इमेज कैप्शन, आकाश आनंद को बीएसपी से निष्कासित कर दिया गया है
मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से निष्कासित कर दिया है.
इससे एक दिन पहले ही आकाश आनंद को पार्टी के सभी अहम पदों से हटा दिया गया था.
पार्टी प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया पोस्ट कर ये जानकारी दी है और कहा है कि आकाश आनंद को उनके ससुर की तरह ही पार्टी और आंदोलन के हित में निष्कासित किया गया है.
आकाश आनंद को 2019 में पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया था और 2023 में मायावती ने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया था लेकिन अब 2025 आते-आते रिश्तों में खटास बढ़ी और आकाश आनंद न केवल पार्टी के पदों से हटा दिए गए बल्कि पार्टी से ही बाहर कर दिए गए. आइए जानते हैं आकाश आनंद के बारे में
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इमेज कैप्शन, बसपा प्रमुख मायावती और आकाश आनंद एक कार्यक्रम में (फ़ाइल तस्वीर)
इंटरव्यू अंग्रेज़ी में है और क्लिप के नाम में आकाश आनंद का पद सीईओ और एमडी, डीजेटी ग्रुप बताया गया है.
दो मिनट 29 सेकेंड के इस छोटे इंटरव्यू में आकाश डेरिका के बारे में बताते हैं कि अपने हाइपरमार्केट को चलाने के लिए उन्होंने 400 लोगों को नौकरी दी है और उनकी कोशिश रहेगी कि वो स्थानीय लोगों को ही नौकरी देंगे.
इंडियन रिटेलर डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट में आकाश आनंद के हाइपरमार्केट के बारे में तीन आर्टिकल छपे हैं.
इन आर्टिकल्स के मुताबिक़ डेरिका हाइपरमार्केट का एक ऐप भी है. उसके देश भर में पाँच स्टोर्स हैं और साल के अंत तक 25 और स्टोर खोलने जा रहे हैं.
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इमेज कैप्शन, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद आकाश आनंद को बीएसपी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था
बीबीसी को मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉरपोरेट अफ़ेयर्स की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक़ डीजेटी कॉरपोरेशंस एंड इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड 24 जनवरी 2017 में बनाई गई थी.
आकाश आनंद इसके डायरेक्टर हैं.
कंपनी का पता ज़ोरबाग (नई दिल्ली) है और उसका एक और ऑफिस नोएडा के सेक्टर 125 में भी है.
कंपनी की ऑथराइज़्ड कैपिटल 15 करोड़ है.
इसमें एक दिलचस्प जानकारी ये भी है कि आकाश आनंद की कंपनी ने 10 मई 2019 में ढाई करोड़ की एक गाड़ी को गिरवी रख कर को-लैटरल लोन लिया था.
प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लिए जाने वाले लोन को कोलैटरल लोन कहते हैं.
आकाश आनंद के अलावा मनीष प्रसाद और सचिन कुमार दो अन्य लोग भी कंपनी के डायरेक्टर बताए जाते हैं.
मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉरपोरेट अफ़ेयर्स की वेबसाइट पर आकाश आनंद पाँच अन्य कंपनियों के भी डायरेक्टर हैं.
ये कंपनियाँ हैं-
10 अक्तूबर 2019 को बनी डीजेटी रिटेलर्स प्राइवेट लिमिटेड
01 नवंबर 2018 को बनी डीजेटी फ़ाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
01 नवंबर 2018 को बनी डीजेटी कॉरपोरेशंस एंड इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड
07 अप्रैल 2017 को बनी डीजेटी ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड
11 अक्तूबर 2021 को बनी डीजेटी माइक्रो फ़ाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड
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इमेज कैप्शन, आकाश आनंद बसपा प्रमुख मायावती के साथ (फ़ाइल तस्वीर)
आकाश आनंद मायावती के सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं.
वो 2017 में लंदन से पढ़ाई करने के आने के बाद ही बीएसपी के कामकाज से जुड़े थे. मई 2017 में सहारनपुर में ठाकुरों और दलितों के बीच संघर्ष के समय वो मायावती के साथ वहां गए थे.
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद आकाश आनंद को बीएसपी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था लेकिन पार्टी को जीत की रेस में लाने में नाकाम रहे थे. हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आकाश आनंद पार्टी के प्रभारी थे लेकिन सीट जीतना तो दूर की बात है, पार्टी के वोट शेयर में भी गिरावट आई थी.
मायावती ने पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया था. हटाने का तर्क दिया गया था कि अभी उन्हें और परिपक्व होने की ज़रूरत है. लेकिन आकाश को तब हटाया गया था, जब वह सत्ताधारी बीजेपी पर सीधा और तीखा हमला बोल रहे थे.
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद आकाश आनंद की फिर से पार्टी में वापसी हुई. जनवरी में तो एक तरह से आकाश को प्रमोट करते हुए राज्यों की ज़िम्मेदारियों से मुक्त करते हुए सांगठनिक और कैंपेन से जुड़ीं राष्ट्रीय ज़िम्मेदारियां दे दी गई थीं. लेकिन अब 2025 में एक बार फिर पार्टी प्रमुख और आकाश के बीच तल्ख़ियां बढ़ गई हैं और इसके केंद्र में आकाश के ससुर का नाम बार-बार आ रहा है.
लखनऊ में रविवार को बीएसपी की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है, ”कांशीराम के पदचिह्नों पर चलते हुए ही आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया गया है और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया गया है. अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी को पूरे देश में दो गुटों में बाँटकर कमज़ोर किया है.”
मायावती ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बीएसपी की ऑल-इंडिया बैठक में कल आकाश आनंद को पार्टी से निकाले गए उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में बने रहने के कारण, उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर समेत सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया गया था. उनसे उम्मीद की गई थी कि वे पछताएंगे.”
उन्होंने कहा, “लेकिन इसके उलट, आकाश ने जो लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है, वह उसके पछतावे और राजनीतिक परिपक्वता का नहीं, बल्कि उसके ससुर के प्रभाव से भरी हुई स्वार्थी, अहंकारी और गैर-मिशनरी है. जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूं.”
“परंपरा को बनाए रखते हुए, आकाश आनंद को, उनके ससुर की तरह, पार्टी और आंदोलन के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है.”
आकाश आनंद ने पार्टी के पद से हटाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लिखा था, “मैं परमपूज्य आदरणीय बहन कु. मायावती जी का कैडर हूं. उनके नेतृत्व में मैंने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं. ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं.”
उन्होंने ट्वीट में ये भी कहा था, “विरोधी दल के लोग सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फ़ैसले से उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो गया. उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित