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अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करते हैं, तो आपने कुछ दिनों पहले अपने फ़ोन में एक बदलाव ज़रूर देखा होगा.
कई एंड्रॉयड यूज़र्स अपने फ़ोन की कॉल और डायलर सेटिंग्स में अचानक आए बदलाव से हैरान हैं.
सोशल मीडिया पर कई लोग अपने फ़ोन में अचानक आए इन बदलावों को लेकर सवाल पूछ रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग इस पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं.
बदलाव के बाद एंड्रॉयड फ़ोन से कॉल करते समय या कॉल रिसीव करते समय, फ़ोन का इंटरफे़स, यानी डिस्प्ले और डिज़ाइन, बदला हुआ दिखता है.
कई लोग इस बात को लेकर हैरानी जता रहे हैं कि उन्होंने फ़ोन की सेटिंग्स में न तो कोई बदलाव किया और न ही इसके साथ कोई छेड़छाड़ की, फिर भी फ़ोन में कॉल स्क्रीन अपने आप कैसे बदल गई. कुछ लोगों ने तो यह भी शक़ जताया कि कहीं उनका फ़ोन हैक तो नहीं हो गया.
कई एंड्रॉयड यूज़र्स ने फ़ोन में इन बदलावों की जानकारी अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर साझा की है. इस बदलाव के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर भी कई यूज़र्स ने पोस्ट किया है.
ये बदलाव सिर्फ़ एंड्रॉयड फ़ोनों पर ही किए गए हैं. चूंकि आईओएस फ़ोनों में इस तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसलिए उन फ़ोनों का इस्तेमाल करने वालों को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है.
लेकिन एंड्रॉयड फ़ोन में ये बदलाव आख़िर क्यों हुए, ये सेटिंग्स कैसे बदलीं और क्या इन सेटिंग्स को पहले जैसी स्थिति में लाया जा सकता है? बीबीसी ने इन सभी सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश की है.
‘हैकिंग’ या अपडेट, सच क्या है?
कई एंड्रॉयड यूज़र्स ने अपने-अपने तरीके़ से इस समस्या का जवाब तलाशने की कोशिश की.
कुछ इसे ‘हैकिंग’ से जोड़ रहे हैं, जबकि कई ने संदेह जताया कि यह अपडेट सरकारी एजेंसियों की तरफ से निगरानी का एक तरीक़ा तो नहीं है.
एक यूज़र ने एक्स अकाउंट से पोस्ट किया, “बधाई हो, आपके फ़ोन की सेटिंग भी बदल दी गई है. एक सॉफ्टवेयर भी अपने आप इंस्टॉल हो गया है जो अब तोते की तरह आपके ख़िलाफ़ बोलेगा.”
एक अन्य यूजर ने सवाल किया, “आपके हाथ में जो मोबाइल फ़ोन है उसकी सेटिंग्स अचानक बदल गई हैं. क्या आपको वाकई लगता है कि आप सुरक्षित हैं?”
हालांकि, एक अन्य यूज़र ने कहा कि फ़ोन की डिस्प्ले सेटिंग बदलने का मतलब ‘हैकिंग’ नहीं है और न ही इसका मतलब ये है कि कंपनी आपके फ़ोटो या मैसेज चुरा रही है.
इस यूज़र का कहना है कि मोबाइल कंपनियां समय-समय पर फ़ोन के लिए सॉफ़्टवेयर को अपडेट करती रहती हैं, ताकि वे पहले से बेहतर काम करें और अधिक सुरक्षित हों.
हालिया बदलाव कैसे हुआ?
एंड्रॉयड फ़ोन में इस्तेमाल होने वाला बेसिक सॉफ़्टवेयर (ओएस) गूगल बनाती है. यही कंपनी इसे समय-समय पर अपडेट भी करती है.
इसी साल मई में कंपनी ने कहा था कि वह ‘मटेरियल 3डी एक्सप्रेसिव’ नाम का एक अपडेट जारी करने वाली है, जो पिछले कुछ सालों में कंपनी के सबसे बड़े अपडेट्स में से एक होगा.
गूगल का कहना है कि इस अपडेट से फ़ोन का सॉफ्टवेयर और डिस्प्ले इस्तेमाल में पहले से और आसान, तेज़ और अधिक सहज हो जाएगा.
पहले हमारे एंड्रॉयड फ़ोन का डिस्प्ले ‘मटेरियल 3डी’ नाम के डिज़ाइन पर चलता था. गूगल के मुताबिक़, “इसके नियमित इस्तेमाल से अरबों यूज़र्स इसके आदी हो गए थे.”
