दुनिया के मशहूर तबलावादक जाकिर का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया। जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में गुरुवार को स्थानीय समयानुसार दफनाया जाएगा। देश के सबसे प्रसिद्ध संगीतकारों में गिने जाने वाले जाकिर ने 60 वर्ष के अपने करियर में चार ग्रैमी अवार्ड प्राप्त किए। 1988 में उन्हें पद्म श्री 2002 में पद्म भूषण और 2023 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
पीटीआई, नई दिल्ली। मशहूर तबलावादक जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में गुरुवार को स्थानीय समयानुसार दफनाया जाएगा। विश्व के बेहतरीन तबलावादकों में गिने जाने वाले जाकिर का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया।
73 वर्षीय जाकिर फेफड़े की बीमारी से पीड़ित थे। एक पारिवारिक सूत्र ने अपना नाम जाहिर नहीं करते हुए बताया कि गुरुवार 19 दिसंबर को दफनाया जाएगा। हम सैन फ्रांसिस्को में हैं और किस समय दफनाया जाएगा, इसकी अभी जानकारी नहीं है।
चार ग्रेमी अवार्ड से हैं सम्मानित
मशहूर तबलावादक उस्ताद अल्ला रक्खा खान के बेटे जाकिर ने इस वाद्य में क्रांतिकारी बदलाव किया और इसे शास्त्रीय संगीत की सीमाओं से आगे ले जाकर जाज और पश्चिमी शास्त्रीय संगीत सहित अन्य रूपों में भी शामिल किया।
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