बेबीसिटिंग के जॉब में 13 से 18 डालर प्रति घंटे होती है कमाई
बेबीसिटिंग को एक सुरक्षित और आसानी से मिलने वाला काम माना जा रहा है, जिसमें स्टूडेंट्स को 13 से 18 डॉलर प्रति घंटे की कमाई हो जाती है। कुछ मामलों में तो खाने-पीने और रहने की सुविधा भी मिल जाती है।
ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओहायो में पढ़ाई कर रहे हैदराबाद के एक छात्र ने बताया, “मैं एक छह साल के बच्चे की देखभाल करता हूं, लगभग आठ घंटे रोज। मुझे 13 डॉलर प्रति घंटे मिलते हैं। खाना भी मिलता है।” उन्होंने आगे कहा कि यह किसी लोकल स्टोर या गैस स्टेशन पर काम करने से बेहतर है।
कनेक्टिकट में पढ़ रही छात्रा ने बताया अनुभव
कनेक्टिकट में पढ़ रही एक छात्रा ने बताया, “मुझे हफ्ते में छह दिन ढाई साल की बच्ची की देखभाल करनी होती है। खाना और रहना फ्री है। रविवार को मैं अपनी सहेली के कमरे में रुकती हूं।” छात्रा को 10 डॉलर प्रति घंटे मिलते हैं, लेकिन रहने की सुविधा मुफ्त होने से यह डील फायदेमंद हो जाती है, खासकर तब जब स्टूडेंट्स को किराये पर हर महीने औसतन 300 डॉलर खर्च करने पड़ते हैं। कैलिफोर्निया, टेक्सास और न्यू यॉर्क जैसे राज्यों में, जहां भारतीयों की आबादी ज्यादा है, बेबीसिटिंग के लिए पैसे कम मिलते हैं क्योंकि यहां इस काम के लिए ज्यादा लोग उपलब्ध हैं।
Open Doors 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, टेक्सास, इलिनोइस, ओहायो और कनेक्टिकट उन राज्यों में शामिल हैं जहां सबसे ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। टेक्सास में लगभग 39,000 भारतीय छात्र हैं, जबकि इलिनोइस में 20,000, ओहायो में 13,500 और कनेक्टिकट में 7,000 छात्र हैं।
इस तरह स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्पूर्ण योगदान दे रहे भारतीय छात्र
औसतन, छात्र किराये पर हर महीने 300 डॉलर खर्च करते हैं। इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, इन राज्यों में भारतीय छात्रों की ओर से किराये पर खर्च की जाने वाली कुल रकम स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती है। अगर सभी छात्र औसत किराया ही दे रहे हों तो सिर्फ टेक्सास में भारतीय छात्रों की ओर से हर महीने लगभग 11.7 मिलियन डॉलर किराये पर खर्च किए जाते हैं।