इसराइली हवाई हमलों के ख़िलाफ़ ईरानी एयर डिफ़ेंस सिस्टम की तारीफ़
हमले तेहरान में सुरक्षा और शांति को बाधित करने में विफल
अख़बारों ने बदले की कार्रवाई का भी आह्वान किया
कुछ अख़बारों ने सवाल उठाया कि क्या ये हमला कहानी के अंत की शुरुआत है
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने इसराइली हमलों पर नपी-तुली प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने तत्काल जवाबी कार्रवाई का वादा करने से बचते हुए कहा है कि इसे न तो कमतर आंका जाना चाहिए और ना ही बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाना चाहिए
हालांकि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने कहा कि ईरान हमले का “उचित जवाब देगा”.
लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि ईरान जंग नहीं चाहता. ईरान ने स्वीकार किया है कि इसराइली हमलों में कम से कम चार सैनिक मारे गए.
इसराइल ने कहा कि उसने ईरानी हमलों के जवाब में शनिवार को ईरान में कई जगहों पर सैन्य स्थलों को निशाना बनाया.
इसके तहत एक अक्तूबर को इसराइल ने लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं.
रविवार को इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि इसराइल ने ईरानी एयर डिफ़ेंस और मिसाइल बनाने वाली क्षमता को निशाना बनाया है.
उन्होंने कहा कि हमलों ने “ईरान की रक्षा और मिसाइल बनाने की क्षमता को गंभीर नुक़सान पहुँचा है.”
उन्होंने कहा, “ईरान को एक सरल सिद्धांत समझना चाहिए: जो कोई हमें चोट पहुँचाएगा, हम उसे चोट पहुँचाएंगे.”
उधर ईरान ने आधिकारिक रूप से हमले से हुए नुकसान को अधिक तव्वजो नहीं दी है और कहा है कि अधिकांश मिसा्इलों को रोक दिया गया था.
ईरान ने कहा है कि कुछ मिसाइलों ने सिर्फ़ एयर डिफ़ेंस सिस्टम को सीमित नुकसान ही पहुँचाया है.
‘कुछ नहीं हुआ, ये कहना ग़लत’
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने ईरान पर इसराइल के 26 अक्तूबर के हमले को एक “बुरा क़दम” बताया.
लेकिन उन्होंने कहा कि इस हमले को न ही कम करके आंका जाना चाहिए और ना बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जाना चाहिए.
ईरान की सरकारी न्यूज़ एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक़ ख़ामेनेई ने ये बात 27 अक्तूबर को इसराइली हमले में मारे गए सुरक्षा बलों के परिजनों के साथ एक बैठक के दौरान कही.
एक अक्तूबर को इसराइल पर ईरान के बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले के जवाब में इसराइल ने 26 अक्तूबर के शुरुआती घंटों में ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए थे.
ईरान के मुताबिक़ इन हमलों में कम से कम चार ईरानी सैनिक मारे गए.
ख़ामेनेई ने कहा कि इसराइल अपने हमले को ‘बढ़ा-चढ़ाकर’ बता रहा है, जो ‘ग़लत’ है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह कहना भी ‘ग़लत’ होगा कि ‘इन हमलों की कोई अहमयित नहीं थी.’
ख़ामेनेई ने कहा है कि इसराइल ने ईरान के बारे में ‘ग़लत अनुमान’ लगाया है.
उन्होंने कहा, “वे ईरान को नहीं जानते हैं. ईरानी युवाओं, ईरानी राष्ट्र को नहीं जानते हैं. उन्होंने अभी तक हमारी ताक़त और क्षमता को सही ढंग से नहीं समझा है. हमें उन्हें ईरानी राष्ट्र की इच्छाशक्ति को समझाना होगा.”
ईरान की मीडिया में क्या छप रहा है?
ईरानी मीडिया ने देश के भीतर आम दिनों की ही तरह के हालात जारी होने की तस्वीरें दिखाई हैं.
मीडिया में इसराइली हमलों के असर को काफ़ी सीमित दिखाया जा रहा है. विश्लेषकों ने कहा कि इसका मक़सद ईरानियों को आश्वस्त करना है.
ईरानी प्रेस ने 26 अक्तूबर को इसराइली हवाई हमले के बाद देश के एयर डिफ़ेंस सिस्टम की सराहना की और कहा कि इसने हमलों के प्रभाव को पूरी तरह से बेअसर कर दिया.
ईरानी प्रेस ने पहली बार 27 अक्तूबर को इसराइली हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की क्योंकि जब हमला हुआ तब 26 अक्तूबर के संस्करण पहले ही प्रकाशित हो चुके थे.
सुधारवादी अख़बार सज़ांदेगी और सरकारी अख़बार जाम-ए-जाम की सुर्खियाँ थी – ‘आयरन एयर डिफ़ेंस सिस्टम’.
ईरानी मीडिया ने हमले को कम “घातक” बताया है. सरकार संचालित ईरानी अख़बार ने पलटवार की धमकी भी दी है.
धुर दक्षिणपंथी अख़बार कीहान ने इसराइल के हमले को “एंटीक्लाइमैटिक” बताया है. अख़बार ने कहा कि अब “ईरान की विनाशकारी प्रतिक्रिया का वक़्त” आ गया है.
कीहान ने ये भी दावा किया कि ईरान में सबकुछ कुशल मंगल है. अख़बार ने पहले पन्ने पर शहरों की आम हलचल की तस्वीरें छापी हैं.
रूढ़िवादी अख़बार क़ुद्स ने हेडलाइन दी – “तेहरान में अमन, तेल अवीव में हलचल.”
कहानी के ‘अंत की शुरुआत’?
कट्टरपंथी अख़बार वतन-ए इमरूज़ ने भी इस बात पर ज़ोर दिया कि ईरान को हमलों का जवाब देना चाहिए.
एक अन्य कट्टरपंथी दैनिक, जावन ने “कमज़ोर हमले का दृढ़ता से जवाब देने के ईरान के अधिकार” की बात की. जावन ने लिखा कि यह हमला इसराइल के लिए “डर के दिनों” की शुरुआत है.
रुढ़िवादी अख़बार फ़रहिख़्तेगन ने “अगली सूचना तक” शीर्षक से इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का एक चूहे के साथ एक बिल में दुबके होने कार्टून छापा है.
कुछ दैनिक समाचार पत्रों ने हमले के नतीजों पर अपने विचार रखते हुए ये सवाल भी उठाया है कि अगर हमलों का दौर जारी रहा तो क्या दोनों देशों के बीच युद्ध होगा?
सुधारवादी अख़बार हम्मीहान और सेतारेह सोब नाम के एक अन्य अख़बार में ये सवाल पूछा है कि क्या ये अंत की शुरुआत है.
लेकिन सेतारेह सोभ ने युद्ध के इरादे का कड़ा विरोध किया है.
ईरानी नेता क्या कह रहे हैं?
ईरान के राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने अपनी प्रतिक्रिया में वही बातें दोहराई हैं तो सर्वोच्च नेता ख़ामेनेई ने कही थीं.
उन्होंने एक कैबिनेट बैठक में कहा, “हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन हम अपने राष्ट्र के अधिकारों की रक्षा करेंगे.”
कुछ पर्यवेक्षकों को लगता है कि इसराइली हमले उम्मीद से कहीं कम थे.
अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से इसराइल पर तेल और परमाणु सुविधाओं पर हमला न करने का दबाव डाला था. ऐसा लगता है कि इसराइल ने अमेरिका की ये सलाह मानी है.
ईरानी विदेश मंत्री ने रविवार को कहा कि ईरान को इसराइली हमले के बारे में कुछ घंटे पहले ही “संकेत” मिल गए थे.
विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने विस्तार से जानकारी दिए बिना संवाददाताओं से कहा, “हमें उस रात हमले की आशंका के बारे में शाम से ही संकेत मिले थे.”
पश्चिमी देशों ने ईरान से कोई जवाबी कार्रवाई न करने का आग्रह किया है. उन्हें डर है कि अगर ईरान जवाब देता है तो सारा मध्य-पूर्व जंग की चपेट में आ सकता है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित