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अब नए रूट पर पतंग के मांझे से नहीं रुकेगी लखनऊ मेट्रो, ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन की जगह होगी यह व्‍यवस्‍था

Byadmin

May 23, 2025


ज्ञानेश्‍वर प्रसाद, लखनऊ: चारबाग से वसंतकुंज तक बनने वाले मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर पतंगों से बचाव के लिए ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन नहीं बिछाई जाएगी। इसके बजाय थर्ड रेल सिस्टम वाला ट्रैक बनाया जाएगा। इसमें ट्रैक के बीच से स्टील की लाइन बिछाकर मेट्रो को बिजली की सप्लाई दी जाएगी। इसके साथ इस रूट पर तीन कोच वाली मेट्रो चलेगी।

मुंशीपुलिया से एयरपोर्ट तक पहले फेज में चार कोच वाली मेट्रो ट्रेन चलाई जा रही है। इस रूट पर चार अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं, जबकि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर पांच अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाएंगे। इस कारण नए रूट पर तीन कोच वाली मेट्रो चलाई जाएगी। वहीं, मुंशीपुलिया से एयरपोर्ट तक एलिवेटेड रूट पर ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन है। इस कारण अक्सर इलेक्ट्रिक लाइन में पतंगें फंसने से मेट्रो का संचालन बाधित हो जाता है। इससे बचने के लिए नए रूट पर इलेक्ट्रिक सप्लाई थर्ड रेल सिस्टम वाला ट्रैक बिछाया जाएगा।

कानपुर और आगरा में सफल संचालन

कानपुर और आगरा में थर्ड रेल सिस्टम से ही मेट्रो चलाई जा रही है। दोनों शहरों में सफल संचालन के बाद लखनऊ में ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर भी यह सिस्टम लागू करने की तैयारी है। इसके लिए कानपुर और आगरा में मेट्रो रूट के निर्माण से जुड़े रहे विशेषज्ञों से एलिवेटेड रूट का सर्वे करवाया जाएगा।

कैसे काम करता है थर्ड रेल सिस्टम

थर्ड रेल सिस्टम ऐसी तकनीक है, जो मेट्रो या रैपिड ट्रांजिट ट्रेनों को बिजली प्रदान करती है। इसमें विशेष प्रकार की स्टील की लाइन बिछाई जाती है, जो पटरियों के साथ-साथ या बीच में होती है। इसे कंडक्टर रेल भी कहते हैं। ट्रेन में एक विशेष प्रकार का उपकरण होता है, जो कंडक्टर रेल से संपर्क करता है और ट्रेन तक बिजली पहुंचाता है।

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