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अमित शाह ने किया भारतीय भाषा अनुभाग का शुभारंभ, बोले- भारतीय भाषाएं हमारी संस्कृति की आत्मा है

Byadmin

Jun 6, 2025


केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय के मातहत नए भारतीय भाषा अनुभाग का शुभारंभ किया। शाह के अनुसार भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना के साथ ही पहले से काम कर रहा राजभाषा विभाग अब पूर्ण विभाग बन गया है जो प्रशासन को विदेशी भाषाओं के प्रभाव से मुक्त कराने की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय के मातहत नए भारतीय भाषा अनुभाग का शुभारंभ किया। शाह के अनुसार भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना के साथ ही पहले से काम कर रहा राजभाषा विभाग अब पूर्ण विभाग बन गया है, जो प्रशासन को विदेशी भाषाओं के प्रभाव से मुक्त कराने की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा।

सभी स्थानीय भाषाओं की अपनी ताकत

अमित शाह ने कहा कि सोचने, विश्लेषण करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया मातृभाषा में होने पर ही किसी व्यक्ति की संपूर्ण क्षमता का इस्तेमाल किया जा सकता है। उनके अनुसार सभी स्थानीय भाषाओं को ताकत देकर ही भारत को उसके चिरातन गौरवमयी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि हमारी हर भाषा दूसरी भाषा के साथ पूर्णता के साथ जुड़ी है और सभी भाषाओं का विकास एक-दूसरे के बिना संभव ही नहीं है। भारत की सभी भाषा रूपी नदियां मिलकर भारतीय संस्कृति की गंगा बनती है।

भारतीय भाषाएं हमारी संस्कृति की आत्मा

उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाएं हमारी संस्कृति की आत्मा है और हमारी संस्कृति भारत की आत्मा हैं।उनके अनुसार भारतीय भाषा अनुभाग भारत की भाषायी विविधता को समाहित करते हुए, सभी भाषाओं को एक सशक्त और संगठित मंच प्रदान करेगा।उन्होंने कहा कि हमें सभी भाषाओं की भावना, समृद्धि और संवेदना को कम किए बिना टेक्नोलाजी का उपयोग करना चाहिए। ध्यान देने की बात है कि गृहमंत्री बनने के बाद अमित शाह लगातार सरकारी कामकाज में भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर देते रहे हैं।

अमित शाह ने इस मामले में दिया जबाव

पिछले बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में गृहमंत्रालय पर हो रही चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने साफ किया था कि इस साल दिसंबर के बाद वे सभी मुख्यमंत्रियों के साथ पत्राचार उनकी स्थानीय भाषा में ही करेंगे। इसी तरह से विभिन्न राज्यों के सांसदों, विधायकों और सामान्य जनता के पत्र का जवाब भी उनकी भाषा में ही देंगे।

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