गूगल ने बताया कि नई डिस्प्ले सेटिंग्स में कई चीज़ें बदली जा रही हैं, जैसे नोटिफ़िकेशन, कलर थीम, फ़ोटो, जीमेल और वॉच आदि.
यूज़र की इजाज़त के बग़ैर कैसे बदली सेटिंग्स?
गूगल ने बताया है कि ‘मटेरियल 3डी एक्सप्रेसिव’ अपडेट के तहत एंड्रॉयड फ़ोन के कॉल ऐप के डिज़ाइन में बदलाव किया गया है.
कुछ यूज़र्स के लिए यह अपडेट जून में शुरू किया गया था और फिर अलग-अलग चरणों में व्यापक रूप से लागू किया गया.
गूगल के अनुसार, इसके पीछे मकसद एंड्रॉयड के कॉलिंग ऐप का इस्तेमाल आसान बनाना है.
गूगल ने ‘रीसेन्ट कॉल्स’ (हाल के कॉल) और ‘फ़ेवरेट’ विकल्पों को हटाकर ‘होम’ में मिला दिया है. इसलिए अब जब आप कॉल के लिए फ़ोन ऐप खोलेंगे, तो आपको सिर्फ़ ‘होम’ और ‘कीपैड’ विकल्प ही दिखाई देंगे.
कंपनी के अनुसार, अब एक ही नंबर से आने वाले सभी कॉल एक साथ या एक ही जगह पर नहीं दिखाई देंगे, बल्कि समय के अनुसार कॉल हिस्ट्री में दिखाई देंगे. इससे आपको बार-बार कॉन्टैक्ट ढूंढने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
गूगल का कहना है कि इससे यूज़र्स अपनी कॉल हिस्ट्री को और भी बेहतर तरीके से समझ पाएँगे. कंपनी यह भी बताती है कि अब हर नंबर को अलग से खोलने की ज़रूरत नहीं होगी कि कितनी मिस्ड कॉल हैं या कितनी रिसीव हुई हैं.
इसके साथ ही, यूज़र्स की प्रतिक्रिया के बाद ‘इनकमिंग कॉल’ के डिज़ाइन में भी बदलाव किया गया है. इनकमिंग कॉल का डिज़ाइन इसलिए बदला गया है ताकि फ़ोन जेब से निकालते समय यूज़र्स ग़लती से कॉल रिसीव न कर लें या कॉल डिस्कनेक्ट न कर दें.
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गूगल के मैसेज और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं से ऐसा लगता है कि कई यूज़र्स के फ़ोन ऐप्स अपने आप ही अपडेट हो गए हैं. हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं जिनके फ़ोन की सेटिंग्स अब भी नहीं बदली है.
गूगल ब्लॉग पर एक यूज़र ने इसकी वजह बताई है. उन्होंने लिखा है कि कुछ यूज़र्स ने अपने फ़ोन पर गूगल प्ले स्टोर (ऐप्स इंस्टॉल करने या अपडेट करने की जगह) में ऑटो-अपडेट का विकल्प चुन रखा है. ऐसे में कुछ ऐप्स अपने आप अपडेट हो जाते हैं.
उन्होंने लिखा कि यूज़र्स इन ऑटो-अपडेट को बंद कर सकते हैं और फ़ोन की सेटिंग्स में जाकर ‘अनइंस्टॉल अपडेट’ के विकल्प पर क्लिक करके फ़ोन कॉल डिस्प्ले सेटिंग्स को पहले की सेटिंग्स के अनुसार कर सकते हैं.
जानी-मानी मोबाइल कंपनी वनप्लस ने भी यही बात कही है.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक यूज़र ने कंपनी से पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, तो कंपनी ने बताया कि, “यह वनप्लस की तरफ़ से नहीं, बल्कि गूगल फ़ोन ऐप के अपडेट से है. अगर आपको अभी भी अपने फ़ोन में पुराना स्टाइल पसंद है, तो अपडेट अनइंस्टॉल कर सकते हैं.”
तो, अगर आपने अपने एंड्रॉयड फ़ोन में ये नए बदलाव देखे हैं, तो परेशान न हों.
लेकिन अगर आपको अब भी पुराना स्टाइल ही पसंद है और आप ये नए अपडेट नहीं चाहते, तो आप नए अपडेट को अनइंस्टॉल भी कर सकते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित