अमेरिका में लुइसियाना राज्य के न्यू ऑर्लिन्स में नए साल की पहली सुबह जुटी एक बड़ी भीड़ पर एक व्यक्ति ने जानबूझकर ट्रक चला दिया था.
इसमें 15 लोगों की मौत हुई थी और कम से कम 35 लोग ज़ख़्मी हुए थे. कहा जा रहा है कि यह व्यक्ति इस्लामिक स्टेट ग्रुप (आईएस) से प्रभावित था.
एक जनवरी को स्थानीय समय के हिसाब से सुबह सवा तीन बजे एक पिकअप ट्रक लोगों को रौंदते हुए भीड़ में घुस गया. उसने ट्रक के अंदर से गोलियां भी चलाईं और पुलिस की जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमलावर इस्लामिक स्टेट से प्रभावित था.
बाइडन ने बताया कि अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने उन्हें कहा है कि अभियुक्त ने हमले से कुछ ही घंटे पहले सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो अपलोड किए थे. इन वीडियो से संकेत मिलता है कि वह आईएस से प्रभावित था और उसकी मंशा ‘लोगों की हत्या’ करने की थी.
अमेरिकी जांच एजेंसी एफ़बीआई के मुताबिक़, हमलावर की पहचान 42 वर्षीय शम्सुद्दीन जब्बार के रूप में हुई है. शम्सुद्दीन अमेरिकी सेना में नौकरी कर चुके थे और टेक्सस के रहने वाले थे.
पुलिस का कहना है कि शम्सुद्दीन जब्बार जिस ट्रक को चला रहे थे, उससे इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़ा झंडा मिला है. एफबीआई ने बताया कि जब्बार के आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने की जांच की जा रही है.
हमले वाले इलाक़े से संदिग्ध विस्फोटक भी बरामद हुआ है. इसके अलावा घटनास्थल से साइलेंसर लगी बंदूक भी मिली है.
संदिग्ध हमलावर शम्सुद्दीन जब्बार को जानिए
जब्बार ने साल 2015 से 2017 तक जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की थी और वहाँ से कंप्यूटर सूचना तकनीक में डिग्री हासिल की थी.
जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी ने अमेरिकी न्यूज़ नेटवर्क सीएनएन के इसकी पुष्टि की है कि जब्बार ने साल 2015 से 2017 के बीच कम्प्यूटर इन्फर्मेशन सिस्टम में बैचलर्स ऑफ़ बिज़नेस ऐडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली थी.
टेक्सस रीयल एस्टेट कमिशन के मुताबिक़ जब्बार ने साल 2019 में रीयल एस्टेट का लाइसेंस भी लिया था जो साल 2023 में ख़त्म हो गया था.
उनके नाम पर ट्रैफ़िक नियमों को तोड़ने और चोरी से जुड़े आपराधिक रिकॉर्ड भी थे.
जब्बार के लिंक्डइन प्रोफाइल (जिसे अब हटा दिया गया है) के मुताबिक़ उन्होंने अमेरिकी सेना छोड़ने से पहले वहां अलग-अलग भूमिकाओं में काम किया था, जिनमें एचआर और आईटी शामिल हैं.
वह फ़रवरी 2008 से जनवरी 2010 तक अफगानिस्तान में तैनात थे.
साल 2020 में यूट्यूब में पोस्ट किए गए एक वीडियो में जब्बार ने कहा था कि सेना में बिताए गए समय ने “उन्हें अच्छी सेवा के मायने, ज़िम्मेदार होना और चीज़ों को गंभीरता से लेना सिखाया था, जिसकी मदद से बिना किसी रुकावट के काम को पूरा किया जा सके.”
जब्बार ने दो शादियां की थीं. उनकी पहली शादी साल 2012 में टूट गई और दूसरी शादी साल 2017 से 2022 तक चली.
सीएनएन न्यूज़ मुताबिक़ एक वीडियो में जब्बार ने अपने तलाक़ का ज़िक्र किया था और बताया था कि वह किस तरह से अपने परिवार की हत्या के इरादे से उन्हें जश्न मनाने के बहाने इकट्ठा करने की योजना बना रहा था.
इस वीडियो के बारे में जिन दो अधिकारियों को बताया गया है, उन्होंने ही यह जानकारी दी है.
‘आईएस से संबंध’
सीएनएन के मुताबिक़ जब्बार ने इस वीडियो में बताया था कि उन्होंने अपनी योजना बदल दी और आईएसआईएस में शामिल हो गए.
अधिकारियों के मुताबिक़ जब्बार ने वीडियो में अपने कई सपनों का ज़िक्र किया था.
