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अमेजन, इंफोसिस और अन्य कंपनियों ने 2024 में H-1B Visa स्पॉन्सरशिप में की कटौती, क्या है वजह? – leading us companies including google amazon infosys ibm sponsored fewer h1b visas in 2024 according to data from uscis

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Nov 22, 2024


US H1B Visa: अमेरिका में इमिग्रेशन को मैनेज करने वाली एजेंसी यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) के आंकड़े बताते हैं कि गूगल, अमेजन, इंफोसिस और आईबीएम सहित अग्रणी अमेरिकी कंपनियों ने 2024 में कम एच-1बी वीजा स्पॉन्सर किए। आंकड़ों का कई एंगल से विश्लेषण हो रहा है। इसे अमेरिका में नौकरियों में गिरावट से जोड़कर भी देखा जा रहा है।बता दें कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कुशल विदेशी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण एच-1बी वीजा यूएस में तीन साल तक रोजगार की अनुमति देता है, जिसे तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। एच-1बी वीजा धारकों में सबसे बड़ा समूह भारतीयों का है। हालांकि, इस साल के आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग सभी प्रमुख फर्मों में एच-1बी स्पॉन्सरशिप में गिरावट आई है।

2024 में कम H-1B वीजा किए गए अप्रूव

वित्त वर्ष 2024 के लिए 1 अक्टूबर से 30 सितंबर तक के यूएससीआईएस के डेटा से पता चलता है कि लगभग सभी टॉप 15 प्रायोजक कंपनियों में एच-1बी वीजा अप्रूवल में गिरावट आई है। एच-1बी वीजा प्रायोजित करने वालों की संख्या में अमेजन सबसे आगे है, लेकिन 2023 में 11,000 से ज्यादा अप्रूवल्स में कमी आई और 2024 में यह 7,000 से कुछ ज्यादा हो गई।

अमेरिका में बड़े पैमाने पर कारोबार करने वाली दो भारतीय टेक फर्म्स इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने भी महत्वपूर्ण कमी की सूचना दी। इंफोसिस के अप्रूवल्स की संख्या 7,300 से घटकर लगभग 5,900 रह गई, जबकि टाटा कंसल्टेंसी के अप्रूवल्स में लगभग 1600 की गिरावट आई। बता दें कि 2024 के लिए अभी तक देशवार डेटा उपलब्ध नहीं है।
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H1B Visa पर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अभिनव इमिग्रेशन सर्विसेज के संस्थापक और इमिग्रेशन एक्सपर्ट अजय शर्मा ने बताया कि वैश्विक मंदी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सभी प्रमुख कंपनियों के व्यवसाय मॉडल को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”उन्हें अनावश्यक पदों या मंदी के कारण व्यवसाय खोने वाले डिवीजनों में पदों के लिए भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, XIPHIAS इमिग्रेशन के प्रबंध निदेशक वरुण सिंह ने कहा, ”हाल ही में संपन्न अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंपकी जीत से उनका ध्यान फिर से सख्त एच-1बी वीजा नियमों पर केंद्रित हो सकता है, जिसमें अमेरिकी कर्मियों को प्राथमिकता दी जा सकती है।” उन्होंने कहा, ”इससे भारतीय तकनीकी पेशेवरों पर असर पड़ सकता है, क्योंकि भर्ती और नवीनीकरण पर नीतियां सख्त हो सकती हैं, जिससे संभावित रूप से इन वांछित वीजा के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है।”

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