इमेज स्रोत, Getty Images
-
- Author, दीपक मंडल
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता
किडनी हमारे शरीर में एक साथ कई काम करती हैं. वे शरीर से अपशिष्ट पदार्थ निकालती हैं. तरल पदार्थों और इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखती हैं.
ये ब्लड प्रेशर पर नज़र रखती हैं और रेड ब्लड सेल बनाने में भी मदद करती हैं. लेकिन किडनी में ख़राबी के शुरुआती लक्षण लोग अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं.
अगर समय रहते इन संकेतों को पहचान लिया जाए तो किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज भी जल्दी शुरू हो सकता है.
आइए जानते हैं वो पांच लक्षण, जिन पर अक्सर हमारा ध्यान नहीं जाता. ये किडनी की बीमारी या इनके ख़राब होने के संकेत हो सकते हैं.
1. जल्दी-जल्दी पेशाब आना
इमेज स्रोत, Getty Images
जल्दी-जल्दी पेशाब आना किडनी ख़राब होने का संकेत हो सकता है. इसे पोलियूरिया कहते हैं.
हालांकि किडनी जब ख़राब हो जाती है तो ज़रूरत से कम पेशाब होता है. अक्सर पेशाब में झाग आने को इसका संकेत कहा जाता है.
सर गंगाराम अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मोहसिन वली कहते हैं लेकिन ये ज़रूरी नहीं है. दूसरी बीमारियों की वजह से भी पेशाब में झाग हो सकता है.
2. शरीर में सूजन
आंखों और पैरों में सूजन किडनी ख़राब होने का संकेत हो सकता है. टखनों और पिंडलियों में सूजन हो तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. ये किडनी की बीमारी की ओर इशारा करती है.
मणिपाल अस्पताल में कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. गरिमा अग्रवाल कहती हैं कि पांव फूलने पर सतर्क हो जाना चाहिए. आंखों, चेहरे और पैरों में सूजन किडनी की बीमारी का संकेत देती है.
3. ब्लड प्रेशर
इमेज स्रोत, Getty Images
विशेषज्ञों के मुताबिक़ ब्लड प्रेशर दोधारी तलवार है. ब्लड प्रेशर ज़्यादा होने से किडनी पर असर पड़ता है.
साथ ही किडनी ख़राब होने से भी ब्ल़ड प्रेशर बढ़ता है.
इसलिए ब्लड प्रेशर को लेकर सजग रहना चाहिए.
डॉ. गरिमा अग्रवाल कहती हैं कि कई बार ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं होता है और दवाइयों की डोज बढ़ जाती है. ये भी किडनी की बीमारी का संकेत है.
4. डायबिटीज़
डायबिटीज़ की वजह से किडनी पर सबसे ज़्यादा असर पड़ता है.
डॉ. गरिमा अग्रवाल कहती हैं कि किडनी के 80 फ़ीसदी मरीज़ डायबिटीज़ से ग्रस्त होते हैं.
30 से 40 फ़ीसदी डायबिटीज़ के मामलों में किडनी पर असर पड़ता है.
डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों में अगर किडनी की बीमारी पनपने लगती है तो उनका शुगर लेवल डाउन भी हो जाता है.
कई साल तक हाई शुगर होने की वजह से किडनी की बीमारी पनपने लगती है.
5. थकान, खुजली और उबकाई
इमेज स्रोत, Getty Images
थकान, शरीर में खुजली और उबकाई आना किडनी की बीमारी के संकेत हो सकते हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक़ शरीर में फॉस्फोरस की कमी होने से खुजली होती है. किडनी की बीमारी से शरीर में फॉस्फोरस की कमी हो जाती है.
किडनी की बीमारी वाले कुछ मरीज़ों को मितली आने लगती है. उन्हें खाने का मन नहीं करता.
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ जीवनशैली किडनी की बीमारी रोकने में काफी हद तक मददगार है. उनका कहना है कि नियमित व्यायाम करने, पर्याप्त पानी पीने और कम नमक और चीनी का इस्तेमाल किडनी की बीमारी की रोकथाम में कारगर हैं.
