गृह मंत्री माननीय श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी व्यवस्था स्थापित की गई है जिसमें न तो आरोपी और न ही शिकायतकर्ता के साथ अन्याय होता है। इस संतुलन को सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान को आपराधिक न्याय प्रक्रिया में एकीकृत करना आवश्यक है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमित शाह द्वारा राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा तैयार न्यायालयों के लिए न्यायिक प्राइमर “अनफोल्डिंग फोरेंसिक” का भी शुभारंभ किया गया
भारत सरकार के गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में 14 अप्रैल, 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) द्वारा आयोजित 2 दिवसीय अखिल भारतीय फोरेंसिक विज्ञान शिखर सम्मेलन (एआईएफएसएस) का उद्घाटन किया। इसका विषय ‘नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन और आतंकवाद से निपटने में फोरेंसिक विज्ञान की भूमिका’ था ।
इस हस्तियों में उद्घाटन समारोह में लिया भाग
माननीय न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश; आर वेंकटरमण, भारत के अटॉर्नी-जनरल; माननीय न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम; अध्यक्ष एनएचआरसी; मनन कुमार मिश्रा, अध्यक्ष बार काउंसिल ऑफ इंडिया और गोविंद मोहन, केंद्रीय गृह सचिव ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया।
माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा तैयार न्यायिक प्राइमर “अनफोल्डिंग फोरेंसिक्स” और ‘ऑल इंडिया फोरेंसिक साइंसेज समिट 2025 की कार्यवाही’ का भी शुभारंभ किया। माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने “ऑल इंडिया फोरेंसिक साइंस हैकाथॉन” और “इंटर-कैंपस हिंदी प्रतियोगिता” के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।
फोरेंसिक विज्ञान को आपराधिक न्याय प्रक्रिया में एकीकृत करना आवश्यक: अमित शाह
भारत सरकार के गृह एवं सहकारिता मंत्री माननीय श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी व्यवस्था स्थापित की गई है, जिसमें न तो आरोपी और न ही शिकायतकर्ता के साथ अन्याय होता है।
उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय डिग्री, डिप्लोमा, पीएचडी और शोध पाठ्यक्रमों सहित कई तरह के कार्यक्रम प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, इसने कई स्वदेशी तकनीकों को विकसित और अपनाया है और देश भर के पुलिस बलों को इन नवाचारों की आपूर्ति करने के लिए टूलकिट बनाए हैं।
वैज्ञानिक समाधानों से अपराध मुक्त समाज के निर्माण करना सरकार का लक्ष्य
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता के कारण हमने वर्ष 2020 में ही राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना कर दी थी, जबकि तीन नए आपराधिक कानून 2024 में लागू हुए। उन्होंने वैज्ञानिक समाधानों के माध्यम से अपराध मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में काम करने के लिए गृह मंत्रालय और फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच घनिष्ठ सहयोग का आह्वान किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सम्मेलन के दौरान हैकाथॉन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं और हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों को सम्मानित किया गया।एनएफएसयू के कुलपति “पद्मश्री” से सम्मानित डॉ. जे.एम. व्यास ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पांच कार्यक्रम शुरू किए और वर्तमान में बहत्तर शैक्षणिक पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। एनएफएसयू ने वैश्विक स्तर पर लगभग 50,000 अधिकारियों को फोरेंसिक विज्ञान और संबद्ध विषयों का ज्ञान दिया। विश्वविद्यालय एक नए शैक्षिक मॉडल के साथ काम करता है। यह मॉडल शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण और परामर्श और जांच को एकीकृत करता है। एनएफएसयू की योजना जल्द ही 10 से 19 परिसरों तक विस्तार करने की है।
इस कार्यक्रम के दौरान अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि, फोरेंसिक विशेषज्ञ, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी और छात्र उपस्थित थे।यह भी पढ़ें:‘महायुति में कोई कलह नहीं, सब कुछ ठीक है’, एकनाथ शिंदे ने फूट की अफवाहों को किया खारिज
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