डीएचएस सेक्रेटरी एलेजांद्रो एन मेयरकास ने क्या कहा?
डीएचएस सेक्रेटरी एलेजांद्रो एन मेयरकास ने एक बयान में कहा, ”एच-2बी वीजा कार्यक्रम के उपयोग को अधिकतम करके, डीएचएस अमेरिकी व्यवसायों की श्रम आवश्यकताओं को पूरा करने, उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम रखने, श्रमिक सुरक्षा को मजबूत करने और अमेरिका में अनियमित प्रवासन को रोकने में मदद कर रहा है।”
सप्लीमेंट वीजा दो कैटेगरी में विभाजित हैं। विशिष्ट देशों के वर्कर्स के लिए 20,000 वीजा हैं। इनमें ग्वाटेमाला, अल साल्वाडोर, होंडुरास, हैती, कोलंबिया, इक्वाडोर और कोस्टा रिका शामिल हैं। वहीं, पिछले तीन वित्तीय वर्षों में एच-2बी दर्जा रखने वाले रिटर्निंग वर्कर्स के लिए 44,716 वीजा होंगे। सीजनल लेबर डिमांग को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट वीजा पूरे वित्तीय वर्ष में आवंटित किए जाएंगे और अतिरिक्त वीजा पीक समर सीजन के लिए रिजर्व रखे जाएंगे।
कंपनियों के लिए इसका क्या मतलब है?
एच-2बी वीजा कार्यक्रम मुख्य रूप से हॉस्पिटैलिटी, लैंडस्केपिंग, सीफूड प्रोसेसिंग, पर्यटन, कंस्ट्रक्शन और फॉरेस्ट्री जैसे उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है, जहां पर्याप्त अमेरिकी कर्मचारी ढूंढना एक चुनौती हो सकता है। अतिरिक्त वीजा का मतलब है कि जो नियोक्ता (कंपनी) इन श्रमिकों पर निर्भर हैं, वे पीक सीजन के दौरान ग्राहकों की मांग को पूरा कर सकते हैं।
इस वीजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कंपनियों को पहले यह दिखाना होगा कि पदों को भरने के लिए कोई योग्य अमेरिकी कर्मचारी उपलब्ध नहीं है। इसमें श्रम विभाग (DOL) से सर्टिफिकेशन प्राप्त करना और सख्त भर्ती नियमों का पालन करना शामिल है। पात्रता, दाखिल करने की आवश्यकताओं और कार्यक्रम सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी अस्थायी अंतिम नियम में उपलब्ध होगी, जिसे जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा। कार्यक्रम में रुचि रखने वाली कंपनियां और कर्मचारी अपडेट के लिए USCIS H-2B वेबपेज पर जा सकते हैं।
आवेदन के लिए कौन सा फॉर्म भरना होता है?
आवेदन की शुरुआत नियोक्ता की ओर से फॉर्म I-129 (गैर-आप्रवासी कर्मचारी के लिए पिटीशन) प्रस्तुत करने से होती है। इस फॉर्म के लिए यूएस डिपार्टमेंट ऑफ लेबर और यूएससीआईएस दोनों से मंजूरी लेनी होती है। इसके बाद आवेदक इलेक्ट्रॉनिक DS-160 फॉर्म के माध्यम से अपने वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं या इंटरव्यू छूट प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
भारत को एच-2बी वीजा पात्रता से रखा गया है बाहर
डीएचएस की पात्र देशों की अपडेटेड लिस्ट के अनुसार, भारतीय नागरिक एच-2बी वीजा के लिए अयोग्य बने हुए हैं। इस प्रतिबंध का मतलब है कि भारत के नागरिकों को एच-2बी वीजा के लिए आवेदन करने से रोक दिया गया है, जबकि एंडोरा, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और कनाडा जैसे देशों के नागरिक अब भी पात्र हैं।