डॉ. मोहसिन वली और डॉ. गरिमा अग्रवाल दोनों ने बीबीसी हिन्दी को कुछ ऐसे उपाय बताए, जिनसे इस बीमारी से बचा जा सकता है.
पर्याप्त पानी पिएं
इमेज स्रोत, Getty Images
स्वस्थ किडनी में पानी का अहम योगदान होता है. जब आप पर्याप्त पानी पीते हैं तो किडनी उतना पेशाब बनाती है, जिससे हानिकारक तत्व शरीर से बाहर निकल जाएं.
साथ ही किडनी स्टोन और संक्रमण का ख़तरा कम हो जाता है. अगर आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं तो आपका पेशाब साफ़ या हल्का पीला होगा.
डॉ. गरिमा अग्रवाल कहती हैं, सामान्य तौर पर एक दिन में दो से ढाई लीटर पानी पीना चाहिए.
नमक कम खाएं
ज्यादा नमक किडनी के लिए ठीक नहीं है. क्योंकि ये ब्लड प्रेशर बढ़ाता है और किडनी को नुक़सान पहुंचाता है. अचार, पापड़ और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें.
नूडल्स, चाउमीन जैसी चीजों में काफ़ी नमक होता है. इनसे बचें.
सेंधा नमक न खाएं
इमेज स्रोत, Getty Images
आजकल सेंधा नमक खाने का चलन बढ़ा है. लेकिन हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों को सेंधा नमक नहीं खाना चाहिए.
डॉ. मोहसिन वली कहते हैं कि आमतौर पर ये माना जाता है कि सेंधा नमक साधारण नमक की तुलना में सेहत के लिए ज़्यादा अच्छा होता है. लेकिन इसमें पोटेशियम कम और सोडियम ज़्यादा होता है.
शुगर कम करें
किडनी की बीमारियों से बचना है तो मीठा कम खाएं.
चीनी न खाएं तो अच्छा है. केक, कुकीज़, पेस्ट्री और कोला जैसी चीजों में प्रोसेस्ड चीनी होती है.
चीनी मोटापा बढ़ाती है और इससे किडनी की बीमारी बढ़ने का ख़तरा रहता है.
वजन पर काबू रखें
इमेज स्रोत, Disney via Getty Images
विशेषज्ञों का कहना है कि वजन कम करें. क्योंकि मोटे लोगों को किडनी की बीमारी होने का ज़्यादा ख़तरा रहता है.
बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई को कम रखें. यह 24 से कम हो तो बहुत अच्छा.
हल्के शारीरिक व्यायाम जरूर करें. ये बहुत ज़रूरी है. इससे मेटाबॉलिज़्म अच्छा रहता है.
अगर ये अच्छा रहेगा तो जब 50 की उम्र के आसपास पहुंचेंगे तो डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर का ख़तरा कम होगा.
संतुलित आहार लें
फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज से भरपूर खाना खाएं. प्रो-बायोटिक चीज़ें सेहत के लिए अच्छी होती हैं. उन्हें प्राथमिकता दें. तला-भुना खाने से परहेज करें.
पानी की पर्याप्त मात्रा, संतुलित आहार और व्यायाम से किडनी स्वस्थ रहती हैं और आपकी पूरी सेहत अच्छी बनी रहती है.
डॉक्टर से पूछे बगैर दवा न खाएं
इमेज स्रोत, Getty Images
डॉ. गरिमा अग्रवाल कहती हैं, ”अक्सर हम देखते हैं कि लोग बिना डॉक्टर की सलाह के दवा दुकान से दवा खरीद कर खाते हैं.
डॉ. गरिमा अग्रवाल कहती हैं कि सबसे ज्यादा लोग पेन किलर्स लेते हैं.”
उनके मुताबिक़, ”बुजुर्ग लोग अक्सर बदन दर्द और आर्थराइटिस में पेन किलर्स ले लेते हैं. कुछ दवाओं में हैवी मेटल्स और स्टेरॉयड्स हो सकते हैं. इससे किडनी ख़राब हो सकती है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित