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इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में अनुभवी खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर तो नज़र रहती ही है, लेकिन यहां युवा और उभरते खिलाड़ियों के लिए भी अपने टैलेंट को दिखाने का अच्छा मौका रहता है.
आईपीएल हमेशा से नए खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा को दिखाने का एक बड़ा मंच रहा है. जिन खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन को दिखाने के लिए कोई बड़ा मंच नहीं मिलता, वे इस लीग का इस्तेमाल अपने टैलेंट को दिखाने के लिए करते हैं.
इस मंच पर अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत वो मीडिया में सुर्खिया बनते हैं और लोग उनके टैलेंट को पहचानना शुरू करते हैं.
ऐसे कई क्रिकेटर हैं जिन्हें आईपीएल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिला है और इस तरह ये नए खिलाड़ी अपने भविष्य को संवारते हैं. हर सीज़न में कुछ नए टैलेंट देखने के लिए मिलते हैं, जो अपनी पहचान बनाने के लिए बेहद उत्साहित रहते हैं.
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आईपीएल 2025 की शुरुआत 22 मार्च से होने जा रही है. हर साल की तरह इस साल भी कई युवा खिलाड़ी अपने टैलेंट की छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं.
ऐसे में आइए उन 5 अनकैप्ड खिलाड़ियों पर नज़र डालते हैं, जो इस सीज़न अपने टैलेंट से दर्शकों का दिल जीत सकते हैं. साथ ही उनके यहां तक पहुंचने के सफ़र के बारे में भी जानते हैं.
वैभव सूर्यवंशी
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बिहार के एक छोटे से गांव से आने वाले 13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का नाम इस साल के ऑक्शन में काफी सुर्खियों में रहा. वह आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं. यही कारण है कि वह इस सीज़न में सभी की नज़रों में रहने वाले हैं.
वह राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए नज़र आएंगे. उन्हें 1.10 करोड़ रुपये की डील के साथ राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में शामिल किया है.
आईपीएल 2025 के ऑक्शन से पहले राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को नागपुर में ट्रायल के लिए बुलाया था, जहां इस युवा खिलाड़ी ने अपने बल्ले से बेहतर प्रदर्शन किया था.
उनके पिता संजीव ने पीटीआई को बताया, “राजस्थान रॉयल्स ने उसे नागपुर में ट्रायल्स के लिए बुलाया था. विक्रम राठौर सर (बल्लेबाजी कोच) ने उसे एक मैच की परिस्थिति बताई, जिसमें उसे एक ओवर में 17 रन बनाने थे. बिटुआ ने 3 छक्का मारा. ट्रायल में उसने आठ छक्के और चार चौके मारे”.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने अपने बेटे की क्रिकेट की इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपनी खेती की ज़मीन बेच दी थी.
उनके पिता ने अपने मुश्किल भरे दिनों को याद करते हुए पीटीआई को बताया कि मेरे बेटे ने कड़ी मेहनत की है. 8 साल की उम्र में उसने अंडर 16 डिस्ट्रिक्ट ट्रायल में बेहतर प्रदर्शन किया था. मैं उसे क्रिकेट की कोचिंग के लिए समस्तीपुर ले जाता था और फिर उसे वापस भी लाता था.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, वैभव की उम्र महज़ 4 साल की थी जब उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने उन्हें प्लास्टिक की गेंद से खेलते हुए देखा था. अपने बच्चे का क्रिकेट के प्रति जूनून देखकर उनके पिता ने अपने घर के पीछे एक छोटा सा खेल का मैदान बना लिया, जहां उनका बेटा प्रैक्टिस करता था.
सितंबर 2024 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के ख़िलाफ़ मुकाबले में इंडिया अंडर-19 के लिए टेस्ट मुकाबले में डेब्यू किया था. उन्होंने इस डेब्यू मुकाबले में 58 गेंदों में सेंचुरी बनाई थी, जो अंडर -19 टेस्ट में किसी भारतीय द्वारा लगाया गया अभी तक का सबसे तेज शतक है.
इसके अलावा, उन्होंने 2024 एसीसी अंडर-19 एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्होंने यूएई अंडर-19 के ख़िलाफ़ 46 गेंदों पर 76 रन बनाए थे. वही सेमीफाइनल में श्रीलंका के ख़िलाफ़ 36 गेंदों पर 67 रन बनाए थे.
वह अपने इस प्रदर्शन को आईपीएल डेब्यू में राजस्थान रॉयल्स के लिए भी बरकरार रखने की उम्मीद करेंगे.
अंशुल कंबोज
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हरियाणा से आने वाले 24 वर्षीय अंशुल कंबोज को इस सीज़न चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी टीम में शामिल किया. उन्हें सीएसके ने 3.40 करोड़ रुपये में खरीदा.
वह इससे पहले 2024 सीज़न में मुंबई इंडियंस का भी हिस्सा रह चुके हैं. जहां उन्होंने खेले गए 3 मुकाबलों में 2 विकेट भी हासिल किए हैं. अब वह चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा है, ऐसे में वह अपने पिछले सीज़न के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे.
हरियाणा से आने वाले इस खिलाड़ी की कहानी हरियाणा के एक एथलीट और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा से मिलती-जुलती है, जिनका वज़न भी बचपन में ज़्यादा हुआ करता था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अंशुल कंबोज ने क्रिकेट खेलना इसलिए शुरू किया क्योंकि उनके पिता उधम सिंह उनका वज़न कम करना चाहते थे.
कंबोज़ के बचपने के कोच सतीश राणा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 10 साल की उम्र में उनका वज़न बहुत ज़्यादा हुआ करता था.
सतीश राणा इंडियन एक्सप्रेस को बताते हैं, “सबसे मज़ेदार बात यह थी कि उधम सिंह चाहते थे कि वह एक गेंदबाज़ बने. वह चाहते थे कि वह अधिक गेंदबाज़ी करे ताकि वह अधिक दौड़ सके और इससे उन्हें फिट होने में मदद मिलेगी”
कंबोज नवंबर 2024 में सुर्खियों में आए, जब वह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए. उन्होंने यह कारनामा हरियाणा के लिए खेलते हुए केरल के ख़िलाफ़ किया. यह भी कारण है कि उन्हें इस बार चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी टीम में जगह दी.
इसके अलावा, उन्होंने तब भी सुर्खियां बटोरी थी, जब उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में 10 मैचों में 17 विकेट चटकाए थे और हरियाणा को 2023 में विजय हजारे ट्रॉफी जीतने में मदद की थी.
रॉबिन मिंज़
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झारखंड से आने वाले इस 22 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ को इस सीज़न मुंबई इंडियंस ने अपनी टीम का हिस्सा बनाया है. उन्हें मुंबई इंडियंस ने 65 लाख रुपये में खरीदा है.
इससे पहले 2024 सीज़न में उन्हें गुजरात टाइटंस ने 3.6 करोड़ रुपये में खरीदा था. वह गुजरात टाइटंस के साथ अपना आईपीएल डेब्यू करने वाले थे लेकिन एक सड़क दुर्घटना के कारण उनका सपना पूरा नहीं हो सका था.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सुपरबाइक के शौकीन रॉबिन अपनी कावासाकी बाइक चला रहे थे. लेकिन अपने घर के पास ही एक दूसरी बाइक से टकराने के बाद उनका कंट्रोल बिगड़ गया और वह दुर्घटना का शिकार हो गए.
इस दुर्घटना के कारण वे पूरे सीज़न से बाहर हो गए थे, जिससे उनका परिवार बेहद निराश था. लेकिन इस बार उन्हें टीम में जगह मिलने पर उनकी मां एलिस मिंज़ ने बेहद खुशी जताई.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उनकी मां एलिस मिंज ने बताया, “सभी के सहयोग के कारण ही रॉबिन वापस आ पाया है. नीलामी के बाद उसने मुझे फोन किया और बहुत खुश हुआ. पहले जब वह नहीं खेल पाया था तो यह बहुत मुश्किल समय था लेकिन सभी के समर्थन से यह दिन फिर से मुमकिन हो पाया. जिसके लिए मैं बहुत खुश हूं”.
रॉबिन के कोच आसिफ हक उनकी तुलना वेस्टइंडीज के धाकड़ बल्लेबाज क्रिस गेल से करते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वह कहते हैं, “हम उन्हें रांची का गेल कहते हैं. वह बाएं हाथ के बल्लेबाज है, अच्छी कद-काठी के हैं और बड़े-बड़े छक्के मारते हैं. वह नए ज़माने के क्रिकेटर की तरह है, जो पहली गेंद से ही गेंदबाजों पर हावी होना पसंद करते हैं और 200 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करने में भरोसा रखते है”.
फरवरी 2021 में उन्होंने गुमला प्रीमियर लीग में लिस्ट ए क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था. उन्होंने इस डेब्यू मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन किया और वह सिर्फ चार रन से अपना पहला शतक बनाने से चूक गए थे. इसके बावजूद वो उस मुकाबले के टॉप स्कोरर रहे थे.
इसके अगले ही मुकाबले में उन्होंने 73 गेंदों में 154 रन बनाए और अपनी टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई.
हालांकि उन्होंने अभी तक महज छह टी20 पारियां ही खेली हैं, लेकिन उन्होंने इन मुकाबलों में 181 की चौंका देने वाली टी20 स्ट्राइक रेट हासिल की है. जो उन्हें एक शानदार खिलाड़ी बनाता है.
सूर्यांश शेडगे
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मुंबई से आने वाले 22 वर्षीय सूर्यांश शेडगे को पंजाब किंग्स ने अपनी टीम में जगह दी है. उन्हें पंजाब किंग्स ने 30 लाख रुपये की कीमत पर टीम में शामिल किया है.
इस बार पंजाब किंग्स टीम की कप्तानी श्रेयस अय्यर कर रहे हैं. ऐसे में सूर्यांश का मानना है कि श्रेयस अय्यर के नेतृत्व में फिर से खेलने से उनके लिए आईपीएल में अपने आप को एडजस्ट करना आसान हो जाएगा. वह 2024-25 में हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में श्रेयस अय्यर के नेतृत्व में पहले भी खेल चुके हैं.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने पंजाब किंग्स की तरफ से जारी प्रेस रिलीज़ का हवाला देते हुए बताया कि सूर्यांश हेडगे कहते हैं, “अगर आप पिछले कुछ सालों में पंजाब किंग्स के रिकॉर्ड पर नज़र डाले, तो वे हमेशा नए टैलेंट में निवेश करते हैं. वे घरेलू प्रदर्शन की बारीकी से जांच करते हैं. मैं फ्रैंचाइज़ी का हिस्सा बनकर वास्तव में उत्साहित हूं. श्रेयस भैया के कप्तान होने से मेरे लिए आईपीएल में खुद को एडजस्ट करना आसान हो जाता है क्योंकि वह एक जाना-पहचाना चेहरा हैं”.
एएनआई के मुताबिक, सूर्यांश ने पिछले साल अपनी पीठ की चोट को भी याद किया, जिसने उनके करियर को पटरी से उतार दिया था. उस समय वह मुंबई की सीनियर टीम के लिए दौड़ में थे. लेकिन उनके फिज़ियों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी. उन्होंने यह मान लिया था कि इससे उनका करियर ख़त्म हो सकता है.
पंजाब किंग्स की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने 2022 में बीसीसीआई मैंस अंडर-25 स्टेट ए ट्रॉफी में अहम योगदान दिया, जिसमें उन्होंने आठ मैचों में 184 रन और 12 विकेट लिए थे.
उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें 2022-23 सीज़न के लिए मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टीम में जगह दिलाई.
