ने लिखा कि ‘पहले तो अमेरिकी दूतावास ने दिल्ली विस्फोट पर संवेदना जारी करने के लिए पूरे एक दिन का समय लिया, जबकि पाकिस्तानी दूतावास ने तुरंत इस्लामाबाद में हुए धमाके पर प्रतिक्रिया दी। ऐसा लगता है कि अमेरिका भारत में आतंकवाद को अलग चश्में से देखता है।’
एक अन्य यूजर ने कहा कि शब्दों का चयन और पोस्ट करने में देरी भारत में आतंकवाद को लेकर अमेरिका के दोहरे मानदंड को दर्शाती है। गौरतलब है कि इन दिनों पाकिस्तान के सेना प्रमुख अमेरिका के करीबी बने हुए हैं और राष्ट्रपति ट्रंप ने तो आसिम मुनीर को अपना पसंदीदा फील्ड मार्शल भी बताया है।