अंडर-19 महिला एशिया कप में भारतीय टीम ने रविवार को एक रोमांचक मैच में बांग्लादेश को हरा दिया. फ़ाइनल मुक़ाबले में भारत को 41 रनों से जीत मिली है. यह फ़ाइनल मैच मलेशिया के क्वालालंपुर में खेला गया.
बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया था. भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 117 रन बनाए. इस दौरान भारत ने 7 विकेट गंवाए.
भारत के लिए सबसे ज़्यादा रन सलामी बल्लेबाज़ गोंगाडी तृषा (52) ने बनाए. वहीं बांग्लादेश की ओर से फ़रज़ाना एसमीन ने सबसे ज़्यादा चार विकेट झटके.
118 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम 18.3 ओवरों में 76 रन बनाकर ऑलआउट हो गई. बांग्लादेश के नौ बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए. सबसे ज़्यादा रन जौरिया फ़िरदौस (22) ने बनाए.
भारत की ओर से आयुषी शुक्ला ने तीन विकेट लिए जबकि परुनिका सिसोदिया और सोनम यादव ने दो-दो विकेट और वीजे जोशिथा ने एक विकेट लिए.
इस कप के दौरान खेले गए अपने पांचों मैचों में भारतीय टीम किसी भी मैच में हारी नहीं.
भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के इस सफ़र में पांच महिला खिलाड़ियों का प्रदर्शन दमदार रहा.
एशियन क्रिकेट काउंसिल ने पहली बार महिलाओं के अंडर-19 एशिया कप का आयोजन किया था.
गोंगाडी तृषा की तूफ़ानी बल्लेबाज़ी
भारत की जीत में गोंगाडी तृषा की तूफ़ानी बल्लेबाज़ी ने अहम भूमिका निभाई.
तृषा ने 47 गेंदों में धुंआधार 52 रन बनाए और टीम को जीत की दहलीज़ तक पहुंचाया.
इस दौरान उन्होंने चार चौके और छह छक्के लगाए.
तृषा ने पिछले साल दक्षिण अफ़्रीका में हुए महिला टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. तृषा का बैटिंग एवरेज 53 है.
हालांकि ग्रुप ए में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेले गए पहले मैच में तृषा शून्य पर आउट हो गई थीं. लेकिन उन्होंने नेपाल के ख़िलाफ़ दूसरे मैच में नाबाद 17 रन, बांग्लादेश के ख़िलाफ़ तीसरे मैच में नाबाद 58 रन, श्रीलंका के ख़िलाफ़ चौथे मैच में 32 रन और फ़ाइनल में 52 रन बनाए.
मिथिला विनोद
फ़ाइनल मैच में भारतीय बल्लेबाज़ मिथिला विनोद ने 12 गेंदों पर 17 रन बनाए जिसमें उन्होंने दो चौके और एक छक्का जड़ा.
19 साल की मिथिला विनोद मध्यम गति की तेज़ गेंदबाज़ हैं और दाहिने हाथ से बल्लेबाज़ी करती हैं.
उन्होंने दूसरे मैच में नेपाल के ख़िलाफ़ एक विकेट भी लिया था, हालांकि बारिश की वजह से यह मैच बेनतीजा रहा था.
तीसरे मैच में उन्होंने एक विकेट झटका था और श्रीलंका के ख़िलाफ़ चौथे मैच में नाबाद 17 रन बनाए थे.
आयुषी शुक्ला की धारदार गेंदबाज़ी
भारतीय टीम की जीत में गेंदबाज़ आयुषी शुक्ला का भी अहम योगदान रहा.
उन्होंने अपनी धारदार गेंदबाज़ी से बांग्लादेशी महिला खिलाड़ियों को हावी नहीं होने दिया.
फ़ाइनल में उन्होंने 3.3 ओवरों में 17 देकर तीन विकेट झटके और 10 रन भी बनाए.
हालांकि उन्हें पहले और दूसरे मैच में कोई सफलता नहीं मिली थी. तीसरे मैच में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ चार ओवरों में 9 रन देकर उन्होंने तीन विकेट और चौथे मैच में चार विकेट झटके थे.
ईएसपीएन क्रिकइन्फ़ो वेबसाइट के अनुसार, 2007 में जन्मीं आयुषी शुक्ला बाएं हाथ की बल्लेबाज़ हैं और बाएं हाथ से ही गेंदबाज़ी करती हैं.
सोनम यादव
फ़ाइनल मैच में भारतीय गेंदबाज़ सोनम यादव ने चार ओवरों में 13 रन देकर दो विकेट लिए. इससे पहले 19 दिसम्बर को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ तीसरे मैच में भी उन्होंने दो विकेट लिये थे.
हालांकि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पहले मैच में उन्होंने चार ओवरों में छह रन देकर चार विकेट झटके थे. इस मैच में पाकिस्तान को भारतीय टीम ने नौ विकेटों से हराया था.
इस जीत में सोनम यादव की अहम भूमिका रही.
जी कामिनी
भारतीय सलामी बल्लेबाज़ जी कामिनी ने पाकिस्तान के साथ खेले मैच में नाबाद 44 रनों की जिताऊ पारी खेली थी.
उस मैच में उन्होंने 29 गेंदों में चार चौकों और तीन छक्कों की मदद से यह स्कोर खड़ा किया था और भारत की 9 विकेट से जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
दूसरे मैच में उन्होंने 8 रन, तीसरे मैच में शून्य और चौथे मैच में 28 रन बनाया था.
16 साल की कामिनी भारतीय टीम की विकेटकीपर भी हैं और लेगब्रेक गेंदबाज़ी करती हैं. वह बाएं हाथ की बल्लेबाज़ हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.