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भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए संघर्ष के तीन महीने बाद भी दोनों देशों की ओर से अलग-अलग दावे किए जाना जारी है.
अब पाकिस्तानी सेना के प्रमुख फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि मई में हुए संघर्ष में पाकिस्तान को कामयाबी मिली थी.
साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ‘विश्व गुरु’ बनने का दावा करता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.
आसिम मुनीर का बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब शनिवार और रविवार को ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय थल सेना और वायु सेना प्रमुखों के अलग-अलग बयान सामने आए थे.
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भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चार अगस्त को आईआईटी मद्रास में एक कार्यक्रम में शिरकत की थी. जनरल द्विवेदी ने कहा था कि पहलगाम हमले के जवाब में चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ किसी भी पारंपरिक मिशन से अलग था.
शनिवार को भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल एपी सिंह ने दावा किया था कि मई में हुए संघर्ष के दौरान भारत ने ‘छह पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया था.’
हालांकि, उसी रोज़ पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने बयान जारी कर छह विमान गिराए जाने के दावे का खंडन किया.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमले के बाद भारत ने बताया था कि छह-सात मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में स्थित चरमपंथी कैंपों को निशाना बनाया है. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष शुरू हो गया था.
10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति बनने के बाद गोलीबारी थम गई. उस समय पाकिस्तान ने भारत के ‘पांच लड़ाकू विमान गिराने’ का दावा किया था, जिसे भारत ने सिरे से ख़ारिज कर दिया था.
आसिम मुनीर ने क्या-क्या दावे किए?
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पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग (आईएसपीआर) ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर की अमेरिका यात्रा की सूचना दी है, जहाँ उन्होंने टाम्पा में अमेरिकी सेना की एक कमान, सेंटकॉम के कमांडर बदलने के समारोह में भाग लिया.
इस दौरान मुनीर ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को मज़बूत करने में रिटायर हो रहे तत्कालीन जनरल माइकल एरिक कुरिला की भूमिका की प्रशंसा की.
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने एक निजी कार्यक्रम में पाकिस्तानी समुदाय को भी संबोधित किया.
उन्होंने वहां दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत की ‘भेदभावपूर्ण और दोहरे व्यवहार वाली नीतियों’ के ख़िलाफ़ एक सफल कूटनीतिक युद्ध लड़ा है. इस भाषण के दौरान फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कहा कि ‘विदेश में पाकिस्तानियों का जाना ब्रेन ड्रेन नहीं, बल्कि ब्रेन गेन है.’
ऐसी ही बात जनरल मुनीर अतीत में भी कहते रहे हैं.
उन्होंने मई में भारत के ख़िलाफ़ सैन्य संघर्ष के बारे में कहा कि भारत “ख़ुद को ‘विश्व गुरु’ के रूप में पेश करना चाहता है, लेकिन व्यवहार में ऐसा कुछ नहीं है.”
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद’ में शामिल है और इस संबंध में उन्होंने ‘कनाडा में एक सिख नेता की हत्या, क़तर में आठ नौसेना अधिकारियों का मामला और कुलभूषण जाधव जैसी घटनाओं’ का उदाहरण दिया.
उन्होंने दावा किया कि “भारत के संघर्ष ने इस क्षेत्र को ख़तरनाक तौर पर एक भड़कने वाले युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है जहाँ किसी भी ग़लती की वजह से दोतरफ़ा टकराव एक बड़ी ग़लती होगी.”
डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रिया किया अदा
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पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रिया अदा किया.
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान राष्ट्रपति ट्रंप का बेहद आभारी है, जिनके रणनीतिक नेतृत्व ने न केवल भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोका, बल्कि दुनिया में कई युद्धों को भी रोका.”
दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम के लिए डोनाल्ड ट्रंप ख़ुद को श्रेय देते रहे हैं लेकिन भारत साफ़ कर चुका है कि यह संघर्ष विराम पाकिस्तान की ओर से बातचीत का प्रस्ताव देने के बाद किया गया था.
वहीं आसिम मुनीर ने संघर्ष को लेकर दावा किया कि पाकिस्तान ने ‘इस उकसावे का निर्णायक और सशक्त जवाब दिया.’
फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर अपने भाषण में कश्मीर एक अधूरा ‘अंतरराष्ट्रीय एजेंडा’ बताया.
उन्होंने कहा कि “भारत के ख़िलाफ़ ‘कूटनीतिक और सुरक्षा क्षेत्र में हालिया सफलता’ अल्लाह की रहमत, राष्ट्र के सामूहिक प्रयासों, राजनीतिक नेतृत्व की दूरदर्शिता और हमारी बहादुर सेनाओं की दृढ़ता का परिणाम है. अब हमारे सामने सवाल यह नहीं है कि ‘क्या हम उठेंगे’, बल्कि सवाल यह है कि ‘हम कितनी जल्दी और कितनी ताक़त से उठेंगे?”
सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने क्या कहा था?
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चार अगस्त को आईआईटी मद्रास में आयोजित एक कार्यक्रम में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शिरकत की. उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की लड़ाई में एक नया अध्याय’ विषय पर संबोधन दिया.
इस दौरान जनरल द्विवेदी बताया कि इस साल 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने किस तरह जवाबी कार्रवाई की रणनीति तैयार की. इस कार्यक्रम का पूरा वीडियो भारतीय सेना के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर शनिवार को अपलोड किया गया.
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद नैरेटिव मैनेजमेंट पर भी अपनी बात रखी.
जनरल द्विवेदी ने कहा, “नैरेटिव मैनेजमेंट सिस्टम वह चीज़ है जिसे हमने बड़े पैमाने पर समझा, क्योंकि जीत दिमाग़ में होती है, हमेशा दिमाग़ में रहती है. अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि आपने हारा या जीता, तो वह कहेगा- ‘मेरा चीफ़ फ़ील्ड मार्शल बन गया है. हम जीते हैं, तभी वह फ़ील्ड मार्शल बना है’.”
दरअसल, यह टिप्पणी उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के फ़ील्ड मार्शल बनने के संदर्भ में की, जिन्हें भारत-पाकिस्तान संघर्ष के कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान सरकार ने यह पद दिया था.
इसी के साथ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति को शतरंज के खेल से तुलना करते हुए बताया कि इस दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे की चालें समझने और तोड़ने में लगे थे.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.