इमेज कैप्शन, नगनथोई शर्मा और लैमनुनथेम सिंगसन (दाएं)….में
“वो अपनी एयर होस्टेस की नौकरी को लेकर बहुत ख़ुश थी. यह उसका सपना था. कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान ही उसने एयर होस्टेस की परीक्षा पास कर नौकरी हासिल कर ली थी. उस समय वो महज़ 19 साल की थी. अभी कुछ दिन पहले ही घर आई थी लेकिन अब वो कभी नहीं लौटेगी.”
सनतोम्बा शर्मा जब यह बात बता रहे थे तो उनके चेहरे पर मायूसी थी और आँखें नम थीं.
गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में 21 वर्षीय केबिन क्रू नगनथोई शर्मा ने भी अपनी जान गंवा दी. सनतोम्बा शर्मा उनके ताऊ हैं.
बीबीसी से बातचीत में अपनी भतीजी को याद करते हुए सनतोम्बा शर्मा कहते हैं, “नगनथोई अपने तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी. एक बड़ी बहन है और छोटा भाई 10वीं की पढ़ाई कर रहा है.”
सनतोम्बा शर्मा बताते हैं, ” हमारे परिवार में ज़्यादातर लोग पूजा-पाठ और भोजन बनाने का काम करते हैं. लेकिन नगनथोई परिवार की पहली लड़की थी जो एयर होस्टेस बनी. वह इस नौकरी में कभी दुबई गई तो कभी अमेरिका. उसने हमें बहुत गर्व महसूस कराया है.”
नगनथोई ने साल 2023 में कॉलेज की पढ़ाई करने के दौरान ही एयर होस्टेस की नौकरी हासिल कर ली थी. वह उस दौरान इंफाल के धनमुंजरी (डीएम) कॉलेज में पढ़ाई कर रही थीं.
सनतोम्बा शर्मा के अनुसार, ‘नगनथोई शुरू से पढ़ाई में अच्छी थीं. उनकी कुछ दोस्त एयर होस्टेस बनने की ट्रेनिंग ले रही थीं. नगनथोई ने भी फ़ॉर्म भरा था और उनका पहली बार में ही चयन हो गया.’
वह कहते है, “हम सब लोग उसे यह नौकरी मिलने से बहुत ख़ुश थे. वो परिवार की पहली लड़की थी जिसने बड़ी कंपनी में नौकरी करने का अपना सपना पूरा किया था.”
‘सब कुछ ख़त्म हो गया’
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इमेज कैप्शन, नगनथोई की बड़ी बहन गीतांजलि ने बताया कि हादसे के दिन उनकी बहन से सुबह आख़िरी बार बात हुई थी.
मणिपुर के थौबल कस्बे में अवांग लेइकाई इलाके़ में रहने वाला नगनथोई का परिवार ग़मगीन है. उनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है. नगनथोई ने लंदन के लिए उड़ान भरने से पहले बड़ी बहन गीतांजलि को फ़ोन किया था.
गीतांजलिअब घर आने वालों को अपनी बहन की सारी तस्वीरें दिखाती हैं और इस बीच रो पड़ती हैं.
वह घर पर आए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के सामने रोते हुए कहा, “अगर मेरी बहन नगनथोई मुझे मिलने के लिए बुलाती तो कितनी ख़ुशी होती. लेकिन अब मैं अहमदाबाद उनका शव लेने जा रही हूँ. सब कुछ ख़त्म हो गया.”
नगनथोई के पिता नंदेश कुमार शर्मा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि ‘नगनथोई ने अपनी बड़ी बहन से गुरुवार को सुबह क़रीब साढ़े 11 बजे फ़ोन पर बात की थी. यह उसका आखिरी कॉल था.’
“नगनथोई ने बड़ी बहन को बताया था कि वह लंदन जा रही है और अगले कुछ दिनों तक फ़ोन नहीं कर पाएगी. उसने कहा था कि वो 15 जून को वापस लौटने के बाद कॉल करेगी.”
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इमेज कैप्शन, नगनथोई के परिवार में मातम है. उनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है.
लेकिन दोपहर में जब विमान के दुर्घटना ग्रस्त होने की खबर गीतांजलि ने मोबाइल पर देखी तो परिजन घबरा गए. उन लोगों ने तुरंत नगनथोई को कॉल किया.
नगनथोई के बड़े पापा सनतोम्बा कहते हैं, “हमें पता था कि वह उस विमान के अंदर थी. लेकिन हमें एयर इंडिया या किसी प्रतिनिधि से कोई जानकारी नहीं मिली. हमें विमान हादसे की जानकारी न्यूज़ और सोशल मीडिया से ही पता चली.”
“हालांकि, शाम को एयर इंडिया के कुछ अधिकारी घर पर आए थे और उन लोगों ने डीएनए जांच के लिए घर वालों को अहमदाबाद जाने के लिए कहा. गीतांजली और परिवार के दो और लोग शुक्रवार को अहमदाबाद पहुंच गए हैं.”
आख़िरी बार बीते मार्च में नगनथोई महज़ तीन-चार दिनों के लिए घर आई थीं. दरअसल, उस समय उनके पिता का अस्पताल में इलाज चल रहा था.
सनतोम्बा कहते हैं, “वो अक़्सर परिवार वालों से मिलने घर आती थी. गीतांजलि उसकी बड़ी बहन कम और दोस्त ज़्यादा थी. गेट पर पहुंचते ही वो गीतांजलि को आवाज़ लगाने लगती. उसके बिना अब सब कुछ सूना पड़ जाएगा.”
बूढ़ी मां का सहारा थीं लैमनुनथेम सिंगसन
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इमेज कैप्शन, कुकी जनजाति से ताल्लुक रखने वाली केबिन क्रू लैमनुनथेम सिंगसन भी विमान में मौजूद थीं.
12 जून को अहमदाबाद में उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के चालक दल के सदस्यों में नगनथोई के अलावा कुकी जनजाति से ताल्लुक रखने वाली लैमनुनथेम सिंगसन भी थीं.
कुकी नागरिक समाज संगठन के एक सदस्य ने बताया कि सिंगसन मूल रूप से इंफाल की रहने वाली थीं, लेकिन हिंसा भड़कने के बाद वह अपने परिवार के साथ कांगपोकपी जिले में एक किराए के घर में रहने चली आई थीं.
25 साल की लैमनुनथेम ने पिछले साल ही एयर इंडिया में बतौर केबिन क्रू ज्वाइन किया था. उनके पिता की मौत हो चुकी है और घर पर बूढ़ी मां है.
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक्स पर लिखा, “यह बताते हुए बहुत दु:ख हो रहा है कि मणिपुर की दो युवा केबिन क्रू सदस्य, कोंगराबैलाटपम नगंतोई शर्मा और लामनुनथेम सिंगसन, अहमदाबाद में आज हुए एयर इंडिया के विमान हादसे में जान गंवाने वालों में शामिल थीं.”
“दोनों अपने जीवन में ख़ुश थीं. समर्पण और गर्व के साथ सेवा कर रहे थीं. उनका अचानक चले जाना उनके परिवारों, दोस्तों और हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है.”
गुरुवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया का एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. लंदन जाने के लिए उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद ही यह विमान एक रिहायशी इलाके में गिर गया था.
एयर इंडिया ने इसमें सवार 242 लोगों में से 241 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर थे.
इस विमान हादसे में भारतीय मूल के एक ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश ज़िंदा बच निकलने में क़ामयाब रहे.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित