इमेज कैप्शन, आईपीएल के 17वें सीज़न के एक मुकाबले के दौरान मोहम्मद सिराज….में
एक रिपोर्ट के मुताबिक़ शनिवार से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में गेंदबाज़ों को गेंद चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है. पाँच साल पहले कोविड के दौरान ये पाबंदी लगाई गई थी.
क्रिकेट की चर्चित वेबसाइट क्रिकइन्फ़ो के मुताबिक़ गुरुवार को बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के साथ बैठक के दौरान आईपीएल टीमों के ज़्यादातर कप्तानों ने इस फ़ैसले का समर्थन किया.
मई 2020 में कोविड के दौरान डॉक्टरी सलाह पर गेंद को चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगाई गई थी. हालाँकि गेंद चमकाने के लिए खिलाड़ी को पसीना लगाने की अनुमति थी.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी ने सितंबर 2022 में इस पाबंदी को स्थायी बना दिया था.
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थूक लगाने का क्या है कारण?
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इमेज कैप्शन, अम्पायर माइकल गॉग थूक लगी बॉल को साफ करते हुए, ये तस्वीर साल 2020 के एक मैच के दौरान की है
खिलाड़ी गेंद के एक साइड को चमकाने के लिए थूक और पसीने का इस्तेमाल करते हैं ताकि गेंद को हवा में स्विंग कराया जाए.
कोविड के दौरान थूक के इस्तेमाल पर इसलिए पाबंदी लगाई गई थी ताकि ये संक्रमण न फैले.
थूक गेंद की चमक बनाए रखने के लिए तेज़ गेंदबाज़ों की मदद करती है. इस कारण गेंदबाज़ों को स्विंग कराने में मदद करती है. एक सदी से ज़्यादा समय से ये गेंदबाज़ी का एक अहम हिस्सा रहा है.
गेंदबाज़ इसकी मदद से रिवर्स स्विंग भी कराते हैं, जिसमें गेंद उम्मीद से अलग उल्टी दिशा से निकलती है. ये उन परिस्थितियों में ज़्यादा अहम होती है, जब विकेट काफ़ी ड्राई होती है. पुरानी गेंद के साथ रिवर्स स्विंग कराने में थूक का इस्तेमाल मदद करता है.
एक दिवसीय क्रिकेट या टी-20 क्रिकेट के मुक़ाबले टेस्ट क्रिकेट में थूक का इस्तेमाल ज़्यादा प्रभावी होता है.
टेस्ट क्रिकेट में गेंद का इस्तेमाल लंबे समय तक होता है. इस कारण गेंदबाज़ गेंद की एक साइड चमका कर रिवर्स स्विंग हासिल कर लेते हैं.
दुनिया की सबसे अमीर टी-20 लीग में थूक के इस्तेमाल पर पाबंदी हटाने के बीसीसीआई के फ़ैसले के बाद अभी ये स्पष्ट नहीं है कि आईसीसी टेस्ट क्रिकेट में थूक के इस्तेमाल पर लगी पाबंदी हटाएगा या नहीं.
इस समय आईसीसी की कमान जय शाह के पास है, जो लंबे समय तक बीसीसीआई के सचिव रहे हैं.
भारतीय क्रिकेटर्स ने क्या कहा?
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इमेज कैप्शन, मोहम्मद शमी भी कर चुके थे पाबंदी हटाने की मांग
ये बदलाव शनिवार से लागू होगा. इसी दिन आईपीएल के 18वें संस्करण का पहला मैच खेला जाएगा. इस मैच में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में मौजूदा चैम्पियन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) का मुक़ाबला रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) से है.
क़रीब दो महीने तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में 74 मैच भारत के 13 शहरों में खेले जाएँगे.
आईपीएल में गुजरात टाइटंस की ओर से खेलने वाले तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने थूक के इस्तेमाल पर पाबंदी हटाने के फ़ैसले का स्वागत किया है.
पीटीआई के साथ बातचीत में सिराज ने कहा, “हमारे जैसे गेंदबाज़ों के लिए ये बहुत अच्छी ख़बर है. जब गेंद कुछ ख़ास नहीं कर रहा होता है, तो थूक लगाने से थोड़ा रिवर्स स्विंग कराने के चांस बढ़ जाते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “इससे कभी-कभी रिवर्स स्विंग कराने में मदद मिलती है. गेंद को शर्ट पर रगड़ने से रिवर्स स्विंग में मदद नहीं मिलती. लेकिन थूक के इस्तेमाल से हमें गेंद के एक साइड की चमक बरकरार रखने में मदद मिलेगी और ये महत्वपूर्ण है.”
भारत के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने भी कुछ दिनों पहले आईसीसी से थूक के इस्तेमाल पर लगी पाबंदी हटाने की अपील की थी.
चैंपियंस ट्रॉफ़ी के सेमी फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद समी ने कहा था, “हम लगातार अपील कर रहे हैं कि हमें थूक के इस्तेमाल की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि हम क्रिकेट में रिवर्स स्विंग वापस ला सकें और खेल को रोचक बना सकें.”
शमी की अपील का पूर्व गेंदबाज़ वेरनॉन फिलैंडर और टिम साउदी ने समर्थन किया था.
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले भारत के स्पिनर आर अश्विन ने कहा था कि वे भी इस पाबंदी को लेकर भ्रमित हैं.
अपने यूट्यूब चैनल पर उन्होंने कहा था, “आईसीसी ने कुछ रिसर्च पेपर जारी किए थे, जिनमें कहा गया था कि थूक रिवर्स स्विंग में मदद नहीं करती और गेंद पर थूक लगाने से कोई बड़ा अंतर नहीं आया है. मुझे नहीं पता कि उन्होंने ये शोध कैसे किया. लेकिन थूक के इस्तेमाल की अनुमति मिलनी चाहिए अगर ये कोई समस्या न हो.”
क्रिकेट के जानकारों की राय क्या है?
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इमेज कैप्शन, भारत के पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद का मानना है कि साफ़-सफ़ाई के लिहाज़ से पाबंदी हटाने का फ़ैसला लेते समय काफ़ी सावधानी बरतने की ज़रूरत है
खेल पत्रकार शारदा उगरा का कहना है कि थूक के इस्तेमाल से पाबंदी हटाने से बैट और बॉल के बीच बराबर की टक्कर हो सकती है.
कई लोगों का मानना है कि बैटिंग के अनुकूल पिच के कारण टी-20 लीग में गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ संभावनाएँ अधिक होती हैं.
वर्ष 2013 में आरसीबी ने पुणे के ख़िलाफ़ 20 ओवरों में पाँच विकेट पर 263 रन बनाए थे. उस समय ये आईपीएल का सबसे बड़ा स्कोर था. लेकिन पिछले साल यानी 2024 में चार बार टीमों ने इससे ज़्यादा स्कोर बनाए.
अब तक आईपीएल के 17 सीज़न हो चुके हैं और इस दौरान 10 बार टीमों ने 250 के स्कोर को पार किया है.
हालाँकि शारदा उगरा का कहना है कि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि थूक के इस्तेमाल पर पाबंदी हटाने से गेंदबाज़ी पर कितना प्रभाव पड़ेगा.
उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, “सिर्फ़ थूक के इस्तेमाल से ही गेंद स्विंग नहीं करती. इसके लिए परिस्थितियाँ भी आदर्श होनी चाहिए और एक हुनरमंद गेंदबाज़ भी महत्वपूर्ण है. “
भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ वेंकटेश प्रसाद और कई पूर्व खिलाड़ियों ने इस बदलाव को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी थी.
इस महीने के शुरू में अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ बातचीत में वेंकटेश प्रसाद ने कहा था, “थूक के इस्तेमाल पर लगी पाबंदी साफ़-सफ़ाई बनाए रखने के लिए भी थी. हमें नहीं पता कि कब एक नया वायरस हवा में आ जाता है. इसलिए मुझे लगता है कि पाबंदी हटाने पर कोई फ़ैसला लेते समय आपको बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.