उन्होंने 2024-25 में हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मुंबई की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे वह सुर्खियों में आए. मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ फाइनल में, उन्होंने 15 गेंदों पर 36 रन की तेज़ पारी खेली, जिससे मुंबई ने 174 रनों का आसानी से पीछा कर लिया.
इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने 251.92 की स्ट्राइक रेट को बरकरार रखा, जिससे दबाव में प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता सभी के सामने आई और शानदार फिनिशर के रूप में उनकी छवि मज़बूत हुई.
आंद्रे सिद्धार्थ
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तमिलनाड़ से आने वाले 18 वर्षीय आंद्रे सिद्धार्थ इस बार चेन्नई सुपर किंग्स की टीम से अपना आईपीएल डेब्यू करने वाले हैं. उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने 30 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया है.
इस साल की शुरुआत में जब तमिलनाडु ने अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी के खिताब को अपने नाम किया, तब सिद्धार्थ भी उस टीम का हिस्सा थे. इससे पहले तमिलनाडु ने आख़िरी बार अंडर-19 खिताब 1991-92 में जीता था, जब सिद्धार्थ के मामा श्रीधरन शरथ उस टीम का हिस्सा थे.
घरेलू क्रिकेट में शरथ के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए सिद्धार्थ से भी काफी उम्मीदें हैं और वह भी इसका बोझ महसूस कर रहे हैं.
इस बोझ के बारे में बात करते हुए सिद्धार्थ ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा, “हां, दबाव तो है, लेकिन यह रन बनाने को लेकर नहीं है. वह (शरथ) तमिलनाडु के इतिहास के सबसे महान बल्लेबाज़ो में से एक है. इसलिए मुझे उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा. मेरे मामा ने बहुत कुछ किया है, मुझे कम से कम उसका आधा हिस्सा तो करना ही होगा, नहीं तो यह मेरे और मेरे मामा के लिए अपमानजनक हो सकता है. इसलिए आज तक मुझ पर यही दबाव है”.
उनके पिता चंद्रशेखर एक डॉक्टर हैं. सिद्धार्थ के करियर पर उनका बहुत प्रभाव रहा है. सिद्धार्थ को लेटेस्ट तकनीक सिखाने के लिए वे कई क्रिकेट मैच और वीडियो देखते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वह कहते हैं, “मुझे पढ़ाई से नफरत थी और क्रिकेट मेरे लिए पढ़ाई से भागने का रास्ता था. लेकिन समय के साथ, मैं क्रिकेट का आदी हो गया और मेरे पिता के बिना यह मुमकिन नहीं हो पाता. हालांकि वह नहीं खेलते थे, लेकिन उन्होंने मुझे विवियन रिचर्ड्स के वीडियो देखकर सब कुछ सिखाया”.
उन्होंने अपने रणजी करियर की शुरुआत 38, नाबाद 66 रन, नाबाद 55 रन, 41 रन, 94 रन और 78 के स्कोर से की. उनके इस प्रदर्शन की बदौलत तमिलनाडु को रणजी ट्रॉफी 2024-25 के पहले चरण में एलीड ग्रुप डी तालिका में शीर्ष जगह को हासिल करने में मदद मिली.
इसके अलावा, उन्होंने उन्होंने इस दौरान चंडीगढ़ की टीम के ख़िलाफ़ अपना पहला रणजी ट्रॉफी शतक भी बनाया. जहां उन्होंने 143 गेंदों में 106 रन बनाए.
रणजी ट्रॉफी में सभी लोगों को प्रभावित करने के बाद, उन्हें यूएई में होने वाले 50 ओवर के एशिया कप के लिए भारत की अंडर-19 टीम में चुना गया. लेकिन वह इस बार अच्छी शुरुआत को आगे बढ़ा नहीं पाए और 4 पारियो में 92 रन ही बना पाए.
अब उन्हें आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स में जगह मिली है. जहां उनके पास महेंद्र सिंह धोनी और आर अश्विन जैसे दिग्गजों का साथ होगा. जिसकी बदौलत वह इस सीज़न अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित