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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत की ओर से किए इस दावे को ख़ारिज कर दिया है कि दोनों देशों के बीच मई महीने में हुआ संघर्षविराम पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ था.
इस मामले पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है.
बयान के मुताबिक, “भारतीय मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री, सीनेटर इसहाक़ डार ने कहा है कि पाकिस्तान ने युद्धविराम की अपील थी.”
“हम इन दावों को पूरी तरह ख़ारिज करते हैं कि भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की मांग की थी.'”
पाकिस्तान की ओर जारी इस बयान में कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम करवाने में सऊदी अरब और अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई थी.
बयान के मुताबिक, “पूरा घटनाक्रम ये दिखाता है कि पाकिस्तान ने किसी से सीज़फ़ायर के लिए नहीं कहा. 10 मई 2025 को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इसहाक डार को फ़ोन पर ये सूचित किया था कि अगर पाकिस्तान चाहता है तो भारत सीज़फ़ायर के लिए तैयार है. पाकिस्तान बस इस पर सहमत हुआ था.”
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रुबियो का कॉल सुबह क़रीब सवा आठ बजे आया और नौ बजे के करीब सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल ने भी इसहाक़ डार को कॉल किया और भारत के बारे में वही सूचना दी.
इससे पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फ़ोन पर हुई बातचीत के बारे में जानकारी दी थी.
उन्होंने ये भी कहा था कि पीएम मोदी ने ट्रंप से ये स्पष्ट कहा है कि भारत ने न तो मध्यस्थता स्वीकार की थी और न ही कभी करेगा. भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फ़ायर पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ये कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रुकवाई.