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उत्तर प्रदेश में संभल के सीओ (सर्किल ऑफिसर) ने होली के बाद अब ईद को लेकर बयान दिया है.
अनुज चौधरी ने कहा है कि अगर कोई ईद की सेवइयां खिलाना चाहता है तो उसे गुझिया भी खानी पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को (हिंदू-मुस्लिम) एक दूसरे की चीज़ खानी चाहिए लेकिन गड़बड़ तब होती है जब एक पक्ष खाना चाहता है लेकिन दूसरा इसके लिए तैयार नहीं होता है.
इससे पहले इसी महीने उन्होंने ‘होली से पहले कहा था कि अगर होली के रंग से किसी का धर्म भ्रष्ट होता है तो वो घर से न निकले. रंग लग जाने से कोई छोटा-बड़ा नहीं होता.’
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उनके इस बयान पर ख़ासा विवाद हुआ था. माना गया कि ये बयान मुसलमानों को निशाना बनाकर दिया गया था.
अनुज चौधरी ने क्या कहा?
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संभल कोतवाली में बुधवार को ईद की तैयारियों से पहले पीस कमेटी की मीटिंग के दौरान अनुज चौधरी ने कहा,”दोनों पक्षों को गुझिया खानी चाहिए. लेकिन यहां गड़बड़ हो जाती है. जब एक पक्ष नहीं खा रहा है और दूसरा पक्ष खा रहा है तो यहां भाईचारा ख़त्म हो जाता है.”
उन्होंने कहा, ” हमारा उद्देश्य यही रहता है जहां रहें स्थिति शांतिपूर्ण रहे. आप लोग विश्वास के साथ रहें कि किसी के साथ कुछ नहीं होगा. हर आदमी का अपना अधिकार है. लेकिन अगर आप ईद की सेवइयां खिलाना चाहते हैं तो आपको गुझिया भी खानी पड़ेगी. ये गुझिया खाएं हम सेवइयां खाएंगे. लेकिन गड़बड़ तब हो जाती है, जब एक पक्ष खाने के लिए तैयार है दूसरा खाने को तैयार नहीं है. यहां भाईचारा ख़त्म हो जाता है.”
उन्होंने कहा, ”हम स्पष्ट बोलना चाहते हैं. हमारा नेतागीरी का कोई इरादा नहीं है. हर आदमी हमारी बात अलग-अलग तरह से पेश कर रहा है. हमें ऊपर से निर्देश आता है कि शांति बनी रहनी चाहिए. हम अशांति नहीं चाहते.”
उन्होंने कहा, ”सड़कों पर नमाज़ की इजाज़त नहीं दी जाएगी और न ही लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने दिया जाएगा. छतों पर नमाज़ पढ़ने की इजाज़त मांगी गई है. हम इसे देखेंगे और अगर किसी अनहोनी की आशंका होगी तो इसकी भी इजाज़त नहीं दी जाएगी.”
होली को लेकर अनुज चौधरी ने क्या कहा था?
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दरअसल उत्तर प्रदेश के संभल में अदालत के आदेश पर स्थानीय जामा मस्जिद के सर्वे के बाद पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी.
फिलहाल वहां शांति है. प्रशासन की कोशिश है कि यहां माहौल दोबारा न बिगड़े.
हालांकि जब पिछले महीने होली से पहले सीओ अनुज चौधरी ने होली और जुमे को लेकर बयान दिया था तो इस पर खासा विवाद हुआ था.
होली से पहले उन्होंने कहा था, ”दरअसल इस साल 14 मार्च को होली का त्योहार है और इसी दिन रमज़ान का दूसरा जुमा भी है. जिस प्रकार से मुस्लिम ईद का इंतज़ार करते हैं, उसी तरह हिंदू होली की प्रतीक्षा करते हैं. होली का दिन साल में एक बार आता है, जबकि जुमा साल में 52 बार आता है. यदि किसी को लगता है होली के रंग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह उस दिन घर से ना निकले. मेरी सोच ये है कि रंग से कोई छोटा बड़ा नहीं होता है.”
उन्होंने कहा था कि अगर कोई घर से निकलता है तो दिल बड़ा होना चाहिए.
योगी आदित्यनाथ ने किया था अनुज चौधरी का समर्थन
होली के त्योहार और जुमे की नमाज़ से जुड़े बयान पर विपक्षी दलों ने भले ही तीखी प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका समर्थन किया था.
सीएम योगी ने कहा था,”देखिए होली के अवसर पर मुझे लगता है कि एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए और स्वाभाविक रूप से जुमे की नमाज़ हर शुक्रवार के दिन होती है. होली वर्ष में एक बार होती है. तो यही कहा गया.. प्यार से समझाया गया.”
एक निजी चैनल के कार्यक्रम में सीएम योगी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी थी और इसे अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था.
योगी ने कहा था, “मैं धन्यवाद दूंगा सभी उन लोगों को जिन लोगों ने बयान जारी कर दिया कि देखो पहले होली का आयोजन होने दो. 14 मार्च को होली है. दो बजे तक होली खेलने दो, उसके बाद आप जुमे की नमाज़ पढ़ना. बहुत सारे मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी पहले से इसके बारे में अपील भी कर दी है कि हमलोग इसको मानेंगे.”
मुख्यमंत्री ने कहा था “होली साल में एक बार पड़ती है और जुमे की नमाज़ हर सप्ताह पड़ती है. स्थगित भी हो सकती है कोई बाध्यकारी तो है नहीं कि होना ही होना है. लेकिन कोई व्यक्ति पढ़ना ही चाहता है तो अपने घर में भी पढ़ सकता है ज़रूरी नहीं कि वह मस्जिद में ही जाए.”
उन्होंने कहा था “या तो जाना है तो फिर रंग से परहेज़ न करें. जो हमारा वह पुलिस अधिकारी है वो पहलवान रहा है, अर्जुन पुरस्कार विजेता रहा है. पूर्व ओलंपियन है. अब पहलवान की बात है और पहलवान की तरह बोलेगा तो कुछ लोगों को बुरा लगता है. लेकिन सच है उस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए.”
अनुज चौधरी कई बार रह चुके हैं सुर्ख़ियों में
अनुज चौधरी 2012 से पुलिस उपाधीक्षक पद पर हैं. वह खेल कोटे से भर्ती हुए थे. वो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के रहने वाले हैं.
अनुज चौधरी को अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है. वो कुश्ती में भारत की तरफ से कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं.
संभल में पिछले साल हुई हिंसा में जब पुलिस अधिकारी दावा कर रहे थे कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी, तब चौधरी ने कहा था, ”एक पढ़े-लिखे आदमी को इस तरह के जाहिल मार देंगे. हम कोई पुलिस में मरने के लिए थोड़े ही भर्ती हुए हैं.”
इससे पहले रामपुर में तैनाती के दौरान उनकी समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान से तीखी बहस भी हो चुकी है.
क़रीब दो साल पुरानी इस घटना में सपा नेता आज़म ख़ान मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने जा रहे थे, इसी दौरान सीओ सिटी के पद पर तैनात अनुज चौधरी ने सभी लोगों को अंदर जाने से मना किया था.
तभी आज़म ख़ान ने उन्हें कहा कि समाजवादियों ने ही उनकी (पहलवानों की) पहचान की थी और उन्हें अखिलेश यादव का एहसान याद रखना चाहिए.
इस पर अनुज चौधरी ने जवाब दिया था कि उन्हें अर्जुन अवॉर्ड मिला है, जो किसी के एहसान से नहीं मिलता है.
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क़रीब चार महीने पहले संभल में एक शिव मंदिर को क़रीब 46 साल के बाद खोला गया था. समाचार एजेंसी एएनआई के एक वीडियो में मंदिर खुलने के बाद सीओ और एसपी ख़ुद इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग की सफाई करते नज़र आ रहे थे.
हिन्दी अख़बार दैनिक भास्कर की एक ख़बर के मुताबिक़, मंदिर खोलने के बाद अनुज चौधरी एक बार फिर चर्चा में तब आए जो वो मंदिर तक निकल रही शोभायात्रा में पुलिस वर्दी में गदा लेकर आगे-आगे चल रहे थे.
इसके अलावा अनुज चौधरी सोशल मीडिया पर भी काफ़ी एक्टिव हैं. इंस्टाग्राम पर उनके कई लाख फ़ॉलोवर्स हैं जिस पर वो अपनी वर्दी में रील्स शेयर करते रहते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.