सीएनएन के मुताबिक़ उसने जब्बार के इस वीडियो की जांच नहीं की है लेकिन ऐसा लगता है कि यह वीडियो उस वक़्त रिकॉर्ड किया गया था, जब जब्बार रात के वक़्त गाड़ी चला रहे थे. हालांकि इसका सही समय अभी स्पष्ट नहीं है.
फ़िलहाल अमेरिका में क़ानून और प्रवर्तन से जुड़े अधिकारी जब्बार के बनाए वीडियो की जांच कर रहे हैं. वे इस बात की विस्तृत जानकारी जुटाने में लगे हैं कि कैसे वह सेना से निकलकर एक घातक हमले का संदिग्ध बन गया.
सेना के एक प्रवक्ता ने बुधवार को सीएनएन को बताया था कि जब्बार ने सेना में 10 साल से ज़्यादा समय तक नौकरी की थी. जब्बार मार्च 2007 से जनवरी 2015 तक सेना की सेवा में काफ़ी सक्रिय थे.
जब्बार को फ़रवरी 2009 से जनवरी 2010 तक अफ़गानिस्तान में भी तैनात किया गया था.
जनवरी 2015 में सेना की सक्रिय सेवा छोड़ दी थी लेकिन वह जुलाई 2020 तक रिज़र्व आर्मी में थे. जब उन्होंने सेना की नौकरी पूरी तरह छोड़ दी थी, उस वक़्त वह स्टाफ़ सार्जेंट के पद पर थे.
क्या अन्य लोग भी हमले में शामिल थे?
जब्बार माल ढोने वाला इलेक्ट्रिक ट्रक चला रहे थे और माना जा रहा है कि उन्होंने यह ट्रक ‘टुरो’ नामक एक ऐप के ज़रिए टेक्सस से किराए पर लिया था.
एफबीआई का मानना है कि अभियुक्त शम्सुद्दीन जब्बार को हमले को अंजाम देने में अन्य लोगों से मदद मिली थी. ख़ासतौर पर विस्फोटक डिवाइस लगाने में.
सीबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक़, एजेंसियों ने अभी तक जब्बार के साथियों के बारे में कोई सबूत जारी नहीं किए हैं.
पहले की रिपोर्टों में कहा गया था कि अधिकारी वीडियो फुटेज की समीक्षा कर रहे थे लेकिन सीबीएस ने बताया कि वीडियो फुटेज में केवल आसपास के लोग ही दिखाई दे रहे थे.
एफ़बीआई की असिस्टेंस स्पेशल एजेंट ने बुधवार को पत्रकारों से कहा था, “हम नहीं मानते हैं कि इस घटना को जब्बार ने अकेले अंजाम दिया है. हम पूरी ताक़त के साथ हर सबूत की छानबीन कर रहे हैं. इनमें उसके क़रीबी जानकार भी शामिल हैं.”
सीसीटीवी फुटेज में एक सफ़ेद रंग का ट्रक दिखाई देता है. वीडियो फुटेज में यह ट्रक पैदल चलने वालों को टक्कर मारने से पहले पुलिस की गाड़ी को चकमा देते हुए फुटपाथ पर बढ़ते हुए देखा गया है.
पुलिस ने ये कहा कि हमलावर शम्सुद्दीन जब्बार ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान लेने और नुक़सान करने की मंशा से आया था.
न्यू ऑर्लिन्स के पुलिस प्रमुख ऐनी किर्कपैट्रिक ने कहा, “यह आदमी जितना संभव हो सके उतने लोगों को कुचलने की कोशिश कर रहा था.”
जब्बार के पास हथियार भी थे और सुरक्षा अधिकारियों पर गोलीबारी भी की थी, जिसमें दो अधिकारी घायल हो गए. इसके बाद पुलिस ने जवाबी गोलीबारी की, जिसमें वह मारे गए.
जब्बार की पूर्व पत्नी के मौजूदा पति ड्वैन मार्श के मुताबिक़ उनकी पत्नी को जब्बार से दो बेटियाँ हैं, जिनकी उम्र 14 और 20 साल है.
मार्श ने बताया कि जब्बार ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था और इस्लाम को स्वीकार कर लिया था, लेकिन मार्श ने यह नहीं बताया कि जब्बार ने कब ऐसा किया था.
टेक्सस में जब्बार के साथ हाई स्कूल में पढ़ने वाले ने इस हमले पर हैरानी जताई है और बताया है कि जब्बार उन दिनों ”एक सामान्य और शांत व्यक्ति” थे.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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