आईएएनएस, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुजरात के भुज का दौरा करने वाले हैं। उनका यह दौरा दो दिनों का होने वाला है और इस दौरान रक्षा मंत्री भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र का भी दौरा करेंगे।
अपनी यात्रा के दौरान, राजनाथ सिंह द्वारा क्षेत्र में भारतीय सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों का मूल्यांकन करने और पाकिस्तान की हालिया असफल ड्रोन घुसपैठ के बाद मजबूत सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता की जांच करने की उम्मीद है।
भारतीय डिफेंस सिस्टम ने पाक ड्रोन्स को किया फुस्स
बता दें, भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों चल रहे सैन्य तनाव के दौरान पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन का उपयोग करके भारत के भुज को निशाना बनाने का प्रयास किया था। हालांकि, भारत के सुरक्षा बलों ने वायु रक्षा प्रणालियों की सहायता से पाकिस्तान के बार-बार हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया था।

अंततः, लगातार सैन्य असफलताओं का सामना करने और कोई सफलता न मिलने के बाद, पाकिस्तान ने युद्ध विराम का आह्वान किया। रुद्र माता वायु सेना स्टेशन भुज में स्थित भारतीय वायु सेना का एक प्रमुख प्रतिष्ठान है।
भारत-पाक सीमा के निकट है भुज एअर स्टेशन
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह पंजाब के आदमपुर एयर बेस का दौरा किया था। आदमपुर एअर बेस के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री को वायुसेना अधिकारियों ने जानकारी दी और उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल कर्मियों से बातचीत की।

आदमपुर एअरबेस ने कई ऑपरेशंस का किया नेतृत्व
आदमपुर एअर बेस भारतीय वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान के अंतर्गत आता है। ऑपरेशन सिंदूर सहित कई ऑपरेशनों का नेतृत्व पश्चिमी वायु कमान द्वारा किया गया, जिसमें पश्चिमी वायु कमान प्रमुख एअर मार्शल जीतेन्द्र चौधरी ने वायुसेना प्रमुख के समन्वय में मिशनों की देखरेख की।
पश्चिमी वायु कमान भारतीय वायु सेना की सबसे महत्वपूर्ण परिचालन कमानों में से एक है, जो जम्मू और कश्मीर से राजस्थान तक एक विशाल और रणनीतिक क्षेत्र को कवर करती है, जिसमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
राजनाथ सिंह ने की थी समीक्षा बैठक
राजनाथ सिंह ने हाल ही में भारत की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाके जो पाकिस्तान से सटे हैं, पश्चिमी सीमा का हिस्सा हैं।
देश की सीमाओं की सुरक्षा पर केंद्रित सुरक्षा समीक्षा बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), सेना और नौसेना प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था।रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नई दिल्ली में मंगलवार को हुई बैठक में पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नियंत्रण रेखा (LOC) और पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में, पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्रों में ड्रोन से हमला करने का प्रयास किया था, जिसमें 300 से 400 ड्रोन भेजे गए था।
सारे पाकिस्तानी ड्रोन्स हुए नष्ट
हालांकि, भारतीय एअर डिफेंस सिस्टम ने इन ड्रोन्स को प्रभावी ढंग से नष्ट कर दिया था, जिससे पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इस झटके के बाद, पाकिस्तान ने युद्ध विराम का आह्वान किया और कहा कि वह सीमा पार से आगे गोलीबारी नहीं करेगा।
रक्षा मंत्री की भुज की यात्रा पाकिस्तान और उसके सहयोगियों को एक स्पष्ट संदेश भेजती है कि भारतीय एअरबेस पर पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि सारे नष्ट कर दिए गए थे और वास्तव में पाकिस्तान को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।थरूर की राह पर चिदंबरम! पहले सीजफायर पर किया मोदी सरकार का समर्थन; अब ‘I.N.D.I.A’ को लेकर उठाए सवाल