बल्ले से खास नहीं टेम्बा का रिकॉर्ड
टेम्बा बावुमा का बल्ले से इंटरनेशनल क्रिकेट में कोई खास रिकॉर्ड नहीं है। अभी तक उन्होंने 64 टेस्ट खेले हैं। इसकी 110 पारियों में सिर्फ 38 की औसत से रन बना पाए हैं। उनके नाम 3708 रन दर्ज हैं। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 4 शतक लगाए हैं। साउथ अफ्रीका के लिए 100 या उससे ज्यादा टेस्ट पारियां खेलने वाले प्रमुख बल्लेबाजों में टेम्बा के नाम सबसे कम शतक हैं। 118 पारियों में फाफ डु प्लेसिस के 10 तो 104 पारियों में एश्वेल प्रिंस को 11 शतक हैं। डेरिल कुल्लिनन के नाम तो 115 पारी में 14 शतक हैं।
वनडे की कप्तानी में भी खास रिकॉर्ड नहीं
टेस्ट में जरूर टेम्बा बावुमा की कप्तानी में साउथ अफ्रीका ने टेस्ट चैंपियनशिप जीत ली है लेकिन वनडे में उनका कप्तानी रिकॉर्ड खास नहीं है। अपने करियर में अभी तक उन्होंने सिर्फ 48 वनडे खेले हैं। इसमें से 42 में तो कप्तानी ही की है। साउथ अफ्रीका को उसमें 22 जीत और 19 हार मिली। उनका विनिंग प्रतिशत 52.38 है। उनके पहले फाफ डु प्लेसिस नियमित कप्तान थे। उनकी कप्तानी में टीम ने लगभग 72 प्रतिशत मैच जीते। शॉन पोलक ने 92 और ग्रीम स्मिथ ने 149 मैचों में कप्तानी की और टीम ने 60 प्रतिशत से ज्यादा जीत हासिल की। हेनसी क्रोनिए की कप्तानी में 138 में से 99 वनडे साउथ अफ्रीका ने जीते।
अंतिम दौर में क्रिकेटिंग करियर
टेम्बा बावुमा 35 साल से ज्यादा के हो चुके हैं। उनका करियर अंतिम दौर में हैं। यह जीत भले ही खास है लेकिन उनका पर्सनल रिकॉर्ड ऐसा नहीं है, जो दिग्गजों की श्रेणी में जगह दिला दी। टेम्बा अश्वेत क्रिकेटर हैं। साउथ अफ्रीकी टीम में अश्वेत क्रिकेटर्स के लिए कोटा है। कई बार यह कहा जा चुका है कि कोटा सिस्टम की वजह से ही टेम्बा को टीम में जगह मिल पाई। ट्रॉफी जीतकर उन्होंने आलोचकों को चुप तो करवा दिया है लेकिन एक खराब प्रदर्शन के बाद फिर से सवाल उठने लगेंगे।
2023-25 साइकल में हल्की टीमें भी मिलीं
साउथ अफ्रीका ने भले ही टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीता है लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि टीम को पिछले साइकल में बड़ी चुनौती नहीं मिल पाई। अपने घर में उसका मुकाबला तीन एशियाई टीम भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका से हुआ। ये पारंपरिक तौर पर पेस के खिलाफ स्ट्रगल करती हैं। घर के बाहर साउथ अफ्रीका ने न्यूजीलैंड, बांग्लादेश और वेस्टइंडीज से खेला। ये चुनौतियां मुश्किल नहीं थीं। अगले साइकल में टीम को अपने घर में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से खेलना है। वहीं भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका का दौरा करना है, जहां की पिच और परिस्थिति साउथ अफ्रीका के क्रिकेट को फिट नहीं बैठती।