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‘अगर कानून बनाते हैं तो देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी,’ वक्फ संशोधन विधेयक पर ओवैसी की सरकार को चेतावनी

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Feb 4, 2025


वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर सियासत तेज है। अब एआईएमआईएम प्रमुख और लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर इसे लागू किया जाता है तो देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी। उन्होंने कहा कि इस कानून से वक्फ संपत्ति नहीं बचेगी। ओवैसी ने कहा कि मैं अपनी मस्जिद और दरगाह का एक इंच भी नहीं खोऊंगा।

एएनआई, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन ( एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक- 2024 पर चेताया है। उन्होंने कहा कि इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को पूरे मुस्लिम समुदाय ने खारिज कर दिया है।

वक्फ की संपत्ति नहीं बचेगी: ओवैसी

लोकसभा में ओवैसी ने कहा कि मैं इस सरकार को सावधान और चेतावनी दे रहा हूं कि ‘अगर आप मौजूदा स्वरूप में वक्फ कानून लाते हैं और बनाते हैं तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी। यह संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन होगा है। विधेयक को पूरे मुस्लिम समुदाय ने खारिज कर दिया है। कोई भी वक्फ संपत्ति नहीं बचेगी, कुछ भी नहीं बचेगा।’

हम विकसित भारत चाहते हैं

ओवैसी ने आगे कहा, “आप भारत को ‘विकसित भारत’ बनाना चाहते हैं। हम ‘विकसित भारत’ चाहते हैं। आप इस देश को 80 और 90 के दशक की शुरुआत में वापस ले जाना चाहते हैं, यह आपकी जिम्मेदारी होगी।”

मेरी संपत्ति छीन नहीं सकते

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, “एक गौरवशाली भारतीय मुसलमान के तौर पर मैं अपनी मस्जिद का एक इंच भी नहीं खोने दूंगा। मैं अपनी दरगाह का एक इंच भी नहीं खोऊंगा। मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। हम अब यहां आकर कूटनीतिक बातचीत नहीं करेंगे। यह वह सदन है, जहां मुझे खड़े होकर ईमानदारी से बोलना है कि मेरा समुदाय हम गर्वित भारतीय हैं। यह मेरी संपत्ति है, किसी ने नहीं दी है। आप इसे मुझसे नहीं छीन सकते। मेरे लिए वक्फ एक तरह की इबादत है।”

दो सांसदों ने जताई आपत्ति

इससे पहले दिन में विपक्षी सांसद कल्याण बनर्जी और मोहम्मद नदीमुल हक ने वक्फ संशोधन विधेयक- 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंपे गए अपने असहमति नोटों से प्रमुख अंशों को हटाए जाने का कड़ा विरोध किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में सांसदों ने आरोप लगाया कि उनकी आपत्तियों को बिना किसी पूर्व सूचना या स्पष्टीकरण के मनमाने ढंग से हटा दिया गया है।
3 फरवरी को लिखे अपने पत्र में सांसदों ने लिखा, “हमें निराशा और बेहद आश्चर्य हुआ कि हमें पता चला कि निम्नलिखित उद्देश्यों और असहमति नोटों को अध्यक्ष ने हमें सूचित किए बिना और हमारी सहमति के बिना हटा दिया है।”यह भी पढ़ें: 12 फरवरी से दो दिवसीय अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी, डोनाल्ड ट्रंप के साथ इन मुद्दों पर होगी बात
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