अमेरिकी पुलिस का कहना है कि कोलोराडो के बोल्डर शहर के एक मॉल में एक व्यक्ति ने कई लोगों को आग लगाने की कोशिश की.
एफ़बीआई का कहना है कि कोलोराडो के बोल्डर में हुआ हमला एक “टारगेटेड एक्ट ऑफ़ वॉयलेंस (हिंसा)” थी और वे इसकी जांच “आतंकवादी गतिविधि” मानकर कर रहे हैं. इस हमले में आठ लोग घायल हुए थे.
लोगों का एक समूह “नियमित रूप से निर्धारित, साप्ताहिक, शांतिपूर्ण कार्यक्रम” के लिए जुटा था. इसका आयोजन ‘रन फ़ॉर देयर लाइव्स’ ने किया था. यह एक ऐसा संगठन है जो हमास की क़ैद में रह रहे बंधकों को छुड़ाने की मुहिम चला रहा है.
एफ़बीआई ने कहा कि, ‘गवाहों के अनुसार, एक संदिग्ध ने लोगों के समूह पर हमला करने के लिए आग लगाने वाला उपकरण फेंका.’
एफ़बीआई ने बताया कि संदिग्ध की पहचान 45 वर्षीय मोहम्मद सबरी सोलिमन के रूप में हुई है और हमले के तुरंत बाद सोलिमन को अस्पताल ले जाया गया.
पुलिस ने कहा कि ‘उन्होंने अभी तक एकमात्र संदिग्ध को हिरासत में ले लिया है. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि संदिग्ध किसी बड़े समूह से जुड़ा हुआ था.’
एफ़बीआई के डेनवर फील्ड ऑफ़िस के अधिकारी के मार्क मिखालेक ने कहा, “हमले के दौरान संदिग्ध को ‘फ्री फ़लस्तीन’ चिल्लाते हुए सुना गया था.”
उन्होंने बताया, “यह स्पष्ट है कि हिंसा एक टारगेटेड है और एफ़बीआई इसकी जांच आतंकवादी कृत्य के तौर पर कर रही है.”
संदिग्ध कौन है?
संदिग्ध का नाम मोहम्मद सबरी सोलिमन बताया गया है, जिसे हमले के तुरंत बाद अस्पताल ले जाया गया.
बोल्डर पुलिस प्रमुख स्टीफ़न रेडफ़र्न ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसमें कोई और शामिल था. उन्होंने कहा, “हमें पूरा भरोसा है कि हमने एकमात्र संदिग्ध को हिरासत में ले लिया है.”
सरकारी अधिकारियों ने कोलोराडो में बीबीसी के प्रसारण साझेदार सीबीएस न्यूज़ को बताया कि 45 वर्षीय संदिग्ध मिस्र का नागरिक है.
सीबीएस न्यूज़ को कई सूत्रों ने बताया कि 2022 में सोलिमन गैर-आप्रवासी वीज़ा पर कैलिफ़ोर्निया पहुँचे थे, जो फ़रवरी 2023 में ख़त्म हो गया था. फिलहाल वह कोलोराडो स्प्रिंग्स में रह रहे थे.
ट्रम्प के डिप्टी चीफ़ ऑफ स्टाफ़ फ़ॉर पॉलिसी, स्टीफ़न मिलर ने एक्स पर कहा कि सोलिमन को उनके वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद बाइडन प्रशासन ने वर्क परमिट दिया था. हालांकि, बीबीसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
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पीड़ित कौन हैं?
आठ पीड़ित हैं, जिनकी उम्र 52 से 88 साल के बीच है. इनमें से चार महिलाएं और चार पुरुष हैं. सभी को जलने और अन्य चोटों के साथ अस्पताल ले जाया गया है. चोटें “मामूली” से लेकर “बहुत गंभीर” तक हैं.
कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय में कार्यरत रब्बी इसरायल विल्हेम ने सीबीएस को बताया कि पीड़ितों में सबसे उम्रदराज होलोकॉस्ट सर्वाइवर हैं. विल्हेम ने 88 वर्षीय पीड़ित बुज़ुर्ग को “बहुत प्यारे इंसान” बताया.
रन फ़ॉर देयर लाइव्स क्या है?
रन फ़ॉर देयर लाइव्स की वेबसाइट के अनुसार, यह समूह दुनिया भर में पैदल यात्रा और दौड़ कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसमें हमास से इसरायली बंधकों की रिहाई की मांग की जाती है.
उसका कहना है कि उसके कार्यक्रम विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि “शांतिपूर्ण मार्च” हैं.
उनकी वेबसाइट के मुताबिक़, वर्तमान में दुनियाभर में उनके 230 सक्रिय समूह हैं, जिनमें से अधिकांश उत्तरी अमेरिका और यूरोप में हैं.
ये ग्रुप हफ़्ते में एक बार लाल टी-शर्ट पहनकर एक किलोमीटर की पैदल यात्रा के लिए मिलते हैं. वे ग़ज़ा में बंधक बनाए गए नागरिकों के राष्ट्रीय झंडे भी साथ लेकर चलते हैं.
इसकी शुरुआत कैलिफ़ोर्निया में इसराइलियों के एक समूह ने गई थी, लेकिन स्थानीय कार्यक्रम “स्वतंत्र रूप से संचालित” होते हैं.
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इमेज कैप्शन, बोल्डर में हुए हमले में आठ लोग घायल हुए हैं.
अभी क्या हो रहा है?
फ़िलहाल जांच जारी है. अगले कुछ घंटों में पुलिस और एफ़बीआई से और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है.
अमेरिकी गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम ने कहा है कि उनका विभाग “एफ़बीआई सहित दूसरी एजेंसियों” के साथ काम कर रहा है और अधिक जानकारी उपलब्ध होने पर उसे साझा किया जाएगा.”
उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. यह हिंसा ज़रूर रुकनी चाहिए.”
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इमेज कैप्शन, इसराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार.
इसराइल ने क्या कहा?
इसराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने एक बयान जारी कर कहा कि वह इस घटना से “स्तब्ध” हैं, जिसे उन्होंने “साफ़ तौर पर यहूदी विरोध” कहा.
बोल्डर में यहूदी समुदाय ने एक बयान जारी कर कहा: “हमारी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने इस भयानक हमले को देखा और हम घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं. जब इस तरह की घटनाएं हमारे अपने समुदाय के सामने आती हैं, तो हम हिल जाते हैं.”
हाल के दिनों में यहूदी समुदाय पर यह दूसरा बड़ा हमला है.
पिछले सप्ताह वॉशिंगटन डीसी में एक यहूदी संग्रहालय के बाहर एक बंदूकधारी ने “फ़लस्तीन को आज़ाद करो” के नारे लगाते हुए एक युवक और एक युवती की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित