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इस्लाम में तलाक़-ए-हसन क्या है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में हो रही है बहस

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Nov 23, 2025


हसन ए तलाक़ क्या है

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, सुप्रीम कोर्ट तलाक़-ए-बिद्दत को पहले ही असंवैधानिक घोषित कर चुकी है

सुप्रीम कोर्ट ने इस्लाम में प्रचलित ‘तलाक़-ए-हसन’ की प्रक्रिया पर गंभीर चिंता जताई है. यह प्रथा पति को तीन महीने के अंदर एक-एक बार ‘तलाक़’ कहकर शादी ख़त्म करने की अनुमति देती है.

इससे पहले 2017 में अदालत तीन तलाक़ यानी तलाक़-ए-बिद्दत को असंवैधानिक घोषित कर चुकी है.

अब सुप्रीम कोर्ट में तलाक़-ए-हसन की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि यह प्रथा “अतार्किक, मनमानी और असंवैधानिक” है क्योंकि यह महिलाओं की समानता, सम्मान और गरिमा के अधिकारों का उल्लंघन करती है.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तलाक़-ए-हसन की प्रक्रिया पर टिप्पणी करते हुए पूछा कि “आधुनिक समाज में ऐसी प्रथा को कैसे स्वीकार किया जा सकता है.”

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